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मानव तस्करीः झारखंड के 4 बच्चे दिल्ली से रेस्क्यू, शिकंजे में गैंग का मास्टरमाइंड

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Published : Feb 8, 2021, 6:37 PM IST

प्रदेश के नाबालिग बच्चों को नौकरी का झांसा देकर दिल्ली में अपराध की दुनिया में झोंकने वाले गिरोह का खुलासा दिल्ली पुलिस ने किया है. इसमें दिल्ली की द्वारका पुलिस की टीम ने झारखंड 4 बच्चों का रेस्क्यू किया और मास्टरमाइंड के साथ गैंग के 7 सदस्यों को गिरफ्तार किया है.

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शिकंजे में गैंग

नई दिल्ली: झारखंड से 7 से 12 साल के गरीब बच्चों को नौकरी का झांसा देकर दिल्ली लाकर उन्हें अपराध की दुनिया में जबरदस्ती झोंकने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. द्वारका साउथ पुलिस ने ना सिर्फ गैंग के मास्टरमाइंड सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया, बल्कि 4 बच्चों को भी रेस्क्यू किया है. पुलिस ने इस गैंग का भंडाफोड़ करते हुए 14 मोबाइल फोन एक एलईडी टीवी और दो ऑटो रिक्शा भी बरामद किया है. जिसके जरिए वह बच्चों को दिल्ली के अलग-अलग इलाके में छोड़ते थे.

देखें पूरी खबर

गैंग के किंगपिन सहित 7 गिरफ्तार

डीसीपी संतोष कुमार मीणा के अनुसार इस गैंग के मास्टरमाइंड का नाम विशाल महतो है, जो झारखंड के साहिबगंज का रहने वाला है. पुलिस टीम ने इस गिरोह में शामिल विशाल महतो के जीजा महेंद्र महतो और उसके भाई चंदू महतो और गिरोह में शामिल अन्य चार लोगों को भी गिरफ्तार किया है.

झारखंड से बच्चे लाकर दिल्ली में करवाते थे जेब तराशी

पुलिस के अनुसार यह गैंग बच्चों को नौकरी दिलाने के बहाने झारखंड से दिल्ली लाता था और उन्हें भी ट्रेनिंग देकर जबरदस्ती जेबकतरी के धंधे में लगा देता था और बच्चों द्वारा चुराए गए मोबाइल फोन और अन्य सामान को आधे दामों में बंगाल के रिसीवर को बेच देता था.

पुलिस ने कई दिनों तक गैंग के बारे में जुटाई जानकारी

इस गैंग को पकड़ने के लिए द्वारका एसीपी सुनील कुमार की देखरेख में द्वरका साउथ एसएचओ राकेश डडवाल, इंस्पेक्टर सतबीर, सब इंस्पेक्टर मनमोहन सिंह, मेहराब आलम, बिक्रमजीत सिंह, महिला सब इंस्पेक्टर ज्योति यादव, एएसआई सुभाष, हेड कॉन्स्टेबल प्रवीण कुमार, प्रवीण सिंह, ओम प्रकाश, कॉन्स्टेबल अन्नू, झाबरमल और शक्ति की टीम ने लगातार कई दिन और रात कार्रवाई करते हुए दिल्ली से झारखंड तक इस गिरोह के बारे में जानकारी हासिल की और एक-एक करके गिरोह के सातों सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया.

इसे भी पढ़ें- रांची रेल मंडल के कार्मिक विभाग के 6 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव, और लोगों में भी संक्रमण की आशंका

पकड़े गये सभी आरोपियों से की जा रही पूछताछ

पुलिस अब इन सातों से पूछताछ कर इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है. जिससे गैंग में अन्य लोग भी यदि शामिल हैं, तो उनकी भी गिरफ्तारी हो सके और इस गैंग को पूरी तरह से खत्म किया जा सके.

नई दिल्ली: झारखंड से 7 से 12 साल के गरीब बच्चों को नौकरी का झांसा देकर दिल्ली लाकर उन्हें अपराध की दुनिया में जबरदस्ती झोंकने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. द्वारका साउथ पुलिस ने ना सिर्फ गैंग के मास्टरमाइंड सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया, बल्कि 4 बच्चों को भी रेस्क्यू किया है. पुलिस ने इस गैंग का भंडाफोड़ करते हुए 14 मोबाइल फोन एक एलईडी टीवी और दो ऑटो रिक्शा भी बरामद किया है. जिसके जरिए वह बच्चों को दिल्ली के अलग-अलग इलाके में छोड़ते थे.

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गैंग के किंगपिन सहित 7 गिरफ्तार

डीसीपी संतोष कुमार मीणा के अनुसार इस गैंग के मास्टरमाइंड का नाम विशाल महतो है, जो झारखंड के साहिबगंज का रहने वाला है. पुलिस टीम ने इस गिरोह में शामिल विशाल महतो के जीजा महेंद्र महतो और उसके भाई चंदू महतो और गिरोह में शामिल अन्य चार लोगों को भी गिरफ्तार किया है.

झारखंड से बच्चे लाकर दिल्ली में करवाते थे जेब तराशी

पुलिस के अनुसार यह गैंग बच्चों को नौकरी दिलाने के बहाने झारखंड से दिल्ली लाता था और उन्हें भी ट्रेनिंग देकर जबरदस्ती जेबकतरी के धंधे में लगा देता था और बच्चों द्वारा चुराए गए मोबाइल फोन और अन्य सामान को आधे दामों में बंगाल के रिसीवर को बेच देता था.

पुलिस ने कई दिनों तक गैंग के बारे में जुटाई जानकारी

इस गैंग को पकड़ने के लिए द्वारका एसीपी सुनील कुमार की देखरेख में द्वरका साउथ एसएचओ राकेश डडवाल, इंस्पेक्टर सतबीर, सब इंस्पेक्टर मनमोहन सिंह, मेहराब आलम, बिक्रमजीत सिंह, महिला सब इंस्पेक्टर ज्योति यादव, एएसआई सुभाष, हेड कॉन्स्टेबल प्रवीण कुमार, प्रवीण सिंह, ओम प्रकाश, कॉन्स्टेबल अन्नू, झाबरमल और शक्ति की टीम ने लगातार कई दिन और रात कार्रवाई करते हुए दिल्ली से झारखंड तक इस गिरोह के बारे में जानकारी हासिल की और एक-एक करके गिरोह के सातों सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया.

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पकड़े गये सभी आरोपियों से की जा रही पूछताछ

पुलिस अब इन सातों से पूछताछ कर इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है. जिससे गैंग में अन्य लोग भी यदि शामिल हैं, तो उनकी भी गिरफ्तारी हो सके और इस गैंग को पूरी तरह से खत्म किया जा सके.

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