पलामू: एक करोड़ का इनामी नक्सली कमांडर सुधाकरण ने पुलिस के सामने आत्मसर्पण कर दिया है. सुधाकरण बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का सुप्रीम कमांडर था. उसके कमांडर बनाए जाने से बिहार झारखंड के नक्सली खुश नहीं थे, जिससे सुधाकरण को संगठन में ही जान का खतरा था.
सुधाकरण के आत्मसमर्पण से नक्सली संगठन बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ में नेतृत्व विहीन माना जा रहा है. सुधाकरण को पकड़ने के लिए पुलिस 20 से अधिक कैम्प लगाकर लगातार सर्च अभियान चला रही थी. सुधाकरण मूल रूप से तेलंगाना का रहने वाला है. इनामी नक्सली देव कुमार सिंह उर्फ अरविंद की मौत के बाद सुधाकरण को संगठन ने 2018 में सुप्रीम कमांडर बनाया था.
सुधाकरण को कोयल शंख जोन और मध्यजोन को मजबूत करने की भी जिम्मेवारी सौंपी गई थी. इससे पहले सुधाकरण छत्तीसगढ़ में सक्रिय था. जहां उन्होंने कई आतंक के खेल खेले थे. सुधाकरण तेज तर्रार दिमाग वाला नक्सली माना जाता था. संगठन में कमांडर की जिम्मेवारी मिलते ही उन्होंने नक्सलियों को मोबाइल का उपयोग नहीं करने को लेकर फरमान जारी किया था.
सुधाकरण के भाई के पास से पुलिस को लाखों का सोना पकड़े जाने के बाद से संगठन ने उनसे दूरियां बनानी शुरु कर दी थी. साथ ही उसके कमांडर बनाए जाने से बिहार झारखंड के नक्सली भी खुश नहीं थे, जिससे उन्हें संगठन में ही जान का खतरा था. इसीलिए सुधाकरण ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करना ही उचित समझा.