पलामू: जिला के पांडु थाना क्षेत्र के मुरुमातु में महादलित बस्ती उजाड़ने (Demolition of Dalit Basti in Palamu) का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. मामले में आज पलामू डीसी ए दोड्डे ने घटनास्थल का जायजा लिया. साथ ही दोनों पक्षों के लोगों से पूरे मामले की जानकारी ली. इधर मामले में मुरुमातु के मुखिया इबरार अहमद, सदर डॉ रसूल समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इसके अलावा मुरुमातु के इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात कर दिया गया. बस्ती से उजड़े हुए महादलित परिवार के सदस्य को पांडु थाना के पुराने भवन में रखे गए हैं. प्रशासनिक तंत्र द्वारा सभी को खाने और रहने की व्यवस्था की गई है.
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डीसी ने बताया जमीन विवाद का मामाला: घटनास्थल का जायजा लेने के बाद पलामू डीसी ए दोड्डे ने पीड़ित दलित परिवारों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को भी सुना. डीसी के कहा कि यह पूरी तरह से जमीन विवाद का मामला है. यह कोई कम्युनल या अन्य विवाद नहीं है. पूरे मामले में प्रशासनिक तंत्र जांच कर रही है. मौके पर धारा 144 लगा दी गई है और पुलिस बल की तैनाती की गई है.
महादलितों के पास नहीं हैं जमीन के कागजात, उन्हें बसाया जाएगा: डीसी ए दोड्डे ने कहा कि महादलितों के पास जमीन के कोई कागजात नहीं हैं. दूसरे पक्ष ने जमीन पर दावा करते हुए कागजात प्रस्तुत किया है. प्रस्तुत कागजात को पलामू जिला प्रशासन पूरी तरह से जांच करेगी. जांच में जमीन जिसकी होगी उसे दी जाएगी. डीसी ने कहा कि महादलितों को जमीन दिया जाएगा और उन्हें बसाया जाएगा. उन्हें आवास योजना का लाभ दिया जाएगा. डीसी ने कहा कि महादलित परिवारों के सभी तरह के कागजात बनाए जाएंगे और उन्हें थाना के बगल में बसाया जा सकता है.
डीसी ने कहा पूरे मामले की होगी जांच: घटना की जानकारी सीओ और पुलिस तक देर से पंहुची थी. डीसी ने कहा कि पूरे मामले में जांच करवाई जाएगी. पूरे मामले में पीड़ितों के बयान के आधार पर 12 नामजद जबकि 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. जबकि महादलितों को बसाने के दौरान हुए विवाद के बाद पांडू सीओ के बयान के आधार 50 नामजद और 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस की टीम इलाके में गश्त कर रही है. डीसी के अलावा पुलिस और प्रशासन के कई टॉप अधिकारी भी मुरुमातु का दौरा करने वाले हैं. मौके पर सदर एसडीएम राजेश कुमार शाह, एसडीपीओ सुरजीत कुमार, एनडीसी शैलेश कुमार कैंप कर रहे हैं.
क्या है पूरा मामला: दरअसल, बीते सोमवार को विशेष समुदाय के लोग भीड़ की शक्ल में पांडू थाना क्षेत्र के मुरुमातु के महादलित टोला में पहुंचे. यहां भीड़ ने महादलित समुदाय के करीब 50 घरों को ध्वस्त कर, परिवार वालों को वहां से उजाड़ दिया. उनकी झुग्गी झोपड़ियों को गिरा दिया. बाद में लोगों ने हर परिवार के लोगों के सामान को गाड़ियों में लोड कर छतरपुर के लोटो के इलाके में भेज दिया. घटना के बाद से कुछ महादलित परिवार के लोग आशियाने के लिए भटक रहे हैं. ये महादलित परिवार पिछले 30 वर्षों से इस इलाके में रह रहे थे और पहाड़ के नजदीक मिट्टी काटकर झुग्गी झोपड़ी बनाए थे. कुछ लोगों के कच्चे मकान थे, जबकि कई लोग पत्तों से बनी झोपड़ियों में रह रहे थे. इधर विशेष समुदाय के लोगों का कहना है कि उन्होंने किसी के साथ जबरदस्ती नहीं की.
क्यों ध्वस्त किए गए घर: मुरुमातु में करीब 25 डिसमिल जमीन का विवाद है, जिसे लेकर यह घटना हुई है. विशेष समुदाय के लोगों का कहना है कि जिस जगह पर महादलित बसे हुए हैं वह मदरसा की जमीन है. विशेष समुदाय के लोगों के अनुसार 1943 में 4 एकड़ के प्लॉट में 3 एकड़ को खरीदा गया था. बाद में विशेष समुदाय के एक व्यक्ति ने 25 डिसमिल जमीन को मदरसा के नाम पर दान कर दिया था. उनका कहना है कि किसी के साथ जबरदस्ती नहीं हुई है. सभी ने पंचायत में स्वेच्छा से घर छोड़ने का निर्णय लिया था और सभी को गाड़ी करके उनको पुराने इलाके में छोड़ा गया है. जानकारी के अनुसार जिस जमीन का विवाद है, वह गैर मजरूआ है लेकिन अभी तक पूरे मामले में प्रशासनिक अधिकारियों ने खुलकर नहीं बताया है कि जमीन का किस्म क्या है.
महादलित परिवारों का आरोप: महादलित परिवारों का कहना है कि सोमवार को विशेष समुदाय के लोगों ने बस्ती को घेर लिया था. उसके बाद लोगों के साथ मारपीट की गई और जबरन समझौता के कागजात पर हस्ताक्षर करवाया गया. इस दौरान महादलितों के साथ मारपीट की गई और गांव से बेदखल कर दिया गया. मुरुमातु में महादलितों की करीब 50 लोगों की आबादी है जो कई वर्षों से रह रहे थे. सोमवार को विशेष समुदाय के लोगों ने महादलित परिवारों को उजाड़ दिया. इसके बाद सोमवार देर रात मौके पर जेसीबी चलाकर जमीन को समतल कर दिया गया. महादलित समुदाय के संजय ने बताया कि पहले उन्हें घेरकर मुर्गा चावल का लालच दिया गया था, उसके बाद बोला गया कि सभी को इस जगह को खाली करना है. जबरन सभी को 500-500 रुपये और चावल दिए गए. इस दौरान महादलित समुदाय के लोगों से मारपीट की गयी, इस मारपीट में परिवार के बुजुर्ग और लड़कियां जख्मी हो गयी हैं, उनके सारे बर्तन भी तोड़ दिए गए.