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लोहरदगा हिंसा प्रभावित लोगों के जख्म पर साढ़े तीन साल बाद लगेगा सरकारी मरहम, मुआवजा राशि की मिली स्वीकृति

Violence affected People will get compensation. लोहरदगा सांप्रदायिक हिंसा में प्रभावित लोगों को जल्द मुआवजा मिलेगा. इसके लिए राशि की स्वीकृति हो गई है. हिंसा के लगभग साढ़े तीन साल बीत चुके हैं.

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Violence Affected People Will Get Compensation
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 19, 2023, 7:36 PM IST

लोहरदगा: जिले में 23 जनवरी 2020 को विश्व हिंदू परिषद सहित विभिन्न संगठनों द्वारा नागरिक संशोधन कानून के समर्थन में निकाली गई तिरंगा यात्रा के दौरान भड़की हिंसा के प्रभावितों के जख्म पर घटना के साढ़े तीन साल बाद सरकारी मरहम लगेगा. हिंसा प्रभावितों को सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा. लोहरदगा में सांप्रदायिक हिंसा की यह सबसे बड़ी घटना थी. घटना में सैकड़ों लोग प्रभावित हुए थे. करोड़ों की संपत्ति को क्षति पहुंची थी.

ये भी पढ़ें-लोहरदगा में CAA का समर्थन कर रहे लोगों पर पत्थरबाजी, जमकर बवाल, लगा कर्फ्यू

शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान भड़की थी हिंसाः शहरी क्षेत्र के ललित नारायण स्टेडियम से लेकर शहर के मुख्य मार्ग में तिरंगा यात्रा निकाली गई थी. 23 जनवरी 2020 को नागरिक संशोधन कानून यानी सीसीए के समर्थन में विश्व हिंदू परिषद और दूसरे संगठनों द्वारा यह तिरंगा यात्रा निकाली गई थी. इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी. तिरंगा यात्रा में शामिल लोगों पर पत्थरबाजी हुई थी. पुलिस प्रशासन के जवान, अधिकारी, जिला प्रशासन के अधिकारी के साथ-साथ आम लोग भी घायल हुए थे. यह हिंसा इतनी भयावह थी कि हिंसक भीड़ ने तत्कालीन उपायुक्त आकांक्षा रंजन, तत्कालीन एसपी प्रियदर्शी आलोक सहित पुलिस बल के जवानों पर भी पत्थर चलाए थे. करोड़ों की संपत्ति फूंक दी गई थी. घटना में सैकड़ों लोग घायल हुए थे.

91 व्यक्तियों की चल-अचल संपत्ति को नुकसान पहुंचा थाः घटना में सरकारी आंकड़ों में 91 व्यक्तियों की चल-अचल संपत्ति को नुकसान पहुंचा था. हालांकि वास्तविकता इससे काफी अधिक है. इस घटना ने ना सिर्फ लोहरदगा, बल्कि झारखंड और पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. इस घटना को साढ़े तीन साल से ज्यादा समय हो चुका है. अब घटना के प्रभावितों को सरकारी मरहम लगाया जाएगा. प्रभावितों को मुआवजा मिलेगा. इसके लिए पांच अक्टूबर 2023 को मुआवजा भुगतान की स्वीकृति मिल चुकी है. अब जिला प्रशासन ने प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है. जिसके बाद कुछ ही दिनों में प्रभावितों को मुआवजा दिया जाएगा. नुकसान और मुआवजा के बीच का यह अंतर काफी कम है, फिर भी कुछ हद तक लोगों को राहत जरूर मिलेगी. 91 प्रभावितों के लिए 51 लाख, 53 हजार, 600 रुपए का मुआवजा भुगतान किया जाएगा.

51 लाख रुपए से अधिक राशि की हुई स्वीकृतिः लोहरदगा डीसी ने 23 जनवरी 2020 को विश्व हिंदू परिषद और अन्य संगठनों के बैनर तले नागरिक संशोधन कानून के समर्थन में निकाले गए जुलूस के दौरान पथराव आगजनी व सांप्रदायिक तनाव की घटना में चल-अचल संपत्ति को हुए नुकसान से संबंधित क्षतिपूर्ति के लिए सरकारी प्रावधान के अनुसार क्षति का आकलन कर 91 प्रभावितों को क्षतिपूर्ति राशि भुगतान के लिए 51 लाख, 53 हजार, 600 रुपए मुआवजा भुगतान की स्वीकृति कर आवंटन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था. जिस पर सरकार ने मुआवजा भुगतान की स्वीकृति प्रदान कर दी है. घटना के काफी समय के बाद अब प्रभावितों को मुआवजा मिल पाएगा. जिससे काफी हद तक राहत मिलेगी.

लोहरदगा में साल 2020 में सांप्रदायिक हिंसा की घटना के प्रभावितों को सरकारी मुआवजा मिलने को लेकर अब स्थिति स्पष्ट हो चुकी है. लंबे इंतजार के बाद प्रभावितों को मुआवजा मिल पाएगा. राज्य सरकार की ओर से स्वीकृति प्रदान कर दी गई है. जल्द ही अब राशि लाभुकों के बैंक खाता में प्राप्त हो जाएगी. यह घटना लोहरदगा के इतिहास में काले अक्षरों में दर्ज हो चुका है. इस घटना में सैकड़ो लोग प्रभावित हुए थे. करोड़ों की संपत्ति बर्बाद हो गई थी. कई लोग घायल हुए थे. कथित रूप से एक युवक की मौत भी हो गई थी.

लोहरदगा: जिले में 23 जनवरी 2020 को विश्व हिंदू परिषद सहित विभिन्न संगठनों द्वारा नागरिक संशोधन कानून के समर्थन में निकाली गई तिरंगा यात्रा के दौरान भड़की हिंसा के प्रभावितों के जख्म पर घटना के साढ़े तीन साल बाद सरकारी मरहम लगेगा. हिंसा प्रभावितों को सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा. लोहरदगा में सांप्रदायिक हिंसा की यह सबसे बड़ी घटना थी. घटना में सैकड़ों लोग प्रभावित हुए थे. करोड़ों की संपत्ति को क्षति पहुंची थी.

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शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान भड़की थी हिंसाः शहरी क्षेत्र के ललित नारायण स्टेडियम से लेकर शहर के मुख्य मार्ग में तिरंगा यात्रा निकाली गई थी. 23 जनवरी 2020 को नागरिक संशोधन कानून यानी सीसीए के समर्थन में विश्व हिंदू परिषद और दूसरे संगठनों द्वारा यह तिरंगा यात्रा निकाली गई थी. इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी. तिरंगा यात्रा में शामिल लोगों पर पत्थरबाजी हुई थी. पुलिस प्रशासन के जवान, अधिकारी, जिला प्रशासन के अधिकारी के साथ-साथ आम लोग भी घायल हुए थे. यह हिंसा इतनी भयावह थी कि हिंसक भीड़ ने तत्कालीन उपायुक्त आकांक्षा रंजन, तत्कालीन एसपी प्रियदर्शी आलोक सहित पुलिस बल के जवानों पर भी पत्थर चलाए थे. करोड़ों की संपत्ति फूंक दी गई थी. घटना में सैकड़ों लोग घायल हुए थे.

91 व्यक्तियों की चल-अचल संपत्ति को नुकसान पहुंचा थाः घटना में सरकारी आंकड़ों में 91 व्यक्तियों की चल-अचल संपत्ति को नुकसान पहुंचा था. हालांकि वास्तविकता इससे काफी अधिक है. इस घटना ने ना सिर्फ लोहरदगा, बल्कि झारखंड और पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. इस घटना को साढ़े तीन साल से ज्यादा समय हो चुका है. अब घटना के प्रभावितों को सरकारी मरहम लगाया जाएगा. प्रभावितों को मुआवजा मिलेगा. इसके लिए पांच अक्टूबर 2023 को मुआवजा भुगतान की स्वीकृति मिल चुकी है. अब जिला प्रशासन ने प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है. जिसके बाद कुछ ही दिनों में प्रभावितों को मुआवजा दिया जाएगा. नुकसान और मुआवजा के बीच का यह अंतर काफी कम है, फिर भी कुछ हद तक लोगों को राहत जरूर मिलेगी. 91 प्रभावितों के लिए 51 लाख, 53 हजार, 600 रुपए का मुआवजा भुगतान किया जाएगा.

51 लाख रुपए से अधिक राशि की हुई स्वीकृतिः लोहरदगा डीसी ने 23 जनवरी 2020 को विश्व हिंदू परिषद और अन्य संगठनों के बैनर तले नागरिक संशोधन कानून के समर्थन में निकाले गए जुलूस के दौरान पथराव आगजनी व सांप्रदायिक तनाव की घटना में चल-अचल संपत्ति को हुए नुकसान से संबंधित क्षतिपूर्ति के लिए सरकारी प्रावधान के अनुसार क्षति का आकलन कर 91 प्रभावितों को क्षतिपूर्ति राशि भुगतान के लिए 51 लाख, 53 हजार, 600 रुपए मुआवजा भुगतान की स्वीकृति कर आवंटन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था. जिस पर सरकार ने मुआवजा भुगतान की स्वीकृति प्रदान कर दी है. घटना के काफी समय के बाद अब प्रभावितों को मुआवजा मिल पाएगा. जिससे काफी हद तक राहत मिलेगी.

लोहरदगा में साल 2020 में सांप्रदायिक हिंसा की घटना के प्रभावितों को सरकारी मुआवजा मिलने को लेकर अब स्थिति स्पष्ट हो चुकी है. लंबे इंतजार के बाद प्रभावितों को मुआवजा मिल पाएगा. राज्य सरकार की ओर से स्वीकृति प्रदान कर दी गई है. जल्द ही अब राशि लाभुकों के बैंक खाता में प्राप्त हो जाएगी. यह घटना लोहरदगा के इतिहास में काले अक्षरों में दर्ज हो चुका है. इस घटना में सैकड़ो लोग प्रभावित हुए थे. करोड़ों की संपत्ति बर्बाद हो गई थी. कई लोग घायल हुए थे. कथित रूप से एक युवक की मौत भी हो गई थी.

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