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PM के नक्शे कदम पर आपदा में भी मुनाफा कमाने की निजी अस्पतालों को नहीं दी जा सकती छूट: कांग्रेस

झारखंड कांग्रेस ने कहा कि राज्य में निजी अस्पतालों को मनमानी की छूट नहीं दी जा सकती है. कांग्रेस का कहना है कि कोरोना समेत अन्य जांच के लिए शुल्क निर्धारित होनी चाहिए और इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई होनी चाहिए.

काग्रेस नेता
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Published : Aug 25, 2020, 7:06 PM IST

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे और राजेश गुप्ता छोटू ने मंगलवार को कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नक्शे कदम पर आपदा में भी बेहिसाब मुनाफा कमाने की छूट निजी अस्पतालों को नहीं दी जा सकती है. अलग झारखंड राज्य गठबंधन के बाद अधिकांश समय तक भाजपा सत्ता में रही है. इस दौरान कॉरपोरेट घरानों के साथ मिलकर राज्य की सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया है.

उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों की मनमानी पर पूरी तरह से अंकुश लगना चाहिए. कोरोना समेत अन्य जांच के लिए शुल्क निर्धारित होनी चाहिए और इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई होनी चाहिए. अगर कोई निजी अस्पताल प्रबंधन इन गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है, तो उसका लाईसेंस रद्द किया जाना चाहिए और जरूरत पड़ने पर ऐसे लोगों को जेल के सलाखों के पीछे भेज दिया जाना चाहिए. निजी अस्पताल प्रबंधन की मनमानी के कारण लोगों की सेवा में जुटे चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों की भी बदनामी हो रही है.

ये भी पढ़ें- दुमका मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन होंगी 1,500 कोरोना सैंपल की जांच, तैयारी पुरी

उन्होंने बिजली विभाग की लापरवाही से खूंटी जिले के अड़की थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति की हुई मौत पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि ग्रामीण बता रहे है कि दो-तीन दिनों से उनके खेत में बिजली का तार गिरा था, लेकिन सूचना देने के बावजूद न तो बिजली विभाग की ओर से लाइन काटी गयी और न ही खेत में गिरे तार हो हटाया गया, जिसके कारण एक बड़ी दुर्घटना हो गयी. उन्होंने इस घटना के लिए जिम्मेवारी बिजली विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को चिह्नित कर कार्रवाई करने और मृतक के आश्रित को समुचित मुआवजा देने की मांग की है.

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे और राजेश गुप्ता छोटू ने मंगलवार को कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नक्शे कदम पर आपदा में भी बेहिसाब मुनाफा कमाने की छूट निजी अस्पतालों को नहीं दी जा सकती है. अलग झारखंड राज्य गठबंधन के बाद अधिकांश समय तक भाजपा सत्ता में रही है. इस दौरान कॉरपोरेट घरानों के साथ मिलकर राज्य की सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया है.

उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों की मनमानी पर पूरी तरह से अंकुश लगना चाहिए. कोरोना समेत अन्य जांच के लिए शुल्क निर्धारित होनी चाहिए और इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई होनी चाहिए. अगर कोई निजी अस्पताल प्रबंधन इन गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है, तो उसका लाईसेंस रद्द किया जाना चाहिए और जरूरत पड़ने पर ऐसे लोगों को जेल के सलाखों के पीछे भेज दिया जाना चाहिए. निजी अस्पताल प्रबंधन की मनमानी के कारण लोगों की सेवा में जुटे चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों की भी बदनामी हो रही है.

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उन्होंने बिजली विभाग की लापरवाही से खूंटी जिले के अड़की थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति की हुई मौत पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि ग्रामीण बता रहे है कि दो-तीन दिनों से उनके खेत में बिजली का तार गिरा था, लेकिन सूचना देने के बावजूद न तो बिजली विभाग की ओर से लाइन काटी गयी और न ही खेत में गिरे तार हो हटाया गया, जिसके कारण एक बड़ी दुर्घटना हो गयी. उन्होंने इस घटना के लिए जिम्मेवारी बिजली विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को चिह्नित कर कार्रवाई करने और मृतक के आश्रित को समुचित मुआवजा देने की मांग की है.

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