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पाकुड़ में असुरक्षित हैं लोगों को सुरक्षा देने वाले पुलिस जवान, सरकार कर रही नजरअंदाज

दूसरों को सुरक्षा देने वाली पाकुड़ पुलिस के जवान खुद डर के साए में रह रहे हैं. इसका कारण सरकार का ढीला रवैया है. कई बार पत्र लिखने के बाद भी सरकार ने अब तक पाकुड़ पुलिस के जवानों की समस्या का निदान नहीं किया है.

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Published : Jul 28, 2022, 1:33 PM IST

condition police residence
condition police residence

पाकुड़: अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की सुरक्षा करने वाले और विधि व्यवस्था एवं कानून को कायम रखने वाले पाकुड़ के पुलिस जवान और अधिकारी (Pakur Police) अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. मामला पुलिस जवानों के आवास से जुड़ा है, जहां वे डर-डर कर रह रहे हैं और सरकार अपना ढीला रवैया अपनाए हुए है.

इसे भी पढ़ें: पाकुड़: हाई कोर्ट के आदेश के बाद व्यवसायी शंभू नंदन कुमार को मिला बॉडीगार्ड, आवास की भी बढ़ाई गई सुरक्षा


क्या है पूरा मामला: केंद्र और राज्य सरकार द्वारा विकास और कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने के नाम पर करोड़ों अरबों रुपए खर्च किए जा रहे हैं लेकिन, जिले की पुलिस पदाधिकारियों और जवानों को नींद में भी खतरे का भय सता रहा है और सरकार इनके लिए कुछ कर नहीं रही है. दरअसल, पाकुड़ के कई थानों में पदस्थापित जवान और पुलिस अधिकारी जर्जर भवनों में रह रहे हैं, जहां इनकी जान को खतरा है. भवन की जरूरत को लेकर पुलिस कप्तान कई बार सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट कर चुकी है. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. हां, करोड़ों रुपए खर्च कर थाना भवन का निर्माण जरूर कराया गया है लेकिन, पुलिस पदाधिकारियों और जवानों की जरूरत को समझ कर उनके लिए थाना परिसर में नया मकान नहीं बनवाया गया. स्थिति यह है कि दूसरों की सुरक्षा देने वाले पुलिस जवान और अधिकारी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

कई ने अपने निजी खर्च से कराई मरम्मत: पाकुड़ महिला थाना, पाकुड़ नगर थाना, मालपहाड़ी ओपी, रद्दीपुर ओपी के अलावा महेशपुर और हिरणपुर थाना क्षेत्र में रह रहे लोगों को सुरक्षा देने वाले पुलिस अधिकारियों का आवास जर्जर स्थिति में है, जो कभी भी ढह सकता है. इससे जवानों की जान को खतरा है. कई अधिकारियों और जवानों ने अपने निजी खर्च से पुराने भवनों की मरम्मत भी करायी है.

देखें वीडियो

सीएम खुद संभालते हैं विभाग: पाकुड़ जिले में जिला खनिज ट्रस्ट (Pakur District Mineral Trust) है. इसके बावजूद पुलिस अधिकारियों और जवानों को थाना परिसर में रहने के लिए आवास निर्माण की दिशा में पहल नहीं की जा रही है. फंड का इस्तेमाल थानों में पदस्थापित जवानों और पुलिस पदाधिकारियों के भवन निर्माण के लिए क्यों नहीं किया जा रहा है, यह तो प्रशासन ही बता पाएगी. यह वही विभाग है जिसकी कमान खुद राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास है.


विभाग को भेजा गया है प्रपोजल: पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश कुमार ने बताया कि थाना में ड्यूटी करने वाले जवानों और अधिकारियों को रहने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. खासकर बरसात के दिनों में. उन्होंने बताया पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के लिए थाना परिसर में नया क्वाटर बने इसके लिए एसोसिएशन के माध्यम से वरीय अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया गया है. वहीं एसपी हृदीप पी जनार्दनन ने बताया कि जिले के कई थाना भवन और थाना परिसर में बने आवास जर्जर स्थिति में है. नए थाना भवन और क्वाटर बने इसके लिए प्रपोजल बनाकर विभाग को भेजी गई है. जल्द इसपर निर्णय होगा और भवन का कार्य शुरू होगा.

पाकुड़: अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की सुरक्षा करने वाले और विधि व्यवस्था एवं कानून को कायम रखने वाले पाकुड़ के पुलिस जवान और अधिकारी (Pakur Police) अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. मामला पुलिस जवानों के आवास से जुड़ा है, जहां वे डर-डर कर रह रहे हैं और सरकार अपना ढीला रवैया अपनाए हुए है.

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क्या है पूरा मामला: केंद्र और राज्य सरकार द्वारा विकास और कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने के नाम पर करोड़ों अरबों रुपए खर्च किए जा रहे हैं लेकिन, जिले की पुलिस पदाधिकारियों और जवानों को नींद में भी खतरे का भय सता रहा है और सरकार इनके लिए कुछ कर नहीं रही है. दरअसल, पाकुड़ के कई थानों में पदस्थापित जवान और पुलिस अधिकारी जर्जर भवनों में रह रहे हैं, जहां इनकी जान को खतरा है. भवन की जरूरत को लेकर पुलिस कप्तान कई बार सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट कर चुकी है. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. हां, करोड़ों रुपए खर्च कर थाना भवन का निर्माण जरूर कराया गया है लेकिन, पुलिस पदाधिकारियों और जवानों की जरूरत को समझ कर उनके लिए थाना परिसर में नया मकान नहीं बनवाया गया. स्थिति यह है कि दूसरों की सुरक्षा देने वाले पुलिस जवान और अधिकारी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

कई ने अपने निजी खर्च से कराई मरम्मत: पाकुड़ महिला थाना, पाकुड़ नगर थाना, मालपहाड़ी ओपी, रद्दीपुर ओपी के अलावा महेशपुर और हिरणपुर थाना क्षेत्र में रह रहे लोगों को सुरक्षा देने वाले पुलिस अधिकारियों का आवास जर्जर स्थिति में है, जो कभी भी ढह सकता है. इससे जवानों की जान को खतरा है. कई अधिकारियों और जवानों ने अपने निजी खर्च से पुराने भवनों की मरम्मत भी करायी है.

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सीएम खुद संभालते हैं विभाग: पाकुड़ जिले में जिला खनिज ट्रस्ट (Pakur District Mineral Trust) है. इसके बावजूद पुलिस अधिकारियों और जवानों को थाना परिसर में रहने के लिए आवास निर्माण की दिशा में पहल नहीं की जा रही है. फंड का इस्तेमाल थानों में पदस्थापित जवानों और पुलिस पदाधिकारियों के भवन निर्माण के लिए क्यों नहीं किया जा रहा है, यह तो प्रशासन ही बता पाएगी. यह वही विभाग है जिसकी कमान खुद राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास है.


विभाग को भेजा गया है प्रपोजल: पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश कुमार ने बताया कि थाना में ड्यूटी करने वाले जवानों और अधिकारियों को रहने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. खासकर बरसात के दिनों में. उन्होंने बताया पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के लिए थाना परिसर में नया क्वाटर बने इसके लिए एसोसिएशन के माध्यम से वरीय अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया गया है. वहीं एसपी हृदीप पी जनार्दनन ने बताया कि जिले के कई थाना भवन और थाना परिसर में बने आवास जर्जर स्थिति में है. नए थाना भवन और क्वाटर बने इसके लिए प्रपोजल बनाकर विभाग को भेजी गई है. जल्द इसपर निर्णय होगा और भवन का कार्य शुरू होगा.

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