रांची: हॉकी के महान खिलाड़ी, भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और ओलंपियन जयपाल सिंह मुंडा की आज जयंती है. संविधान सभा के सदस्य रहे जयपाल सिंह मुंडा ने 1938 में पहली बार अलग झारखंड राज्य की मांग उठाई थी. आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, पूर्व प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर, प्रदेश मीडिया प्रवक्ता कमल ठाकुर समेत बड़ी संख्या में नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जयपाल सिंह मुंडा की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जयपाल सिंह मुंडा ने देश की राजनीति के साथ-साथ खेल के मैदान में भी अहम भूमिका निभाई है.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि हॉकी के मैदान में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराने वाले जयपाल सिंह मुंडा ने संविधान सभा के सदस्य के रूप में अपनी अहम भूमिका के कारण आदिवासियों और मूलवासियों के हितों की रक्षा की. केशव महतो कमलेश ने कहा कि जयपाल सिंह मुंडा ने बागुन सुब्रई, एस के बागे के साथ मिलकर अलग राज्य के लिए आंदोलन शुरू किया था. उनके द्वारा शुरू किए गए आंदोलन का ही नतीजा है कि आज झारखंड एक अलग राज्य के रूप में प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है.
खूंटी में हुआ था जयपाल सिंह मुंडा का जन्म
जयपाल सिंह मुंडा का जन्म 03 जनवरी 1903 को झारखंड के खूंटी (तत्कालीन) जिले में हुआ था. प्रतिभावान जयपाल सिंह मुंडा पढ़ाई के लिए ऑक्सफोर्ड भी गए जहां उन्होंने सेंट जॉन्स कॉलेज में उच्च शिक्षा प्राप्त की. पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने हॉकी में भी देश का नाम दुनिया भर में रोशन किया. 1928 में एम्सटर्डम में ओलंपिक हॉकी में पहला स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान जयपाल सिंह मुंडा ही थे. जयपाल सिंह मुंडा को हॉकी से इतना प्यार था कि उन्होंने आईसीएस की परीक्षा पास करने के बाद भी अपनी नौकरी छोड़ दी थी.
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