रांची: लॉकडाउन के चौथे चरण के शुरुआत के बाद भी सैकड़ों लोग है जो ना तो बाहर जा पा रहे हैं न ही ज्यादा लोगों से संपर्क में आ रहे हैं. ऐसे में साइबर अपराधियों के गैंग ने लॉकडाउन को अपने लिए मौके में तब्दील कर दिया है. लॉकडाउन का फायदा उठा कर साइबर अपराधी आमलोगों की गाढ़ी कमाई उड़ा रहे हैं.
तरीके पुराने, लॉकडाउन का बहाना
साइबर अपराधी गूगल पर संबंधित कंपनी के कस्टमर केयर के नंबर में हेरफेर, फेसबुक पर फेक अकाउंट बना कर रुपयों की मांग, डेबिट क्रेडिट कार्ड में प्रॉब्लम जैसे पुराने तरीके से ही साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन इस बार बहाना लॉकडाउन बन रहा है. लॉकडाउन के तीन चरण तक तो साइबर अपरधियों के शिकार से ज्यादा परेशान और हलकान रहे, लेकिन वे थाना तक भी नहीं पहुंच पाए, क्योंकि सड़कों पर निकलना मना था. वैसे मामले अब धीरे धीरे थानों में पहुंच रहे हैं.
इंटरनेट पर निर्भरता बनी ठगी की वजह
देश और झारखंड में लॉकडाउन 4 की शुरुवात हो चुकी है, इस दौरान कुछ छूट के साथ कारोबारिक गतिविधियां कहीं कहीं शुरू की गई है, लेकिन अभी भी कोरोना के भय के कारण कई जगह व्यवसायिक गतिविधियां ठप पड़ा है. हजारों लोगों को दो महीने से वेतन नहीं मिला है. खाने के लिए रुपये नहीं होने पर सैकड़ों लोग पैदल ही अपने गांव की तरफ चल पड़े हैं. कई लोग अपनी बचत के रुपये से किसी तरह जीवन गुजार रहे हैं. वहीं साइबर अपराधियों के गैंग ने लॉकडाउन को अपने लिए मौके में तब्दील कर दिया है. आलम यह है कि सिर्फ झारखंड के 4 बड़े शहरों राजधानी रांची, जमशेदपुर, दुमका और धनबाद से रोजाना 8 से 10 बैंक और साइबर फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं. दरअसल लॉकडाउन में ज्यादातर लोग घरों में रहकर ऑनलाइन ही सारे काम करे रहे हैं. इसका फायदा उठाने के लिए साइबर अपराधी इस समय ज्यादा सक्रिय हो गए हैं. इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया और नील्सन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या पहली बार 50 करोड़ से पार होकर 50 करोड़ 40 लाख तक पहुंच गई है. यह लॉकडाउन का असर है, लेकिन साइबर अपरधियों ने इसे मौका बना लिया.
सावधानी ही बचाव
झारखंड पुलिस के आईजी अभियान सह पुलिस प्रवक्ता साकेत सिंह की मानें तो साइबर अपराध से बचने के लिए एकमात्र रास्ता जागरूकता ही है, क्योंकि अगर आप जागरूक नहीं हैं तभी आप ठगी के शिकार होंगे, ऐसे में लोगों को लगातार विभिन्न माध्यम से जागरूक किया जाता रहा है. आईजी साकेत सिंह के अनुसार जो भी मामले ठगी के आए हैं उनमें जांच चल रही है और क्रिमिनल्स पकड़े भी जा रहे हैं आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी.
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रांची में एक डीएसपी, दो इंस्पेक्टर के साथ 12 सदस्यीय टीम बनाई गई
लॉकडाउन के दौरान साइबर क्राइम के तरीकों में बदलाव के कारण यह झारखंड पुलिस के लिए एक टफ टारगेट बन गया है. राजधानी की 14 लाख घनी आबादी को मात्र एक साइबर थाना मिल पाया है. इस थाने में एक डीएसपी समेत दो इंस्पेक्टर की टीम है, जो सारे मामलों की जांच करते हैं. वहीं राजधानी रांची समेत जामताड़ा, देवघर, दुमका, धनबाद में साइबर थाने खुल चुके हैं, साथ ही पलामू और पश्चिम सिंहभूम में भी थाना खोलने की तैयारी है. इन थानों के अलावा सभी जिलों में साइबर अपराध पर काम करने के लिए अलग साइबर सेल का गठन भी किया गया है. रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता बताते हैं कि टेक्निकल स्पर्ट्स की एक टीम राजधानी में काम कर रही है जिसमें 12 से अधिक लोग हैं और वे सभी हाल में हुई साइबर ठगी की घटनाओं के खुलासे के साथ साथ आम लोगो को जागरूक भी किया जा रहा है.
रांची साइबर थाने में 60 दिन में 25 मामले दर्ज
राजधानी रांची में साइबर क्राइम से जुड़े 25 मामले लॉकडाउन के दौरान दर्ज हो चुके हैं जिनका अनुसंधान चल रहा है. राज्य के दूसरे जिलों में भी साइबर अपराध के गंभीर मामलों की छानबीन रांची साइबर थाना पुलिस के जिम्मे ही रहती है. झारखंड के हजारीबाग में पीएम फंड के नाम पर भी ठगी की वारदात हो चुकी है, हालांकि इसमें शामिल सभी साइबर अपराधियों को पुलिस ने धर दबोचा है. वहीं लॉकडाउन के दौरान सबसे बड़ी ठगी की वारदात दुमका में अंजाम दिया गया था जहां बैंक के खाते बंद होने के नाम पर साइबर अपराधियों ने 3 करोड़ की ठगी कर ली थी, हालांकि साइबर सेल की टीम ने इस गिरोह का भी खुलासा करते हुए 12 साइबर अपराधियों को धर दबोचा.
साइबर फ्रॉड के कैसे मामले
साइबर अपराध के मामले अगर दो लाख से कम के हों, तो उनकी प्राथमिकी साइबर थाने के अलावा अन्य किसी भी स्थानीय थाने में दर्ज की जाती है. आंकड़ों की मानें, तो विगत वर्ष साइबर अपराध के राजधानी से करीब 414 मामले आए, जबकि इस वर्ष करीब 52 मामले पुलिस ने दर्ज किए हैं. जिनमें लॉकडाउन के दौरान के मामले 25 हैं.
लॉकडाउन के दौरान इन तरीकों से उड़ाये गए पैसे
- किसी के फेसबुक एकाउंट को हैक करके, दोस्तों और रिश्तेदारों से मैसेंजर के माध्यम से बीमारी का बहाना बनाकर पैसे मांगना
- मोबाइल टेलीकॉम कंपनियों के फ्री रिचार्ज के नाम पर लिंक भेजकर ठगी करना.
- फोन के माध्यम से लोगों को कॉल करके खुद को अधिकारी बताकर केवाईसी, आधार लिंक, एटीएम कार्ट रिनुअल, के नाम पर ओटीपी मंगाकर ठगी करना.
- किसी अनजान मोबाइल नंबर से कॉल करके अपने आपको, रिश्तेदार या मित्र होना बताकर, आपको फोन-पे, गूगल-पे- पेटीएम के लिंक या क्यूआर कोड या अन्य माध्यम से पैसे आपके खाते में भेजने या ट्रांसफर करने को बोलकर उसके द्वारा भेजे गए लिंक को क्लिक करने या क्यूआर कोड स्कैन करने पर ठगी करना.
- किसी भी वेबसाइट से ऑनलाइन खरीददारी करने उस साइट से सामग्री ने मिलने और पैसा कटने के बाद गूगल में जाकर उस साइट के हेल्पलाइन नंबर पर बात करके हेल्पलाइन नंबर द्वारा एप डाउनलोड करने को बोलकर उस एप के माध्यम से ठगी होना.
- पीएम और सीएम केयर फंड से रुपये देने के नाम पर बैंक और एटीएम कार्ड से जुड़ी जानकारी लेकर ठगी.
- नामी रेस्तरां के नाम भारी डिस्काउंट और होम डिलीवरी देने के नाम पर ठगी.
लॉकडाउन के दौरान रांची में साइबर फ्रॉड के मामले
बरियातू थाना
रिम्स यूरोलॉजी विभाग के आउटसोर्सिंग स्टाफ सूरज सिंह के खाते से हैकर ने उड़ाए 19000 रुपए.
सुखदेवनगर थाना
बजरा इलाके के रहने वाले सुनील कुमार की सालों पुरानी फेसबुक आईडी का इस्तेमाल कर साइबर ठगों ने करीब 3500 रुपयों की ठगी कर ली. सुनील अभी नई आईडी का इस्तेमाल करते हैं और पुरानी आईडी का पासवर्ड भी भूल चुके हैं. ठगों ने उनकी आईडी से उनके मित्रों को जरूरत में हूं, बीमार हुं जैसे मैसेज भेज 3500 रुपये ले लिए. मामले की शिकायत सुखदेवनगर थाना में कई गयी है.
पुंदाग ओपी
अमेरिका से पार्शल मंगवाने के बहाने कस्टम अफसर बन साइबर अपरधियों ने मो. आमिर खान से 45 हजार ठगे.
लोवर बाजार
कावेरी रेस्टोरेंट कि फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर थाली बुक कर रहे साइबर अपराधी, लोअर बाजार थाने में दर्ज कराई एफआईआर.
सुखदेवनगर
रातू रोड के एनएच 75 पर स्थित पंचशील नगर में शराब बेचे जाने का दावा करते हुए पोस्ट किया गया था. सोशल मीडिया पर नंबर 7064551869 जारी किया गया है. देशी वाइन शॉप के नाम से फेसबुक पेज पर इस तरह का मैसेज खूब वायरल हो रहा है. सुखदेवगनर थाने में इसकी शिकायत की गई थी.
अरगोड़ा
अरगोड़ा स्थित साहू वाइन शॉप के नाम पर भी होम डिलेवरी का दावा किया गया था. सोशल मीडिया पर नंबर बांटा गया और घर तक शराब पहुंचाने की गारंटी ली गई थी. संबंधित मैसेज पर भी नंबर 9090508374 देकर वायरल किया गया था. संबंधित ऑनलाइन ऑर्डर के साथ ही 90 फीसदी राशि का भुगतान करने के लिए कहा गया है. इसके लिए एक अलग नंबर 7064549832 पर पेटीएम या गुगल पे करने के लिए कहा गया था. इसपर अरगोड़ा के साहू वाइन शॉप के संचालक वीरेंद्र साहू ने अरगोड़ा थाने और उत्पाद विभाग से शिकयत की है.
कोतवाली
झारखंड पुलिस एसोसिएशन के एक अधिकारी का फेसबुक हैकर बीमारी का बहाना बनाकर मांगे गए पैसे.