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लादना डैम में पिकनिक मनाने से पहले देना होगा टैक्स, समाजसेवियों ने बताया तुगलकी फरमान

नए साल का जश्न मनाने के लिए लोग घूमने वाली जगह जाते है. इन्हीं जगहों में से एक है जामताड़ा का लादना डैम. जहां दिसंबर माह से ही सैलानियों का आना शुरू हो जाता है. लोग यहां घूमने, पिकनिक मनाने और मनोरंजन करने आते हैं. लेकिन जिला प्रशासन के नए रूल (Tax on Tourists of Ladna Dam) ने सैलानियों के मजे में खलल डालने का काम किया है. जानें क्या है नया रूल इस रिपोर्ट में.

Ladna Dam
जामताड़ा का लादना डैम
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Published : Jan 2, 2023, 12:43 PM IST

देखें पूरी रिपोर्ट

जामताड़ा: नए साल का जश्न और पिकनिक मनाने को लेकर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित जामताड़ा के लादना डैम में चहल-पहल बढ़ गई है. स्थानीय प्रशासन ने आने वाले सैलानियों, पिकनिक मनाने वालों पर शुल्क निर्धारित करने का आदेश जारी (Tax on Tourists of Ladna Dam) कर दिया है. जिसका चौतरफा विरोध हो रहा है. स्थानीय समाजसेवी और बुद्धिजीवियों ने इसे प्रशासन का तुगलकी फरमान बताया है.


यह भी पढ़ें: आकर्षक है खूंटी के पर्यटन स्थल, संभावित भीड़ को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

नए साल के जश्न में पिकनिक स्पॉट पर चहलकदमी भी काफी बढ़ जाती है. जामताड़ा के लादना डैम में जनवरी के महीने में काफी भीड़ रहती है. सैलानियों का आना जाना लगा रहता है. जहां सैलानी जाकर पिकनिक मनाते हैं, घूमते हैं और प्रकृति का आनंद लेते हैं. मगर इस पर यहां के स्थानीय प्रशासन ने प्रत्येक आने वाले सैलानियों, पिकनिक मनाने वालों पर एक निर्धारित राशि वसूलने का आदेश जारी कर दिया है.

अलग-अलग राशि निर्धारित: स्थानीय अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा जारी किए गए आदेश पत्र के तहत लादना डैम में आने वाले प्रत्येक सैलानियों की कार पार्किंग पर अलग-अलग निर्धारित राशि शुल्क आदेश जारी किया गया है. जिसमें पिकनिक मनाने पर ₹300, बाहर से खाना लाकर खाने पर ₹150, बड़े वाहन पार्किंग पर ₹50, छोटे वाहन पार्किंग पर ₹20 शुल्क निर्धारित किया गया है. जिसे यहां आने वाले सैलानी और लोगों को चुकाना पड़ेगा. तभी वह यहां पर पिकनिक मना सकते हैं और घूम फिर सकते हैं.


पंचायत समिति, मुखिया को राशि वसूलने आदेश: स्थानीय प्रशासन ने राशि वसूलने का जिम्मा पंचायत समिति और मुखिया को दिया है. जिसमें पंचायत समिति के मुखिया प्रत्येक आने वाले सैलानी से अलग-अलग पैसा वसूलने का काम करेंगे. मॉनिटरिंग के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा अंचल पदाधिकारी को जिम्मा सौंपा गया है. इसमें कितना सही ढंग से राशि का खर्च होगा, कितना रखा जाएगा, पैसा कहां जाएगा किस खाते में पैसा रहेगा, स्थानीय प्रशासन द्वारा दिए गए आदेश में कहीं जिक्र नहीं है.


स्थानीय बुद्धिजीवी ने आदेश को तुगलकी फरमान कहा: समाजसेवी बुद्धिजीवी और राजनीतिक दल के नेता ने प्रशासन द्वारा जारी किए गए आदेश को तुगलकी फरमान और इसे गैरकानूनी बताया है. स्थानीय समाजसेवी का कहना है कि पर्यटन स्थल के रुप में विकसित लादना डैम में बिना समिति गठित किए टैक्स निर्धारण करना और राशि वसूलने का जिम्मा पंचायत को दिया जाना गलत है. स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अविलंब इसे वापस लेने की मांग की है.


जामताड़ा का लादना डैम पर्यटन स्थल के रुप में विकसित है. जहां दिसंबर से ही सैलानियों का आना शुरू हो जाता है. नए साल के जश्न में यहां लोग काफी संख्या में परिवार बंधुओं के साथ आते हैं. घूमते फिरते हैं, नौका विहार का आनंद लेते हैं और पिकनिक भी मनाते हैं. सुविधा के नाम पर ना यहां शौचालय है, ना पानी की खास व्यवस्था है, ना कोई समिति ही अभी तक बनाई गई है. लेकिन प्रशासन ने यहां आने वाले सैलानियों और पिकनिक मनाने वालों पर एक भारी-भरकम टैक्स लगाकर नए साल के जश्न में खलल डालने का काम किया है. जिसका की चौतरफा विरोध हो रहा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

जामताड़ा: नए साल का जश्न और पिकनिक मनाने को लेकर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित जामताड़ा के लादना डैम में चहल-पहल बढ़ गई है. स्थानीय प्रशासन ने आने वाले सैलानियों, पिकनिक मनाने वालों पर शुल्क निर्धारित करने का आदेश जारी (Tax on Tourists of Ladna Dam) कर दिया है. जिसका चौतरफा विरोध हो रहा है. स्थानीय समाजसेवी और बुद्धिजीवियों ने इसे प्रशासन का तुगलकी फरमान बताया है.


यह भी पढ़ें: आकर्षक है खूंटी के पर्यटन स्थल, संभावित भीड़ को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

नए साल के जश्न में पिकनिक स्पॉट पर चहलकदमी भी काफी बढ़ जाती है. जामताड़ा के लादना डैम में जनवरी के महीने में काफी भीड़ रहती है. सैलानियों का आना जाना लगा रहता है. जहां सैलानी जाकर पिकनिक मनाते हैं, घूमते हैं और प्रकृति का आनंद लेते हैं. मगर इस पर यहां के स्थानीय प्रशासन ने प्रत्येक आने वाले सैलानियों, पिकनिक मनाने वालों पर एक निर्धारित राशि वसूलने का आदेश जारी कर दिया है.

अलग-अलग राशि निर्धारित: स्थानीय अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा जारी किए गए आदेश पत्र के तहत लादना डैम में आने वाले प्रत्येक सैलानियों की कार पार्किंग पर अलग-अलग निर्धारित राशि शुल्क आदेश जारी किया गया है. जिसमें पिकनिक मनाने पर ₹300, बाहर से खाना लाकर खाने पर ₹150, बड़े वाहन पार्किंग पर ₹50, छोटे वाहन पार्किंग पर ₹20 शुल्क निर्धारित किया गया है. जिसे यहां आने वाले सैलानी और लोगों को चुकाना पड़ेगा. तभी वह यहां पर पिकनिक मना सकते हैं और घूम फिर सकते हैं.


पंचायत समिति, मुखिया को राशि वसूलने आदेश: स्थानीय प्रशासन ने राशि वसूलने का जिम्मा पंचायत समिति और मुखिया को दिया है. जिसमें पंचायत समिति के मुखिया प्रत्येक आने वाले सैलानी से अलग-अलग पैसा वसूलने का काम करेंगे. मॉनिटरिंग के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा अंचल पदाधिकारी को जिम्मा सौंपा गया है. इसमें कितना सही ढंग से राशि का खर्च होगा, कितना रखा जाएगा, पैसा कहां जाएगा किस खाते में पैसा रहेगा, स्थानीय प्रशासन द्वारा दिए गए आदेश में कहीं जिक्र नहीं है.


स्थानीय बुद्धिजीवी ने आदेश को तुगलकी फरमान कहा: समाजसेवी बुद्धिजीवी और राजनीतिक दल के नेता ने प्रशासन द्वारा जारी किए गए आदेश को तुगलकी फरमान और इसे गैरकानूनी बताया है. स्थानीय समाजसेवी का कहना है कि पर्यटन स्थल के रुप में विकसित लादना डैम में बिना समिति गठित किए टैक्स निर्धारण करना और राशि वसूलने का जिम्मा पंचायत को दिया जाना गलत है. स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अविलंब इसे वापस लेने की मांग की है.


जामताड़ा का लादना डैम पर्यटन स्थल के रुप में विकसित है. जहां दिसंबर से ही सैलानियों का आना शुरू हो जाता है. नए साल के जश्न में यहां लोग काफी संख्या में परिवार बंधुओं के साथ आते हैं. घूमते फिरते हैं, नौका विहार का आनंद लेते हैं और पिकनिक भी मनाते हैं. सुविधा के नाम पर ना यहां शौचालय है, ना पानी की खास व्यवस्था है, ना कोई समिति ही अभी तक बनाई गई है. लेकिन प्रशासन ने यहां आने वाले सैलानियों और पिकनिक मनाने वालों पर एक भारी-भरकम टैक्स लगाकर नए साल के जश्न में खलल डालने का काम किया है. जिसका की चौतरफा विरोध हो रहा है.

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