ETV Bharat / state

रांची: बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में नहीं मनेगा पशु चिकित्सा दिवस, इस वजह से लिया गया निर्णय

author img

By

Published : Apr 25, 2020, 1:14 PM IST

हर साल अप्रैल के अंतिम शनिवार को विश्व पशु चिकित्सा दिवस मनाया जाता है और इस साल भी इसे मनाया जाना था, लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखकर बिरसा कृषि विश्वविधालय की ओर से इसे स्थगित कर दिया गया है.

बरसा कृषि विश्वविद्यालय में नहीं मनेगा पशु पालन दिवस
Birsa Agricultural University will not celebrate World Veterinary Day

रांची: पूरे विश्व में साल 2000 से अप्रैल महीने के अंतिम शनिवार को विश्व पशु चिकित्सा दिवस मनाया जाता है. इसकी खास वजह पशु चिकित्सकों को बढ़ावा देना है. साल 2019 में इसका मुख्य थीम 'पशुओं का टीकाकरण और मूल्यवर्धन' था. जबकि 2020 के लिए मुख्य थीम 'पशु और मानव स्वास्थ्य में सुधार के लिए पर्यावरण संरक्षण' रखा गया था. कोरोना संक्रमण को लेकर इस साल इसे नहीं मनाया जा रहा है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-कोरोना को लेकर बिरसा जैविक उद्यान में बढ़ी सावधानी, जानिए जानवरों की कैसे हो रही है देखरेख

पशु रोग उपचार में कमी से देश को नुकसान

मामले में डॉ सुशील प्रसाद बताते हैं कि पशु रोग उपचार में कमी से देश को हर साल 1.5 लाख करोड़ का नुकसान और 30% पशु उत्पादों में कमी देखी गई है. प्रदेश में गाय, भैंस, बकरी, सूअर और मुर्गी का व्यापक स्तर पर पालन किया जाता है. यहां की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का पशुपालन सर्वाधिक उपयुक्त पशु नस्ल के विकास का योगदान है. एनिमल क्लीनिक कंपलेक्स में हर साल हजारों पशुओं के बीमारी का निशुल्क इलाज होता है. प्रदेश में पशुधन और कुक्कुट के उत्पादों की भारी मांग की संभावना है.

पशुपालकों को जागरूक करने की जरूरत

डीन का कहना है कि ग्रामीण स्तर पर बेहतर पशु चिकित्सा सेवा और पशु उत्पादों को बढ़ावा देकर पशुपालकों को जागरूक करने की जरूरत है, लेकिन लॉकडाउन के कारण इस साल वेटनरी कॉलेज में पशुपालन दिवस नहीं मनाया जा रहा है.

रांची: पूरे विश्व में साल 2000 से अप्रैल महीने के अंतिम शनिवार को विश्व पशु चिकित्सा दिवस मनाया जाता है. इसकी खास वजह पशु चिकित्सकों को बढ़ावा देना है. साल 2019 में इसका मुख्य थीम 'पशुओं का टीकाकरण और मूल्यवर्धन' था. जबकि 2020 के लिए मुख्य थीम 'पशु और मानव स्वास्थ्य में सुधार के लिए पर्यावरण संरक्षण' रखा गया था. कोरोना संक्रमण को लेकर इस साल इसे नहीं मनाया जा रहा है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-कोरोना को लेकर बिरसा जैविक उद्यान में बढ़ी सावधानी, जानिए जानवरों की कैसे हो रही है देखरेख

पशु रोग उपचार में कमी से देश को नुकसान

मामले में डॉ सुशील प्रसाद बताते हैं कि पशु रोग उपचार में कमी से देश को हर साल 1.5 लाख करोड़ का नुकसान और 30% पशु उत्पादों में कमी देखी गई है. प्रदेश में गाय, भैंस, बकरी, सूअर और मुर्गी का व्यापक स्तर पर पालन किया जाता है. यहां की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का पशुपालन सर्वाधिक उपयुक्त पशु नस्ल के विकास का योगदान है. एनिमल क्लीनिक कंपलेक्स में हर साल हजारों पशुओं के बीमारी का निशुल्क इलाज होता है. प्रदेश में पशुधन और कुक्कुट के उत्पादों की भारी मांग की संभावना है.

पशुपालकों को जागरूक करने की जरूरत

डीन का कहना है कि ग्रामीण स्तर पर बेहतर पशु चिकित्सा सेवा और पशु उत्पादों को बढ़ावा देकर पशुपालकों को जागरूक करने की जरूरत है, लेकिन लॉकडाउन के कारण इस साल वेटनरी कॉलेज में पशुपालन दिवस नहीं मनाया जा रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.