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खूंटी में ट्रिपल मर्डर के बाद लोगों को सता रहा पत्थलगड़ी समर्थकों का डर, जानें क्या है पूरा मामला

खूंटी में ट्रिपल मर्डर (Triple murder in Khunti) के बाद लोगों को समानांतर सरकार चलाने वालों की हुकूमत का डर सताने लगा है. इस मर्डर के पीछे समानांतर सरकार चलाने वाले पत्थलगड़ी समर्थकों का हाथ बताया जा रहा है. हालांकि पुलिस अब तक कारणों का खुलासा नहीं कर पाई है.

Pathalgadi supporters fear in people
Pathalgadi supporters fear in people
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Published : Sep 3, 2022, 1:13 PM IST

Updated : Oct 1, 2022, 6:25 PM IST

खूंटी: जिला में हुए ट्रिपल मर्डर (Triple murder in Khunti) की गुत्थी सुलझाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती मानी जा रही है. खूंटी के अड़की थाना अंतर्गत मदहातु के टोला कोदेलेबे में बुधवार की रात पिता, पुत्र और बहु की हत्या की गई. हत्या के 40 घंटे बाद पुलिस ने शवों को कब्जे में ले लिया. कारणों का खुलासा अब तक नहीं हो सका है.

पत्थलगड़ी समर्थकों पर है संदेह: ट्रिपल मर्डर के कारणों का खुलासा करने के लिए एसपी अमन कुमार ने डीएसपी अमित कुमार के नेतृत्व में एक एसआइटी बनाई है, जिसमें अड़की और सायको थाना की टीम शामिल है. मामले में टीम ने जांच शुरू कर दी है. आशंका जताई जा रही है कि पत्थलगड़ी समर्थकों ने ग्राम प्रधान और उनके परिजनों की हत्या को अंजाम दिया है. हालांकि, पुलिस अभी इस मामले में कुछ भी नहीं बोल रही है.

देखें पूरी खबर


ग्राम प्रधान पर बना रहे थे दबाव: 22 घरों वाला आदिवासी बहुल कोदेलेबे गांव अति नक्सल प्रभावित है और यहां के लोग उबड़-खाबड़ पगडंडियों से चलकर आते-जाते हैं. जानकारी के अनुसार गांव के 7 परिवार पत्थलगड़ी समर्थक कुटुंब परिवार से जुड़े हैं. वे ग्राम प्रधान और उसके परिवार पर कुटुंब परिवार में शामिल होने का दबाव बना रहे थे लेकिन, वे उनके दबाव में नहीं आए. पत्थलगड़ी समर्थक और गैर पत्थलगड़ी समर्थक के बीच किसी तरह के सामाजिक कार्यक्रमों में भागीदारी नहीं होती. क्योंकि ये लोग 'हेवन्स लाईट गाइड' 'ऐसी भारत सरकार' 'ऐसी कुंवर सिंह केश्री सिंह भारत सरकार' कुटुंब परिवार को मानते हैं.


क्या है पूरा मामला: गौरतलब है कि तीन साल पहले तक जिले में समानांतर सरकार चलाने वालों की हुकूमत थी और पत्थलगड़ी समर्थक लोग जिले में खुद का एक देश स्थापित करने वाले थे. जगह-जगह पत्थल गाड़ कर, पत्थरों में संविधान की गलत व्याख्या कर लोगों को दिग्भ्रमित करने का काम किया करते थे. लेकिन, पुलिस की सख्ती के बाद जिले में इनकी हुकूमत खत्म हो गयी. बावजूद जिले के सुदूर इलाकों में इसकी सुगबुगाहट रही. लेकिन, कभी सामने नहीं आए. ट्रिपल मर्डर के बाद ये लगने लगा है कि अब भी जिले में सरकार विरोधी गतिविधियां हैं. दूरस्थ इलाकों के ग्रामीण कुंवर केश्री सिंह को ही अपनी सरकार मानते हैं. इन्हें देश के संविधान से कोई लेना देना नहीं है. जिला में ग्राम प्रधान, उसके बेटे और बहु की हत्या के बाद लोगों में अब एक डर है कि कहीं फिर से समानांतर सरकार चलाने वालों की हुकूमत तो नहीं चलेगी. फिलहाल कारण जो भी हो लेकिन गांव की तस्वीर कुछ और बयां कर रही है.

खूंटी: जिला में हुए ट्रिपल मर्डर (Triple murder in Khunti) की गुत्थी सुलझाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती मानी जा रही है. खूंटी के अड़की थाना अंतर्गत मदहातु के टोला कोदेलेबे में बुधवार की रात पिता, पुत्र और बहु की हत्या की गई. हत्या के 40 घंटे बाद पुलिस ने शवों को कब्जे में ले लिया. कारणों का खुलासा अब तक नहीं हो सका है.

पत्थलगड़ी समर्थकों पर है संदेह: ट्रिपल मर्डर के कारणों का खुलासा करने के लिए एसपी अमन कुमार ने डीएसपी अमित कुमार के नेतृत्व में एक एसआइटी बनाई है, जिसमें अड़की और सायको थाना की टीम शामिल है. मामले में टीम ने जांच शुरू कर दी है. आशंका जताई जा रही है कि पत्थलगड़ी समर्थकों ने ग्राम प्रधान और उनके परिजनों की हत्या को अंजाम दिया है. हालांकि, पुलिस अभी इस मामले में कुछ भी नहीं बोल रही है.

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ग्राम प्रधान पर बना रहे थे दबाव: 22 घरों वाला आदिवासी बहुल कोदेलेबे गांव अति नक्सल प्रभावित है और यहां के लोग उबड़-खाबड़ पगडंडियों से चलकर आते-जाते हैं. जानकारी के अनुसार गांव के 7 परिवार पत्थलगड़ी समर्थक कुटुंब परिवार से जुड़े हैं. वे ग्राम प्रधान और उसके परिवार पर कुटुंब परिवार में शामिल होने का दबाव बना रहे थे लेकिन, वे उनके दबाव में नहीं आए. पत्थलगड़ी समर्थक और गैर पत्थलगड़ी समर्थक के बीच किसी तरह के सामाजिक कार्यक्रमों में भागीदारी नहीं होती. क्योंकि ये लोग 'हेवन्स लाईट गाइड' 'ऐसी भारत सरकार' 'ऐसी कुंवर सिंह केश्री सिंह भारत सरकार' कुटुंब परिवार को मानते हैं.


क्या है पूरा मामला: गौरतलब है कि तीन साल पहले तक जिले में समानांतर सरकार चलाने वालों की हुकूमत थी और पत्थलगड़ी समर्थक लोग जिले में खुद का एक देश स्थापित करने वाले थे. जगह-जगह पत्थल गाड़ कर, पत्थरों में संविधान की गलत व्याख्या कर लोगों को दिग्भ्रमित करने का काम किया करते थे. लेकिन, पुलिस की सख्ती के बाद जिले में इनकी हुकूमत खत्म हो गयी. बावजूद जिले के सुदूर इलाकों में इसकी सुगबुगाहट रही. लेकिन, कभी सामने नहीं आए. ट्रिपल मर्डर के बाद ये लगने लगा है कि अब भी जिले में सरकार विरोधी गतिविधियां हैं. दूरस्थ इलाकों के ग्रामीण कुंवर केश्री सिंह को ही अपनी सरकार मानते हैं. इन्हें देश के संविधान से कोई लेना देना नहीं है. जिला में ग्राम प्रधान, उसके बेटे और बहु की हत्या के बाद लोगों में अब एक डर है कि कहीं फिर से समानांतर सरकार चलाने वालों की हुकूमत तो नहीं चलेगी. फिलहाल कारण जो भी हो लेकिन गांव की तस्वीर कुछ और बयां कर रही है.

Last Updated : Oct 1, 2022, 6:25 PM IST
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