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Russia Ukraine War: यूक्रेन से झारखंड लौटे आयुष राज, कहा- धरती के नर्क से सुरक्षित आए हैं वापस

यूक्रेस से झारखंड लौटे आयुष राज ने कहा नर्क से सुरक्षित आए है. बुधवार को पलामू के हमीदगंज स्थित अपने पैतृक घर पहुंचने के बाद ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कहा कि दो दिनों तक रोमानिया बॉर्डर पर खड़े खड़े बिताए हैं. हालांकि, बॉर्डर पार करने के बाद सारी समस्याएं खत्म हो गई.

Ayush Raj returned to Jharkhand
यूक्रेन से झारखंड लौटे आयुष राज
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Published : Mar 2, 2022, 10:03 PM IST

पलामूः शून्य से दो डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान था. इस तापमान में 30 घंटे खड़े-खड़े बिताए. ऐसा लगा कि धरती पर नर्क यही है. हालांकि, यूक्रेन बॉर्डर क्रांस करने के बाद लगा स्वर्ग में आ गए हैं. ये बातें यूक्रेन से सुरक्षित झारखंड के पलामू लौटने वाले मेडिकल छात्र आयुष राज ने कहीं. आयुष राज लगातार सात दिनों का सफर पूरा करने के बाद बुधवार को पलामू के हमीदगंज स्थित अपने पैतृक घर पहुंचे है. आयुष 2 दिसंबर 2021 को एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन गए थे.

यह भी पढ़ेंःWAR 7th Day: रूसी हमले से दहला यूक्रेन- बम धमाकों से थर्रा उठा खारकीव, आज वार्ता संभव




आयुष ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि हमारी 23 फरवरी को परीक्षा खत्म हुई और 25 फरवरी को भारत लौटने का प्लान बना लिए थे. लेकिन इससे पहले 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया. उन्होंने कहा कि 25 फरवरी को कीव से भारत आने के लिए फ्लाइट था, लेकिन सारी फ्लाइट कैंसिल कर दी गई. इससे स्थिति और भयावह हो गई. हॉस्टल में रह रहे छात्रों ने बस रिजर्व किया और घंटों सफर करने के बाद रोमानिया बॉर्डर पर पहुंचे.

संवाददाता नीरज
उन्होंने कहा कि यूक्रेन से निकलने में सात दिन लग गए. इन सात दिनों में नारकीय स्थिति झेलने के लिए मजबूर होना पड़ा. बॉर्डर क्रांस करने के बाद सारी परेशानी दूर हो गई. रोमानिया के हिस्से में भारतीय एंबेसी के अधिकारी मौजूद थे, जो सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाएं. आयुष ने बताया कि सफर के दौरान भारत का ध्वज लगाने का काफी फायदा हुआ. रोमानिया बॉर्डर पहुंच गए, लेकिन बॉर्डर क्रांस करने में 30 घंटे लगे. इस दौरान शून्य से दो डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान में खड़ा रहना पड़ा. उन्होंने कहा कि रोमानिया पहुंचने तो वहां की सरकार और भारतीय एंबेसी की ओर से छात्रों की काफी मदद की गई.

पलामूः शून्य से दो डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान था. इस तापमान में 30 घंटे खड़े-खड़े बिताए. ऐसा लगा कि धरती पर नर्क यही है. हालांकि, यूक्रेन बॉर्डर क्रांस करने के बाद लगा स्वर्ग में आ गए हैं. ये बातें यूक्रेन से सुरक्षित झारखंड के पलामू लौटने वाले मेडिकल छात्र आयुष राज ने कहीं. आयुष राज लगातार सात दिनों का सफर पूरा करने के बाद बुधवार को पलामू के हमीदगंज स्थित अपने पैतृक घर पहुंचे है. आयुष 2 दिसंबर 2021 को एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन गए थे.

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आयुष ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि हमारी 23 फरवरी को परीक्षा खत्म हुई और 25 फरवरी को भारत लौटने का प्लान बना लिए थे. लेकिन इससे पहले 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया. उन्होंने कहा कि 25 फरवरी को कीव से भारत आने के लिए फ्लाइट था, लेकिन सारी फ्लाइट कैंसिल कर दी गई. इससे स्थिति और भयावह हो गई. हॉस्टल में रह रहे छात्रों ने बस रिजर्व किया और घंटों सफर करने के बाद रोमानिया बॉर्डर पर पहुंचे.

संवाददाता नीरज
उन्होंने कहा कि यूक्रेन से निकलने में सात दिन लग गए. इन सात दिनों में नारकीय स्थिति झेलने के लिए मजबूर होना पड़ा. बॉर्डर क्रांस करने के बाद सारी परेशानी दूर हो गई. रोमानिया के हिस्से में भारतीय एंबेसी के अधिकारी मौजूद थे, जो सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाएं. आयुष ने बताया कि सफर के दौरान भारत का ध्वज लगाने का काफी फायदा हुआ. रोमानिया बॉर्डर पहुंच गए, लेकिन बॉर्डर क्रांस करने में 30 घंटे लगे. इस दौरान शून्य से दो डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान में खड़ा रहना पड़ा. उन्होंने कहा कि रोमानिया पहुंचने तो वहां की सरकार और भारतीय एंबेसी की ओर से छात्रों की काफी मदद की गई.
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