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झारखंड में दंपती संपर्क पखवाड़ा का आयोजन, 27 जून से 10 जुलाई चलेगा कार्यक्रम

झारखंड में 27 जून से 10 जुलाई तक दंपती संपर्क पखवाड़ा मनाया जाएगा. 11 जुलाई से अगले एक पखवाड़े तक परिवार स्वास्थ्य मेला का आयोजन होगा. झारखंड NHM के IEC के नोडल अधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने इसकी जानकारी दी.

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बढ़ती जनसंख्या
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Published : Jun 25, 2021, 7:05 AM IST

रांची: बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने और परिवार नियोजन अपनाने के लिए पूरी दुनिया में 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस (World Population Day) मनाया जाता है. इस वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस से पहले 27 जून से 10 जुलाई तक दंपती संपर्क पखवाड़ा मनाया जाएगा. 11 जुलाई से अगले एक पखवाड़े तक परिवार स्वास्थ्य मेला का आयोजन होगा.

ये भी पढ़ेंः- ओलंपिक को लेकर जागरूक करेगा झारखंड खेल निदेशालय, 25 जून से सोशल मीडिया पर क्विज प्रतियोगिता का आयोजन

झारखंड NHM के IEC के नोडल अधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, इस दौरान परिवार नियोजन को लेकर तमाम तरह की जागरुकता अभियान लक्षित समूहों में चलाया जाएगा, ताकि परिवार को नियोजित करने के लिए दंपती प्रेरित हो सके और दो बच्चों में अंतर का महत्व समझ सके. इससे राज्य में जहां महिलाओं के स्वास्थ्य की रक्षा होगी. वहीं MMR और IMR को भी कम किया जा सकेगा.

झारखंड का वृद्धि दर 2.3

नोडल अधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि इस कार्यक्रम को लेकर साहिया दीदी का रोल अहम होगा, क्योंकि वही गांव में वैसे दंपत्ति की पहचान करेंगी जिन्हें परिवार नियोजित की जरूरत है. सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि राष्ट्रीय जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से झारखंड का वृद्धि दर थोड़ा ज्यादा 2.3 है, इसे कम से कम राष्ट्रीय औसत पर लाना है.

मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण माह

राज्य में आयोडीन की कमी से होने वाली बीमारियां ना हो, इसके लिए नेशनल आयोडीन डिफिशिएंसी डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत पिछले साल 8,65,495 घरों में नमक में आयोडीन का टेस्ट किट के माध्यम से किया गया था, जिसमें 72 प्रतिशत घरों में इस्तेमाल होने वाले नमक में आयोडीन की पर्याप्त मात्रा पाई गई थी. जबकि 27 प्रतिशत घरों के नमक में यह तय मानक से कम था, जबकि 1 प्रतिशत घरों में ऐसे नमक इस्तेमाल हो रहे थे, जिसमें आयोडीन की मात्रा नहीं थी.

इन जिलों में चल रहा है कार्यक्रम

सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि शरीर में आयोडीन की कमी से मानसिक विकास जहां रुक जाता है, वहीं बौनापन और थायराइड डिफिशिएंसी जैसी समस्याएं भी होती है. इस वर्ष भी राज्य के आठ जिलों देवघर, गोड्डा, दुमका, गुमला, लोहरदगा, रांची, साहिबगंज और पलामू में यह कार्यक्रम चल रहा है.

ये भी पढ़ें- रांची: निजी स्कूलों को शिक्षा सचिव की चेतावनी, नियम तोड़ा तो होगी कार्रवाई

पीडियाट्रिक कोविड-19 मैनेजमेंट

IEC नोडल अधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि संभावित कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए भारत सरकार ने पीडियाट्रिक कोविड-19 मैनेजमेंट नाम से गाइडलाइन जारी किया है, जिसमें सभी जिला हॉस्पिटल, सभी सब डिविजनल हॉस्पिटल, फर्स्ट रेफरल यूनिट और सीएससी तक मॉडरेट और सीबीआर रोगियों इलाज की सुविधा सुनिश्चित करने को कहा गया है.

थर्ड वेव से पहले विशेष ट्रेनिंग

उन्होंने बताया कि पहले से ही राज्य सरकार हर जिले से 06 -06 लोगों को, जिसमें 2 पीडियाट्रिक, 2 मेडिकल ऑफिसर और 2 स्टाफ नर्स को ट्रेनिंग दी जा रही है. अब केंद्र सरकार ने 20-20 लोगों को जिसमें 02 पीडियाट्रिक , 06 मेडिकल अफसर और 12 स्टाफ नर्स होंगे उन्हें 08 और 09 जुलाई को प्रशिक्षण दिया जाएगा.

रांची: बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने और परिवार नियोजन अपनाने के लिए पूरी दुनिया में 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस (World Population Day) मनाया जाता है. इस वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस से पहले 27 जून से 10 जुलाई तक दंपती संपर्क पखवाड़ा मनाया जाएगा. 11 जुलाई से अगले एक पखवाड़े तक परिवार स्वास्थ्य मेला का आयोजन होगा.

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झारखंड NHM के IEC के नोडल अधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, इस दौरान परिवार नियोजन को लेकर तमाम तरह की जागरुकता अभियान लक्षित समूहों में चलाया जाएगा, ताकि परिवार को नियोजित करने के लिए दंपती प्रेरित हो सके और दो बच्चों में अंतर का महत्व समझ सके. इससे राज्य में जहां महिलाओं के स्वास्थ्य की रक्षा होगी. वहीं MMR और IMR को भी कम किया जा सकेगा.

झारखंड का वृद्धि दर 2.3

नोडल अधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि इस कार्यक्रम को लेकर साहिया दीदी का रोल अहम होगा, क्योंकि वही गांव में वैसे दंपत्ति की पहचान करेंगी जिन्हें परिवार नियोजित की जरूरत है. सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि राष्ट्रीय जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से झारखंड का वृद्धि दर थोड़ा ज्यादा 2.3 है, इसे कम से कम राष्ट्रीय औसत पर लाना है.

मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण माह

राज्य में आयोडीन की कमी से होने वाली बीमारियां ना हो, इसके लिए नेशनल आयोडीन डिफिशिएंसी डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत पिछले साल 8,65,495 घरों में नमक में आयोडीन का टेस्ट किट के माध्यम से किया गया था, जिसमें 72 प्रतिशत घरों में इस्तेमाल होने वाले नमक में आयोडीन की पर्याप्त मात्रा पाई गई थी. जबकि 27 प्रतिशत घरों के नमक में यह तय मानक से कम था, जबकि 1 प्रतिशत घरों में ऐसे नमक इस्तेमाल हो रहे थे, जिसमें आयोडीन की मात्रा नहीं थी.

इन जिलों में चल रहा है कार्यक्रम

सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि शरीर में आयोडीन की कमी से मानसिक विकास जहां रुक जाता है, वहीं बौनापन और थायराइड डिफिशिएंसी जैसी समस्याएं भी होती है. इस वर्ष भी राज्य के आठ जिलों देवघर, गोड्डा, दुमका, गुमला, लोहरदगा, रांची, साहिबगंज और पलामू में यह कार्यक्रम चल रहा है.

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पीडियाट्रिक कोविड-19 मैनेजमेंट

IEC नोडल अधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि संभावित कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए भारत सरकार ने पीडियाट्रिक कोविड-19 मैनेजमेंट नाम से गाइडलाइन जारी किया है, जिसमें सभी जिला हॉस्पिटल, सभी सब डिविजनल हॉस्पिटल, फर्स्ट रेफरल यूनिट और सीएससी तक मॉडरेट और सीबीआर रोगियों इलाज की सुविधा सुनिश्चित करने को कहा गया है.

थर्ड वेव से पहले विशेष ट्रेनिंग

उन्होंने बताया कि पहले से ही राज्य सरकार हर जिले से 06 -06 लोगों को, जिसमें 2 पीडियाट्रिक, 2 मेडिकल ऑफिसर और 2 स्टाफ नर्स को ट्रेनिंग दी जा रही है. अब केंद्र सरकार ने 20-20 लोगों को जिसमें 02 पीडियाट्रिक , 06 मेडिकल अफसर और 12 स्टाफ नर्स होंगे उन्हें 08 और 09 जुलाई को प्रशिक्षण दिया जाएगा.

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