रांची: झारखंड भाजपा की शनिवार को अग्नि परीक्षा होनी है. सचिवालय घेराव के दौरान पुलिस के साथ झड़प और धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में दर्ज एफआईआर संख्या 107/23 मामले में धुर्वा पुलिस ने भाजपा के पांच नेताओं को नोटिस जारी कर 22 अप्रैल को पूछताछ के लिए बुलाया है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश, भाजपा के वरिष्ठ नेता और रांची विधायक सीपी सिंह, हटिया से भाजपा विधायक नवीन जयसवाल, कांके के भाजपा विधायक समरी लाल और भाजपा नेता अशोक बड़ाईक को धारा 41(ए) के तहत जारी नोटिस का जवाब देना है. नोटिस के जरिए हिदायत दी गई है कि आप भविष्य में कोई अपराध नहीं करेंगे. इस कांड में किसी के साक्ष्य के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करेंगे. कांड के तथ्यों से परिचित किसी भी व्यक्ति को कोई धमकी, प्रोलभन या वादा नहीं करेंगे ताकि उसे अदालत या पुलिस अधिकारी को तथ्यों का खुलासा करने से रोका जा सके. जब भी आदेशित हो न्यायालय के समक्ष उपस्थित होंगे.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि वह 22 अप्रैल को धुर्वा थाना जरूर जाएंगे और संवैधानिक तरीके से सभी सवालों का जवाब देंगे. उनके साथ रांची के भाजपा विधायक सीपी सिंह, विधायक नवीन जयसवाल, विधायक समरी लाल और सह मीडिया प्रभारी अशोक बड़ाईक भी जाएंगे. उन्होंने कहा है कि लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे नेताओं पर सरकार ने संगीन अपराध की धाराएं लगाई है. आनन फानन में नोटिस भेजकर थाने बुलाया गया है. उन्होंने कहा कि भाजपा मुकदमों से नहीं डरती. पार्टी सदन से सड़क तक राज्य सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार, ठगबंधन की वादा खिलाफी को उजागर करती रहेगी. विधायक सीपी सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि नोटिस का जवाब देने के लिए कल वह धुर्वा थाना जरूर जाएंगे. जानकारी मिल रही है कि धुर्वा थाना जाने से पहले तमाम भाजपा नेता पार्टी ऑफिस में जुटेंगे. उसके बाद आगे का कार्यक्रम तय होगा. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक धुर्वा पुलिस ने भी पूछताछ को लेकर विशेष तैयारी की है.
क्या हुआ था 11 अप्रैल को: हेमंत हटाओ झारखंड बचाओ के नारे के साथ 11 अप्रैल को भाजपा के तमाम बड़े नेताओं ने धुर्वा के प्रभात तारा मैदान में कार्यकर्ताओं का जुटान कर सचिवालय (प्रोजेक्ट भवन) घेराव के लिए कूच किया था. बैरिकेडिंग पर चढ़ने, पानी की बोतलें फेंकने और पथराव के बाद क्या कुछ हुआ, इसे सभी ने देखा. पुलिस का लाठीचार्ज हुआ था. आंसू गैस के गोले छोड़े गये थे. वाटर कैनन का इस्तेमाल हुआ था. शहीद विश्वनाथ शाहदेव चौक के पास का मैदान रणक्षेत्र में तब्दील हो गया था. कई घायलों को एंबुलेंस से पारस अस्पताल ले जाना पड़ा था. पुलिस के भी कई लोग घायल हुए थे.
कितने लोगों पर दर्ज हुआ है एफआईआर: सचिवालय घेराव के दौरान हंगामे के बाद कार्यपालक दंडाधिकारी उपेंद्र कुमार की ओर से उसी दिन 41 नेताओं को नामजद बनाया गया था. इसमें सांसद संजय सेठ, सांसद सुनील कुमार सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, पूर्व मुख्यमंत्री सह विधायक बाबूलाल मरांडी, विधायक अमित मंडल, सांसद समीर उरांव, सांसद निशिकांत दूबे, सांसद अर्जुन मुंडा, विधायक बिरंची नारायण समेत अन्य नेता और कार्यकर्ता थे. लेकिन इस घेराव का नेतृत्व करने वाले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश का एफआईआर में नाम नहीं आने पर सवाल खड़े हुए थे. इसी के बाद पुलिस ने अन्य लोगों का भी एफआईआर में नाम जोड़ा और नोटिस भी जारी किया. इस मामले में धारा 147, 148, 188, 353, 332, 109 और 427 के तहत कांड दर्ज हुआ है. इसमें एक हजार से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ताओं को भी आरोपी बनाया गया है.