खूंटीः प्रशासन की कार्रवाई की बाद खूंटी के बाजार से बालू गायब हो गए हैं. बाजार में बालू नहीं मिलने के कारण विकास योजनाओं पर असर पड़ रहा है. साथ ही आम लोगों को भी परेशानी हो रही है. प्रशासन ने बालू की किल्लत को दूर करने की योजना बनायी है, ताकि लोगों को बालू की किल्लत से नहीं जूझना पड़े. इसके लिए लीगल तरीके से बालू की बिक्री की योजना बनायी गयी है.
प्रशासन लीगल तरीके से कराएगा बालू की बिक्रीः जिला प्रशासन जल्द ही वैध तरीके से बालू का भंडारण कर उसे बाजारों में सप्लाई कराएगा. इसके लिए खनन विभाग ने एक गाइडलाइन जारी की है और आमजनों से अपील की है कि इच्छुक व्यक्ति जो बालू के भंडारण के लिए अनुज्ञप्ति प्राप्त करना चाहते हैं वो आवेदन करें. आवेदक को रैयती भूमि पर ही अनुज्ञप्ति प्राप्त करने का प्रावधान है और नियमों के अनुसार बालू का वैध भंडारण कर्ता बनने के पश्चात भंडारणकर्ता द्वारा वैध खनन पट्टा अथवा आसपास के जिलों के वैध अनुज्ञप्तिधारी से बालू लाकर बेचा जा सकता है.
बालू का वैध भंडारणकर्ता बनने के लिए ऐसे करें आवेदनः खनन विभाग ने इसके लिए शर्तों के तहत वैध भंडारणकर्ता बनने के लिए जिला खनन कार्यालय में निम्न कागजातों के साथ आवेदन करने को कहा है. जिसमें सबसे पहले आवेदक को JIMMS पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. आवेदन का शुल्क 25000 रुपए रखा गया है. दूसरा विहित प्रपत्र में शपथ पत्र देना होगा, तीसरा GST रजिस्ट्रेशन स्लीप अनिवार्य है, चौथा अद्यतन आयकर रिटर्न का कॉपी लगानी होगी, पांचवा आवेदित भूमि का खतियान रैयत के साथ एकरारनामा देना होगा, छठा आवेदित भूमि का ट्रेसिंग नक्शा 4 प्रति में देना होगा, सातवां पैन कार्ड की छायाप्रति देनी होगी, आठवां आधार कार्ड की छायाप्रति, नौवां संबंधित अंचलाधिकारी का अनापत्ति प्रमाण पत्र, 10वां वन प्रमंडल पदाधिकारी का अनापत्ति प्रमाण पत्र, 11वां JSPCB द्वारा निर्गत CTE या CTO जमा करना होगा. जांच के बाद संबंधित आवेदक को विभाग की ओर से खनन पट्टा दिया जाएगा.
डीसी की पहल पर विभाग ने शुरू की प्रक्रियाः गौरतलब हो कि अवैध खनन के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई के बाद जिले में बालू की किल्लत हो गई है. डीसी लोकेश मिश्रा की पहल पर खनन विभाग ने वैध तरीके से बालू बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस संबंध में जिला खनन पदाधिकारी नदीम सफी ने बताया कि अवैध बालू का खनन, भंडारण और परिवहन के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रहेगी. उन्होंने बताया कि विकास कार्य बाधित ना हो और आम जनों को आसानी से बालू मिल जाए इसके लिए जिला प्रशासन ने पहल की है. इस पहल से व्यापार बढ़ेगा और बालू की समस्या उत्पन्न नहीं होगी.