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ईडी के समन पर बोले सीएम हेमंत- हम डरने वालों में से नहीं, कोई प्यार से बात करे तो सिर काटकर देने को हैं तैयार, राम मंदिर, गठबंधन और ईवीएम पर क्लियर किया स्टैंड

Achievements of 4 years of Hemant Sarkar. गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने चार साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को मीडिया के सामने रखा. इस दौरान उन्होंने ईडी के समन पर भी अपने दिल की बात बताई. इसके साथ ही उन्होंने राम मंदिर, इंडिया गठबंधन और ईवीएम पर भी अपना स्टैंड क्लियर किया.

Achievements of 4 years of Hemant Sarkar
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 28, 2023, 8:30 PM IST

Updated : Dec 28, 2023, 8:49 PM IST

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने कार्यकाल के चार साल पूरे होने पर मीडिया से सीधा संवाद किया. उन्होंने कोरोना काल में आई दिक्कतों का हवाला देते हुए कम समय में सामाजिक सरोकार से जुड़े समस्याओं के समाधान के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी. ईटीवी भारत की टीम ने उनसे छह समन के बाद भी ईडी दफ्तर नहीं जाने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि "हमे एक बात बताईये. देश में कानून है कि नहीं कि बिना कानून से चलता है. ईडी भी कायदे कानून से चलती है कि नहीं. सरकार भी कायदे कानून से चलती है. अगर हम जिंदा हैं तो जिंदा दिखना भी चाहिए. आपको क्या लग रहा है कि मैं भाग रहा हूं. क्या मैं बोरिया बिस्तर बांधकर विदेश में बस गया हूं. अगर राजनीतिक लोगों पर इतने आरोप लगते हैं तो क्या संवैधानिक संस्थाओं पर आरोप नहीं लगते हैं. लेकिन हकीकत को आप कितने दिन दबाकर रख सकते हैं. देखिए, ईडी के प्रकरण को तो पूरा देश देख रहा है. मुझे इस विषय पर बहुत ज्यादा चिंता नहीं है ".

  • आज रांची में झारखण्ड की जनता के असीम प्रेम और आशीर्वाद के बाद बनी झारखण्डी सरकार के 4 वर्ष पूरा होने से पूर्व मीडिया बंधुओ के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुआ। विपक्ष के षड्यंत्र और चुनौतियों के बाद भी राज्य की जनता को हक-अधिकार दे रही है राज्य सरकार।

    युवा झारखण्ड के बढ़ते… pic.twitter.com/cKkOTpyBeN

    — Hemant Soren (@HemantSorenJMM) December 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुख्यमंत्री ने कहा कि "कुछ परिस्थिति ऐसी होती है जिसकी वजह से कई स्वभाविक दबाव बना रहता है. कुछ आर्टिफिशयल यानी मैन मेड दबाव बना रहता है. चार सालों का हम लोगों ने सफर तय कर लिया है. हम आदिवासी जरुर हैं लेकिन बोका नहीं है. थोड़ा बहुत हमलोगों ने भी सीख लिया है कि इन लोगों के साथ नूरा कुश्ती कैसे खेलना है".

क्या आप पर इंडिया गठबंधन से हटने का है दबाव: मुख्यमंत्री से पूछा गया कि क्या आपको ऐसा लगता है कि आप लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन में शामिल ना हों, इसके लिए आप पर ईडी या अन्य तरीके से प्रेशर बनाया जा रहा है. इसके जवाब में सीएम ने कहा कि जिनको भ्रम है कि सरकार को डराकर, धमकाकर कुछ करवा लिया जाए तो यह बहुत बड़ी भूल होगी. खास तौर पर हमारे साथ क्योंकि हम लोगों की जो राजनीतिक पृष्ठभूमि है वह थोड़ी अलग है. हां, अगर प्यार से कोई बात करें तो हमलोग अपना सिर काटकर भी देने को तैयार है. ये चीजें हमपर लागू नहीं होतीं.

क्या अयोध्या जाएंगे सीएम: इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अभी तक तो न्यौता आया नहीं है. अगर न्यौता आता है तो प्रयास करेंगे कि हम जाएं. मौका मिलेगा तो जरुर जाने की कोशिश करुंगा. वैसे मैं मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारा जाता रहता हूं.

इंडिया गठबंधन और ईवीएम पर बोले सीएम: इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि लोकतंत्र में जनता ही चेहरा तय करती है. हमारे या आपके बनाने को लेकर जो परिपाटी चली है वह हाल के दिनों का क्रिएशन है. उन्होंने कहा कि जहां तक सीट शेयरिंग की बात है तो यह काम समय पर पूरा हो जाएगा. मुख्यमंत्री ने तीन राज्यों के चुनावी नतीजों का हवाला देते हुए ईवीएम पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कई देशों ने इस तकनीक को खत्म कर दिया है. लिहाजा, हमारे देश में भी बैलेट से ही चुनाव होना चाहिए.

क्या फिर एनडीए में जाने का है इरादा: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस सवाल के जवाब में कहा कि ऐसे व्यवहार के साथ लोकतंत्र में लोग राजनीति करते हैं तो मुझे लगता है राजनीति छोड़कर खून खराबे का काम करना चाहिए. राजनीतिक चोला छोड़कर जंग-ए-मैदान में उतर जाना चाहिए. देश के जो भी बड़े लीडर रहे हैं, उनको देखकर लगता है कि इस सवाल की कोई आवश्यकता है कि राजनीति में लोग एक दूसरो को दुश्मन मानकर चलें. अटल बिहारी वाजपेयी, इंदिरा गांधी, जवाहरलाल नेहरु, राजीव गांधी को हमने देखा है. पूरी दुनिया हमारे देश के संघीय ढांचे का लोहा मानती है. कुछ लोग हैं जो आए दिन ऐसे माहौल तैयार करते हैं कि लोग द्वेष भाव से ग्रसित हो जाएं. लोकतंत्र के लिए यह सवाल सही नहीं है. यह कहकर सीएम ने साफ कर दिया कि वर्तमान परिस्थिति में एनडीए गठबंधन उनके लिए फिट नहीं बैठता.

राज्य के मसलों पर बोले सीएम: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार जातीय जनगणना कराने के लिए प्रतिबद्ध है. इस दिशा में कवायद चल रही है. सरकार का फोसक सामाजिक सुरक्षा पर है. सर्वजन पेंशन, पुरानी पेंशन स्कीम, छात्रवृत्ति योजना, पारदेसीय छात्रवृत्ति योजना, ऋण माफी योजना, रोजगार सृजन योजना, नियुक्ति के लिए नियमावली बनाना जैसे काम सामाजिक सुरक्षा से ही जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड देश का पहला राज्य है जहां हाईड्रोजन से चलने वाला इंजन बनेगा. बहुत सी योजनाएं पाईप लाइन में हैं. रांची को ट्रैफिक के जंजाल से मुक्ति के लिए फ्लाइओवर का जाल बिछाया जा रहा है. कई विभागों में बड़ी संख्या में नियुक्तियां हुई हैं. चार वर्षों में सरकारी और गैर सरकारी मिलाकार करीब 2 लाख युवक-युवतियों को नौकरी दी गई है. केंद्र से अगर 1.34 लाख करोड़ का बकाया मिल जाए तो जरुरतमंदों का पेंशन पांच हजार रुपए तक कर देंगे.

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  • आज रांची में झारखण्ड की जनता के असीम प्रेम और आशीर्वाद के बाद बनी झारखण्डी सरकार के 4 वर्ष पूरा होने से पूर्व मीडिया बंधुओ के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुआ। विपक्ष के षड्यंत्र और चुनौतियों के बाद भी राज्य की जनता को हक-अधिकार दे रही है राज्य सरकार।

    युवा झारखण्ड के बढ़ते… pic.twitter.com/cKkOTpyBeN

    — Hemant Soren (@HemantSorenJMM) December 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुख्यमंत्री ने कहा कि "कुछ परिस्थिति ऐसी होती है जिसकी वजह से कई स्वभाविक दबाव बना रहता है. कुछ आर्टिफिशयल यानी मैन मेड दबाव बना रहता है. चार सालों का हम लोगों ने सफर तय कर लिया है. हम आदिवासी जरुर हैं लेकिन बोका नहीं है. थोड़ा बहुत हमलोगों ने भी सीख लिया है कि इन लोगों के साथ नूरा कुश्ती कैसे खेलना है".

क्या आप पर इंडिया गठबंधन से हटने का है दबाव: मुख्यमंत्री से पूछा गया कि क्या आपको ऐसा लगता है कि आप लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन में शामिल ना हों, इसके लिए आप पर ईडी या अन्य तरीके से प्रेशर बनाया जा रहा है. इसके जवाब में सीएम ने कहा कि जिनको भ्रम है कि सरकार को डराकर, धमकाकर कुछ करवा लिया जाए तो यह बहुत बड़ी भूल होगी. खास तौर पर हमारे साथ क्योंकि हम लोगों की जो राजनीतिक पृष्ठभूमि है वह थोड़ी अलग है. हां, अगर प्यार से कोई बात करें तो हमलोग अपना सिर काटकर भी देने को तैयार है. ये चीजें हमपर लागू नहीं होतीं.

क्या अयोध्या जाएंगे सीएम: इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अभी तक तो न्यौता आया नहीं है. अगर न्यौता आता है तो प्रयास करेंगे कि हम जाएं. मौका मिलेगा तो जरुर जाने की कोशिश करुंगा. वैसे मैं मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारा जाता रहता हूं.

इंडिया गठबंधन और ईवीएम पर बोले सीएम: इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि लोकतंत्र में जनता ही चेहरा तय करती है. हमारे या आपके बनाने को लेकर जो परिपाटी चली है वह हाल के दिनों का क्रिएशन है. उन्होंने कहा कि जहां तक सीट शेयरिंग की बात है तो यह काम समय पर पूरा हो जाएगा. मुख्यमंत्री ने तीन राज्यों के चुनावी नतीजों का हवाला देते हुए ईवीएम पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कई देशों ने इस तकनीक को खत्म कर दिया है. लिहाजा, हमारे देश में भी बैलेट से ही चुनाव होना चाहिए.

क्या फिर एनडीए में जाने का है इरादा: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस सवाल के जवाब में कहा कि ऐसे व्यवहार के साथ लोकतंत्र में लोग राजनीति करते हैं तो मुझे लगता है राजनीति छोड़कर खून खराबे का काम करना चाहिए. राजनीतिक चोला छोड़कर जंग-ए-मैदान में उतर जाना चाहिए. देश के जो भी बड़े लीडर रहे हैं, उनको देखकर लगता है कि इस सवाल की कोई आवश्यकता है कि राजनीति में लोग एक दूसरो को दुश्मन मानकर चलें. अटल बिहारी वाजपेयी, इंदिरा गांधी, जवाहरलाल नेहरु, राजीव गांधी को हमने देखा है. पूरी दुनिया हमारे देश के संघीय ढांचे का लोहा मानती है. कुछ लोग हैं जो आए दिन ऐसे माहौल तैयार करते हैं कि लोग द्वेष भाव से ग्रसित हो जाएं. लोकतंत्र के लिए यह सवाल सही नहीं है. यह कहकर सीएम ने साफ कर दिया कि वर्तमान परिस्थिति में एनडीए गठबंधन उनके लिए फिट नहीं बैठता.

राज्य के मसलों पर बोले सीएम: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार जातीय जनगणना कराने के लिए प्रतिबद्ध है. इस दिशा में कवायद चल रही है. सरकार का फोसक सामाजिक सुरक्षा पर है. सर्वजन पेंशन, पुरानी पेंशन स्कीम, छात्रवृत्ति योजना, पारदेसीय छात्रवृत्ति योजना, ऋण माफी योजना, रोजगार सृजन योजना, नियुक्ति के लिए नियमावली बनाना जैसे काम सामाजिक सुरक्षा से ही जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड देश का पहला राज्य है जहां हाईड्रोजन से चलने वाला इंजन बनेगा. बहुत सी योजनाएं पाईप लाइन में हैं. रांची को ट्रैफिक के जंजाल से मुक्ति के लिए फ्लाइओवर का जाल बिछाया जा रहा है. कई विभागों में बड़ी संख्या में नियुक्तियां हुई हैं. चार वर्षों में सरकारी और गैर सरकारी मिलाकार करीब 2 लाख युवक-युवतियों को नौकरी दी गई है. केंद्र से अगर 1.34 लाख करोड़ का बकाया मिल जाए तो जरुरतमंदों का पेंशन पांच हजार रुपए तक कर देंगे.

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Last Updated : Dec 28, 2023, 8:49 PM IST
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