देवघरः भारत में बुजुर्गों का सबसे अधिक सम्मान होता है. साथ ही बुजुर्गों के अनुभवों का भी युवाओं को लाभ मिलता है, लेकिन कई बार बुजुर्गों की अनदेखी की भी खबरें आती हैं. कई बार बुजुर्ग घरेलू विवाद का शिकार हो जाते हैं. ऐसे में बुजुर्गों को सम्मान देने और उन्हें मनोरंजित करने के लिए देवघर जिला प्रशासन सजग दिख रहा है. बिहार-झारखंड में देवघर ही एकमात्र ऐसा जिला है जहां पेंशनर समाज के लिए एक विशेष भवन बनाया गया है.
देवघर कोर्ट परिसर में बनाया गया है भवन
देवघर कोर्ट परिसर में पेंशनर समाज के लिए सरकार द्वारा विशेष भवन बनाया गया है, ताकि सेवानिवृत्त बुजुर्ग फुर्सत के समय को अच्छे से एंजॉय कर सकें. इस संबंध में पेंशनर कल्याण समाज के वरिष्ठ सदस्य अशोक पांडेय बताते हैं कि इस भवन के बनने के बाद देवघर के बुजुर्ग खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं, क्योंकि पूरे बिहार और झारखंड में देवघर में ही बुजुर्गों को ऐसे भवन का लाभ मिल पा रहा है.
वर्ष 2013 में हुआ था भवन का निर्माण
वहीं देवघर शहर के बुजुर्ग रामाज्ञा कुमार बताते हैं कि वर्ष 2013 में इस भवन का निर्माण किया गया था. तत्कालीन राज्यसभा सांसद जयप्रकाश नारायण के सौजन्य से बुजुर्गों को देवघर में यह भवन उपलब्ध हो पाया है.
पेंशनर भवन से बुजुर्गों को राहत
भवन का लाभ उठा रहे बुजुर्ग राजेंद्र पासवान बताते हैं कि सेवानिवृत्त होने के बाद परिवार में ज्यादा समय बिताना हम लोगों के लिए मुश्किल होता है. ज्यादा समय घर में बिताने से कई बार बुजुर्ग घरेलू विवाद में पड़ जाते हैं. इसलिए देवघर में बना यह पेंशनर भवन कहीं न कहीं देवघर के बुजुर्गों को राहत पहुंचा रहा है.देवघर जिले के सभी रिटायर्ड कर्मचारी सुबह 10:00 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक इस भवन में समय बिताते हैं. इससे बुजुर्गों को मानसिक शांति तो मिलती ही है. साथ ही पारिवारिक विवाद से भी उन्हें निजात मिलती है.
गौरतलब है कि देवघर का जिला पेंशनर भवन आज बुजुर्गों को सिर्फ राहत ही नहीं पहुंचा रहा, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी मजबूत कर रहा है. पेंशनर्स कल्याण समाज के द्वारा बनाए गए इस भवन को लेकर बुजुर्गों ने एक स्वर में कहा कि यदि इस तरह का भवन देश के सभी जिलों में बना दिया जाए तो निश्चित रूप से बुजुर्गों के साथ हो रहे अत्याचार में कमी आएगी.
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