रांची: झारखंड सरकार पशुपालन को बढ़ावा देने की लगातार कोशिश कर रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर राज्य में जल्द वेटनरी यूनिवर्सिटी की स्थापना हो जाएगी. इसके लिए बजटीय उपबंध भी कर दिया गया है. इसके साथ-साथ राज्य के पशुधन को बीमारी के समय बेहतर चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए रांची में टेलीमेडिसीन सेवा का शुभारंभ सोमवार को कृषि एवं पशुपालन मंत्री बादल पत्रलेख ने किया.
आदर्श पशु हॉस्पिटल एंड वीडियो कॉल बेस्ड टेलीमेडिसीन सेंटर का उद्घाटनः हेसाग स्थित पशुपालन मुख्यालय में आदर्श पशु हॉस्पिटल एंड वीडियो कॉल बेस्ड टेलीमेडिसीन सेंटर के लोकार्पण के दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की आय हम तब तक नहीं बढ़ा सकते, जबतक हमारा पशुपालन उन्नत और समृद्ध नहीं हो जाता. विभागीय मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि हमारी सरकार में सिस्टम से लेकर रिस्पॉन्स तक सब कुछ बदल रहा है. कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग को वर्तमान सरकार ने संवारने के काम किया है और अब इसका असर भी दिखने लगा है. हमने संवारने का काम किया है.
केरल के दौरे के बाद पशुपालन में पिछड़ेपन का हुआ अहसास-बादल पत्रलेखः राज्य में आदर्श और उन्नत पशु अस्पताल की जरूरत का जिक्र करते हुए मंत्री बादल पत्रलेख ने राज्य भर से आए पशु चिकित्सकों, पशु पालकों और पशु सखियों से कहा कि पिछले दिनों केरल के दौरे के बाद हमें ये महसूस हुआ कि कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में हम काफी पीछे हैं. हमें भी अपने राज्य में समृद्ध किसान, समृद्ध पशुपालक की परिकल्पना को साकार करने का संकल्प लेकर आगे बढ़ना है. बादल पत्रलेख ने कहा कि हमारे यहां प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है. कम से कम संसाधनों में बेहतर नतीजे देने वाले पशु चिकित्सकों की टीम है. ऐसे में कोई कारण नहीं कि हमारे पशुधन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं ना मिले. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी प्रखंडों और 23 जिले के पशु अस्पताल भी बेहतर हो इसका प्रयास सरकार कर रही है. इसके लिए सरकार बजट भी बढ़ाने जा रही है. कृषि मंत्री ने राज्य के सरकारी पशु चिकित्सकों से आह्वान किया कि वह पशुओं के इलाज के साथ-साथ पशुपालकों की काउंसलिंग भी करें.
कृषि का विकल्प है पशुपालनः जलवायु परिवर्तन का खेती पर असर का जिक्र करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि आज मौसम का मिजाज बदल रहा है. इसलिए पशुपालन क्षेत्र कृषि का वैकल्पिक व्यवसाय बन सकता है.राज्य में जल्द 236 पशु एंबुलेंस शुरू करने की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि पहले ही 23 और 66 नए पशु चिकित्सकों की नियुक्ति जेपीएससी के माध्यम से की गई हैं,अन्य खाली पड़े पद भी भरे जा रहे हैं.
वीडियो कॉल बेस्ड टेलीमेडिसीन की सफलता डॉक्टरों के रिस्पॉन्स पर निर्भर: सचिवः राज्य के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दिख ने कहा कि आज के दौर में तकनीक से अपग्रेड रहने की जरूरत है. आज के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी के माध्यम से बड़े-बड़े इलाज किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वीडियो कॉल बेस्ड टेलीमेडिसीन तभी सफल होगा, जब आप पशु चिकित्सक कॉल करने वाले को तुरंत रिस्पॉन्स देंगे. व्हाट्सएप कॉल पर संबंधी बीमारी की दवाई बताने की बजाय व्हाट्सएप मैसेज का इस्तेमाल करना ज्यादा उचित होगा. कोई भी दवाई देने के बाद उसका फीड बैक जरूर लें. अगर आप कॉल पर रिस्पॉन्स नहीं देंगे तो यह योजना फेल हो जाएगी.
इस नंबर पर पशु चिकित्सक से मिलेगा निःशुल्क परामर्शः यदि पशु बीमार पड़े तो मोबाइल नंबर 9431389674 पर फोन कर टेलीमेडिसिन की सुविधा ले सकते हैं. इस नंबर पर व्हाट्सएप कॉल या वीडियो कॉल कर के बीमार पशुओं का इलाज कैसा किया जाए इस संबंध में पशु चिकित्सक से निःशुल्क परामर्श ले सकते हैं.
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अस्पताल में 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे पशु चिकित्सक और पैथोलॉजी के जानकारः वहीं पशुपालन विभाग के निदेशक आदित्य रंजन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पशुओं के इलाज के लिए राज्य में पहला 24X7 अस्पताल शुरू हुआ है. जिसमें डॉक्टर और पैथोलॉजी के जानकर 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे. अब निदेशालय फेजवाइज 100-100 अस्पताल के कायाकल्प का लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ेगा. इस अवसर पर गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद, उपाध्यक्ष राजीव गिरि, कृषि निदेशक संजय सिन्हा सहित कई पदाधिकारी, पशु चिकित्सक, पशु सखी और पशुपालक मौजूद रहे.