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कोरोना का असरः कोडरमा के ध्वजाधारी आश्रम में पसरा सन्नाटा

कोडरमा में कोरोना की वजह से मंदिरों में ताला लग गया है. धार्मिक आयोजनों पर कोरोना संक्रमण का असर भी दिखने लगा है. कोडरमा के ध्वजाधारी आश्रम में सन्नाटा पसरा है. मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर पूरी तरह से पाबंदी है.

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कोडरमा के ध्वजाधारी आश्रम
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Published : Jan 11, 2022, 5:30 PM IST

Updated : Jan 11, 2022, 9:04 PM IST

कोडरमा: झारखंड में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. झारखंड में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने कई पाबंदियां लगाई हैं. कोरोना संक्रमण का असर धार्मिक आयोजनों पर भी दिखने लगा है. राज्य सरकार की पाबंदियों के बाद कोडरमा के ध्वजाधारी आश्रम में इन दिनों सन्नाटा पसरा नजर आ रहा है. ध्वजाधारी आश्रम में श्रद्धालुओं की आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है.

इसे भी पढ़ें- Jharkhand Corona Updates: झारखंड में कोरोना का नया हॉट स्पॉट बना कोडरमा, तेजी से बढ़ रही है संक्रमितों की संख्या

कोडरमा में कोरोना की वजह से मंदिरों में ताला लटका नजर आ रहा है. धार्मिक आयोजनों पर कोरोना संक्रमण का असर साफ देखा जा रहा है. कोडरमा के ध्वजाधारी आश्रम में भक्तों के प्रवेश पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है. आश्रम परिसर के चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी गयी है, जिससे भक्त आश्रम परिसर में प्रवेश ना कर सकें. कोडरमा के ध्वजाधारी आश्रम में मंदिरों में ताले लटके नजर आ रहे हैं.

देखें पूरी खबर

ध्वजाधारी आश्रम के मुख्य पुजारी महामंडलेश्वर सुखदेव दासजी महाराज ने बताया कि फिलहाल खरमास के कारण सभी तरह के आयोजन बंद हैं. वहीं सरकार के द्वारा जारी दिशा-निर्देश के आलोक में मंदिर परिसर में भक्तों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. कोडरमा के ध्वजाधारी आश्रम में कोरोना का असर साफ देखा जा रहा है.


कोडरमा का ध्वजाधारी आश्रम आस्था और भक्ति का महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है. इस ध्वजाधारी आश्रम में बिहार-झारखंड और पश्चिम बंगाल से श्रद्धालु पहुंचते हैं. आश्रम को लेकर ऐसा मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों की हर मुराद पूरी होती है. इस ध्वजाधारी आश्रम में बाबा भोले के भक्त 777 सीढ़ी चढ़कर भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं. ध्वजाधारी पहाड़ पर बसे भगवान शिव के जलाभिषेक की विशेष मान्यताएं हैं. बताया जाता है कि द्वापर युग में ब्रम्हा के पुत्र कद्रम ऋषि ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इसी पहाड़ पर तपस्या की थी. जिससे भगवान शिव प्रसन्न होकर कद्रम ऋषि को ध्वजा और त्रिशूल दिए थे. उसी समय से इस स्थान का नाम ध्वजाधारी आश्रम पड़ गया और कद्रम ऋषि की तपोभूमि के नाम से कोडरमा को जाना जाता है.

कोडरमा: झारखंड में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. झारखंड में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने कई पाबंदियां लगाई हैं. कोरोना संक्रमण का असर धार्मिक आयोजनों पर भी दिखने लगा है. राज्य सरकार की पाबंदियों के बाद कोडरमा के ध्वजाधारी आश्रम में इन दिनों सन्नाटा पसरा नजर आ रहा है. ध्वजाधारी आश्रम में श्रद्धालुओं की आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है.

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कोडरमा में कोरोना की वजह से मंदिरों में ताला लटका नजर आ रहा है. धार्मिक आयोजनों पर कोरोना संक्रमण का असर साफ देखा जा रहा है. कोडरमा के ध्वजाधारी आश्रम में भक्तों के प्रवेश पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है. आश्रम परिसर के चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी गयी है, जिससे भक्त आश्रम परिसर में प्रवेश ना कर सकें. कोडरमा के ध्वजाधारी आश्रम में मंदिरों में ताले लटके नजर आ रहे हैं.

देखें पूरी खबर

ध्वजाधारी आश्रम के मुख्य पुजारी महामंडलेश्वर सुखदेव दासजी महाराज ने बताया कि फिलहाल खरमास के कारण सभी तरह के आयोजन बंद हैं. वहीं सरकार के द्वारा जारी दिशा-निर्देश के आलोक में मंदिर परिसर में भक्तों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. कोडरमा के ध्वजाधारी आश्रम में कोरोना का असर साफ देखा जा रहा है.


कोडरमा का ध्वजाधारी आश्रम आस्था और भक्ति का महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है. इस ध्वजाधारी आश्रम में बिहार-झारखंड और पश्चिम बंगाल से श्रद्धालु पहुंचते हैं. आश्रम को लेकर ऐसा मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों की हर मुराद पूरी होती है. इस ध्वजाधारी आश्रम में बाबा भोले के भक्त 777 सीढ़ी चढ़कर भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं. ध्वजाधारी पहाड़ पर बसे भगवान शिव के जलाभिषेक की विशेष मान्यताएं हैं. बताया जाता है कि द्वापर युग में ब्रम्हा के पुत्र कद्रम ऋषि ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इसी पहाड़ पर तपस्या की थी. जिससे भगवान शिव प्रसन्न होकर कद्रम ऋषि को ध्वजा और त्रिशूल दिए थे. उसी समय से इस स्थान का नाम ध्वजाधारी आश्रम पड़ गया और कद्रम ऋषि की तपोभूमि के नाम से कोडरमा को जाना जाता है.

Last Updated : Jan 11, 2022, 9:04 PM IST
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