ETV Bharat / state

झारखंड बिहार की सीमा पर सक्रिय वन माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी, बनाई गई स्पेशल टीम - पलामू डीएफओ अमरनाथ सिंह

झारखंड बिहार की सीमा पर सक्रिय वन माफियाओं पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी. इसको लेर स्पेशल टीम बनाई गई है जो सीमावर्ती इलाके में पुलिस की मदद लेकर गश्ती करेंगे. डीएमओ ने बताया कि वन माफियाओं पर लगाम लगाने को लेकर अन्य एजेंसियों से भी मदद ली जा रही है.

border of Jharkhand Bihar
झारखंड बिहार की सीमा पर सक्रिय वन माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी
author img

By

Published : Feb 5, 2022, 2:15 PM IST

पलामूः झारखंड बिहार की सीमा पर सक्रिय वन माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की योजना बनाई गई है. इस इलाके में नक्सली संगठनों की पकड़ कमजोर होने ने बाद वन माफिया सक्रिय हो गया है. वन माफिया ग्रामीणों को लालच दे कर दिन में पेड़ कटवाते है और रात में उसकी तस्करी करते है. इन वन माफियाओं पर नकेल कसने के लिए गश्ती बढ़ा दी गई है.

यह भी पढ़ेंःपलामू में अवैध खनन पर NGT सख्त, डीसी को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

साल 2019-20 में झारखंड बिहार सीमा पर वन माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई थी. इसके बाद कुछ महीनों तक तस्करी रुक गया है. हालांकि, हाल के दिनों में एक बार फिर वन माफिया सक्रिय हो गए है. पलामू और चतरा से सटे बिहार के सीमावर्ती इलाको में बड़ी संख्या में पेड़ो की कटाई हो रही है. इन तस्करों में बड़ी संख्या में बिहार के लोग शामिल हैं. पलामू डीएफओ अमरनाथ सिंह ने बताया कि वनों की कटाई की सूचना मिलने के बाद विभाग कार्रवाई की जाती है. सीमावर्ती इलाकों में स्पेशल टीम बनाई गई है जो पेड़ों की कटाई खिलाफ अभियान चलाएगी. वन विभाग की टीम के साथ साथ पुलिस और अन्य एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है.

जानकारी देते डीएफओ


वन माफिया नक्सल इलाके और इंटरस्टेट बॉर्डर का फायदा उठा रहे है. पलामू के मनातू, नौडीहा बाजार और छत्तरपुर के इलाके में वन माफिया सक्रिय है. मनातू के अतिनक्सल प्रभावित इलाका कुंडिलपुर, रंगेया, मंसूरिया, राजखेता और नौडीहा बाजार के ललगड़ा, रायबार आदि इलाके हैं, जहां पेड़ों की कटाई हो रही है. बताया जा रहा है कि इन इलाकों से पेड़ काट कर बिहार के इलाके में भेजा जाता है. यही वजह है कि झारखंड से सटे बिहार में बड़ी संख्या में आरा मशीन संचालित किये जा रहे है.

पलामूः झारखंड बिहार की सीमा पर सक्रिय वन माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की योजना बनाई गई है. इस इलाके में नक्सली संगठनों की पकड़ कमजोर होने ने बाद वन माफिया सक्रिय हो गया है. वन माफिया ग्रामीणों को लालच दे कर दिन में पेड़ कटवाते है और रात में उसकी तस्करी करते है. इन वन माफियाओं पर नकेल कसने के लिए गश्ती बढ़ा दी गई है.

यह भी पढ़ेंःपलामू में अवैध खनन पर NGT सख्त, डीसी को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

साल 2019-20 में झारखंड बिहार सीमा पर वन माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई थी. इसके बाद कुछ महीनों तक तस्करी रुक गया है. हालांकि, हाल के दिनों में एक बार फिर वन माफिया सक्रिय हो गए है. पलामू और चतरा से सटे बिहार के सीमावर्ती इलाको में बड़ी संख्या में पेड़ो की कटाई हो रही है. इन तस्करों में बड़ी संख्या में बिहार के लोग शामिल हैं. पलामू डीएफओ अमरनाथ सिंह ने बताया कि वनों की कटाई की सूचना मिलने के बाद विभाग कार्रवाई की जाती है. सीमावर्ती इलाकों में स्पेशल टीम बनाई गई है जो पेड़ों की कटाई खिलाफ अभियान चलाएगी. वन विभाग की टीम के साथ साथ पुलिस और अन्य एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है.

जानकारी देते डीएफओ


वन माफिया नक्सल इलाके और इंटरस्टेट बॉर्डर का फायदा उठा रहे है. पलामू के मनातू, नौडीहा बाजार और छत्तरपुर के इलाके में वन माफिया सक्रिय है. मनातू के अतिनक्सल प्रभावित इलाका कुंडिलपुर, रंगेया, मंसूरिया, राजखेता और नौडीहा बाजार के ललगड़ा, रायबार आदि इलाके हैं, जहां पेड़ों की कटाई हो रही है. बताया जा रहा है कि इन इलाकों से पेड़ काट कर बिहार के इलाके में भेजा जाता है. यही वजह है कि झारखंड से सटे बिहार में बड़ी संख्या में आरा मशीन संचालित किये जा रहे है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.