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अंग्रेज गवर्नर की बेटी और आदिवासी चरवाहे की अमर प्रेम कहानी, प्यार, और बलिदान का प्रतीक नेतरहाट का मैगनोलिया प्वाइंट - VALENTINES DAY

वेलेंटाइन वीक पर जानिए लातेहार जिले के मैगनोलिया सन सेट प्वाइंट की ये प्रेम, विरह और बलिदान का प्रतीक है.

VALENTINES DAY
मैगनोलिया और चरवाहे की प्रेम कहानी की निशानी (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 11, 2025, 3:12 PM IST

लातेहार: जिले के नेतरहाट का मैगनोलिया प्वाइंट प्रेम, विरह, वेदना और बलिदान की निशानी है. मैगनोलिया प्वाइंट दो प्रेमियों के मिलन से लेकर विरह, वियोग और उनके बलिदान तक का प्रत्यक्ष गवाह है. यहां एक अंग्रेज राजकुमारी ने अपने प्रेमी के विरह में सैकड़ों फीट गहरी खाई में कूद कर अपने प्रेम को अमर कर दिया था.

मैगनोलिया प्वाइंट से जानकारी देते संवाददाता राजीव कुमार (ईटीवी भारत)

कहा जाता है कि प्रेम न किसी बंधन का मोहताज होता है और न इसकी कोई सीमा होती है. नेतरहाट के हसीन वादियों में एक ऐसा ही प्यार जन्म हुआ था. इस प्यार का अंत तो काफी दुखद हुआ था, लेकिन मौत के बाद भी प्रेमी-प्रेमिका अमर हो गए. दरअसल यह बात उन दिनों की है जब भारत में अंग्रेजों का शासन हुआ करता था. नेतरहाट अंग्रेजों का प्रिय स्थलों में से एक था. यहां आकर अंग्रेज गवर्नर भी रहते थे. एक अंग्रेज गवर्नर की बेटी मैगनोलिया भी अपने पिता के साथ नेतरहाट में प्रवास करने आई थी.

Valentines Day
मैगनोलिया की घोड़े का प्रतिमा (ईटीवी भारत)

अंग्रेज गवर्नर की बेटी रोज अपने घोड़े पर सवार होकर नेतरहाट की हसीन वादियों में भ्रमण करने निकल जाती थी. एक दिन नेतरहाट की वादियों में बांसुरी की मधुर धुन सुनाई दी. बांसुरी की धुन इतनी प्यारी थी कि मैगनोलिया उसकी ओर बढ़ती चली गई. मैगनोलिया ने देखा कि एक चरवाहा बटुक जो अपने मवेशियों को चरा रहा था और पास में बैठकर बांसुरी भी बजा रहा था. इसके बाद अक्सर मैगनोलिया बांसुरी की धुन को सुनने के लिए चरवाहे के पास जाने लगी और धीरे-धीरे दोनों में प्रेम बढ़ने लगा. दोनों में गहरा प्रेम हो गया और अक्सर मैगनोलिया घंटो बैठकर नेतरहाट की हसीन वादियों में चरवाहा बटुक की बांसुरी की मधुर धुन को सुनने लगी.

अंग्रेज गवर्नर ने करवा दी चरवाहे की हत्या तो बेटी ने भी दे दी जान

चरवाहे और मैगनोलिया के प्यार की बात जब अंग्रेज गवर्नर को पता चली तो वह आग बबूला हो गए. इसके बाद गवर्नर के सैनिकों ने चरवाहे को नेतरहाट की पहाड़ियों की सैकड़ों फीट गहरी खाई में फेंक दिया. उधर मैगनोलिया जब घोड़े पर सवार होकर चरवाहे को ढूंढने के लिए निकली, तो कुछ लोगों ने उसे बताया कि चरवाहे की हत्या कर इसी गहरी खाई में फेंक दिया गया.

Valentines Day
मैगनोलिया और चरवाहे की प्रेम पेंटिंग प्रतिमा (ईटीवी भारत)

चरवाहे की हत्या की खबर सुन मैगनोलिया बुरी तरह टूट गई. वह हत्या की खबर को बर्दाश्त न कर सकी और अपने घोड़े के साथ गहरी खाई में छलांग लगाकर अपनी जिंदगी समाप्त कर ली. इस प्रकार एक सच्चे निस्वार्थ और अमर प्रेम का अंत हो गया. हालांकि चरवाहे और मैगनोलिया के शरीर का अंत तो हो गया, लेकिन मैगनोलिया ने अपने प्रेमी के वियोग में अपनी जान देकर अपने प्रेम को अमर कर दिया.

इतिहास के पन्नों में दबा है मैगनोलिया और बटुक की प्रेम कहानी

मैगनोलिया और बटुक की प्रेम कहानी आज भी इतिहास के पन्नों में दबा हुआ है. नेतरहाट आने वाले लोग ही उनकी प्रेम कहानी के बारे में जान पाते हैं. अगर कहा जाए तो बटुक और मैगनोलिया की प्रेम कहानी किसी भी सूरत में लैला-मजनू, सोनी-महिवाल, हीर-रांझा आदि की प्रेम कहानियों से कम नहीं है. इन दोनों की प्रेम कहानी यह साबित करती है कि प्रेम निस्वार्थ होता है, इसमें न किसी उम्र की सीमा होती है और न जन्म का बंधन होता है.

नेतरहाट से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है मैगनोलिया प्वाइंट

झारखंड का नेतरहाट किसी पहचान का मोहताज नहीं है. नेतरहाट बाजार से 9 किलोमीटर की दूरी पर बटुआ टोली में मैगनोलिया प्वाइंट स्थित है. यहां मैगनोलिया और चरवाहा की प्रतिमा भी लगाई गई है. वहीं शिलापट्ट में दोनों की प्रेम कहानी को भी अंकित किया गया है. यह स्थान सनसेट प्वाइंट के रूप में भी प्रचलित है.

ये भी पढ़ें- Valentines Day: प्रेम और विरह की अमर दास्तान बयां करता है लातेहार का मैगनोलिया प्वाइंट

नेतरहाट में सूर्योदय का विहंगम दृश्य देख आनंदित हुए राज्यपाल रमेश बैस, कैमरे में उतारी तस्वीर

वेलेंटाइन डे विशेष: जानिए नेतरहाट के मैगनोलिया और चरवाहे की अमर प्रेम कहानी

लातेहार: जिले के नेतरहाट का मैगनोलिया प्वाइंट प्रेम, विरह, वेदना और बलिदान की निशानी है. मैगनोलिया प्वाइंट दो प्रेमियों के मिलन से लेकर विरह, वियोग और उनके बलिदान तक का प्रत्यक्ष गवाह है. यहां एक अंग्रेज राजकुमारी ने अपने प्रेमी के विरह में सैकड़ों फीट गहरी खाई में कूद कर अपने प्रेम को अमर कर दिया था.

मैगनोलिया प्वाइंट से जानकारी देते संवाददाता राजीव कुमार (ईटीवी भारत)

कहा जाता है कि प्रेम न किसी बंधन का मोहताज होता है और न इसकी कोई सीमा होती है. नेतरहाट के हसीन वादियों में एक ऐसा ही प्यार जन्म हुआ था. इस प्यार का अंत तो काफी दुखद हुआ था, लेकिन मौत के बाद भी प्रेमी-प्रेमिका अमर हो गए. दरअसल यह बात उन दिनों की है जब भारत में अंग्रेजों का शासन हुआ करता था. नेतरहाट अंग्रेजों का प्रिय स्थलों में से एक था. यहां आकर अंग्रेज गवर्नर भी रहते थे. एक अंग्रेज गवर्नर की बेटी मैगनोलिया भी अपने पिता के साथ नेतरहाट में प्रवास करने आई थी.

Valentines Day
मैगनोलिया की घोड़े का प्रतिमा (ईटीवी भारत)

अंग्रेज गवर्नर की बेटी रोज अपने घोड़े पर सवार होकर नेतरहाट की हसीन वादियों में भ्रमण करने निकल जाती थी. एक दिन नेतरहाट की वादियों में बांसुरी की मधुर धुन सुनाई दी. बांसुरी की धुन इतनी प्यारी थी कि मैगनोलिया उसकी ओर बढ़ती चली गई. मैगनोलिया ने देखा कि एक चरवाहा बटुक जो अपने मवेशियों को चरा रहा था और पास में बैठकर बांसुरी भी बजा रहा था. इसके बाद अक्सर मैगनोलिया बांसुरी की धुन को सुनने के लिए चरवाहे के पास जाने लगी और धीरे-धीरे दोनों में प्रेम बढ़ने लगा. दोनों में गहरा प्रेम हो गया और अक्सर मैगनोलिया घंटो बैठकर नेतरहाट की हसीन वादियों में चरवाहा बटुक की बांसुरी की मधुर धुन को सुनने लगी.

अंग्रेज गवर्नर ने करवा दी चरवाहे की हत्या तो बेटी ने भी दे दी जान

चरवाहे और मैगनोलिया के प्यार की बात जब अंग्रेज गवर्नर को पता चली तो वह आग बबूला हो गए. इसके बाद गवर्नर के सैनिकों ने चरवाहे को नेतरहाट की पहाड़ियों की सैकड़ों फीट गहरी खाई में फेंक दिया. उधर मैगनोलिया जब घोड़े पर सवार होकर चरवाहे को ढूंढने के लिए निकली, तो कुछ लोगों ने उसे बताया कि चरवाहे की हत्या कर इसी गहरी खाई में फेंक दिया गया.

Valentines Day
मैगनोलिया और चरवाहे की प्रेम पेंटिंग प्रतिमा (ईटीवी भारत)

चरवाहे की हत्या की खबर सुन मैगनोलिया बुरी तरह टूट गई. वह हत्या की खबर को बर्दाश्त न कर सकी और अपने घोड़े के साथ गहरी खाई में छलांग लगाकर अपनी जिंदगी समाप्त कर ली. इस प्रकार एक सच्चे निस्वार्थ और अमर प्रेम का अंत हो गया. हालांकि चरवाहे और मैगनोलिया के शरीर का अंत तो हो गया, लेकिन मैगनोलिया ने अपने प्रेमी के वियोग में अपनी जान देकर अपने प्रेम को अमर कर दिया.

इतिहास के पन्नों में दबा है मैगनोलिया और बटुक की प्रेम कहानी

मैगनोलिया और बटुक की प्रेम कहानी आज भी इतिहास के पन्नों में दबा हुआ है. नेतरहाट आने वाले लोग ही उनकी प्रेम कहानी के बारे में जान पाते हैं. अगर कहा जाए तो बटुक और मैगनोलिया की प्रेम कहानी किसी भी सूरत में लैला-मजनू, सोनी-महिवाल, हीर-रांझा आदि की प्रेम कहानियों से कम नहीं है. इन दोनों की प्रेम कहानी यह साबित करती है कि प्रेम निस्वार्थ होता है, इसमें न किसी उम्र की सीमा होती है और न जन्म का बंधन होता है.

नेतरहाट से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है मैगनोलिया प्वाइंट

झारखंड का नेतरहाट किसी पहचान का मोहताज नहीं है. नेतरहाट बाजार से 9 किलोमीटर की दूरी पर बटुआ टोली में मैगनोलिया प्वाइंट स्थित है. यहां मैगनोलिया और चरवाहा की प्रतिमा भी लगाई गई है. वहीं शिलापट्ट में दोनों की प्रेम कहानी को भी अंकित किया गया है. यह स्थान सनसेट प्वाइंट के रूप में भी प्रचलित है.

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