सरायकेला: जिले के दलमा इको सेंसिटिव जोन के रामगढ़ स्थित डांगर गांव में मानगो नगर निगम का कचरा फेंके जाने को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने कड़ा विरोध जताया. बीते कुछ दिनों से इको सेंसिटिव जोन में कचरा डंप किया जा रहा था. जिससे क्षेत्र में दुर्गंध और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. ग्रामीणों ने इस कृत्य की सूचना वन विभाग को दी, जिसके बाद विभाग ने कार्रवाई करते हुए एक जेसीबी को जब्त कर उसके चालक से पूछताछ शुरू की.
दलमा वन क्षेत्र के रेंजर दिनेश चंद्रा ने बताया कि कचरा डंपिंग की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि यदि वन विभाग की जमीन पर कचरा फेंका जा रहा था, तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सभी संबंधित वाहनों को जब्त किया जाएगा. इस दौरान एक अन्य कचरा डंपिंग वाहन मौके से फरार हो या.
स्थानीय समाजसेवी डॉ. सत्यनारायण मुर्मू ने बताया कि कचरा गिराने से यहां की आदिवासी आबादी और पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र दलमा हाथी कॉरिडोर के अंतर्गत आता है और यहां कचरा डंपिंग से न केवल पर्यावरणीय क्षति होगी, बल्कि यहां की आदिवासी जनजाति भी बीमारियों का शिकार हो सकते हैं.
ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया है कि अब यहां कचरा डंपिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी. स्थानीय महिला जिरामणि सिंह ने कहा कि जमशेदपुर के बाजारों से लाया गया कचरा यहां गिराया जा रहा है. इससे गांव में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है और दुर्गंध से जीना मुश्किल हो गया है. ग्रामीणों ने कहा कि 15 दिनों से लोग यह सहन कर रहे थे, लेकिन अब इसे रोकने का फैसला लिया है. अब हम किसी भी हाल में कचरा गिराने नहीं देंगे.
यह मामला तब सामने आया जब मानगो नगर निगम द्वारा क्षेत्र में कई दिनों से कचरे का उठाव नहीं हो रहा था. जिससे स्थानीय नागरिकों ने नाराजगी जताई थी. निगम द्वारा कचरा डंपिंग के लिए दलमा क्षेत्र को चुनने पर सवाल खड़े हो रहे हैं. ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि कचरे का उचित प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए और इस क्षेत्र को अवैध डंपिंग से बचाया जाए. वहीं, वन विभाग ने कार्रवाई तेज करने का आश्वासन दिया है.
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