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हजारीबाग पुलिस की पहल 'हैलो पुलिसिंग', पुलिस पदाधिकारियों का पता चल रहा है व्यवहार

पुलिस और जनता के बीच अच्छा समन्वय स्थापित हो. इसी उद्देश्य से पुलिस ने साल 2012 में पब्लिक हेल्पलाइन, 2014-15 में पुलिस हेल्प डेस्क और अब हैलो पुलिस और रैंबो सेवा आम जनता को दे रही है. हैलो पुलिस झारखंड पुलिस की ओर से पुलिस डिलीवरी तंत्र को बेहतर करने के लिए की गई एक पहल है.

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'हैलो पुलिसिंग'
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Published : Sep 21, 2020, 6:02 AM IST

हजारीबागः जिला पुलिस ने पुलिस डिलीवरी तंत्र को बेहतर करने के लिए एक अनोखा प्रयास है. हैलो पुलिस के नाम से आम लोगों को सुविधा दी गई है. अगर आपको फोन आता है और उधर से आवाज आती है कि हेलो मैं हजारीबाग पुलिस बोल रहा हूं तो हैरत की बात नहीं है. दरअसल झारखंड पुलिस हेलो पुलिसिंग की सुविधा उपलब्ध कराई है. जिस पर हजारीबाग पुलिस इन दिनों काम भी कर रही है. पुलिस डिलीवरी तंत्र को बेहतर करने के लिए यह एक अनोखा प्रयास है.

देखें पूरी खबर

अमूमन थानों में शिकायत, खोए हुए सामानों को लेकर सन्हा दर्ज कराने और वैरिफिकेशन के लिए दौड़ना पड़ता है. इसके अलावा छोटे मामले भी आते रहते हैं. जिसमें देरी होती है. इन सेवाओं को त्वरित एवं सुचारु रूप प्रदत्त करने के लिए इसी पद्धति को हजारीबाग जिला में लागू किया गया है. इस सुविधा के तहत आवेदक को थाना से एक पावती रसीद मिलती है. आवेदन के संबंध में 7 दिनों के अंदर शिकायत का निराकरण करना है. 7 दिनों के बाद कंट्रोल रूम थाना में पदस्थापित पदाधिकारी के व्यवहार और आचरण के संबंध में जानकारी प्राप्त करती है. थाना में किसी पदाधिकारी या कर्मी के द्वारा आवेदन कर्ता साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया गया है तो उसे दुरुस्त करने हेतु पुलिस डिलीवरी तंत्र को मजबूत बनाने का प्रयास करती है. अगर व्यवहार गलत है तो उस पर कार्रवाई भी की जाती है. इस तंत्र को लेकर हजारीबाग पुलिस कप्तान काफी संतुष्ट नजर आ रहे हैं उनका कहना है कि पहले से पुलिस की व्यवहार में परिवर्तन भी आई है लेकिन इसे और भी अधिक दुरुस्त करना है.

अगर आंकड़े को देखा जाए तो कुल 23 थानों में 2 जून की असुविधा उपलब्ध कराई गई है जिसमें अब तक

टोटल सर्विस रिक्वेस्ट - 1740
फोन के जरिए प्रतिक्रिया - 1692
प्रतिक्रिया प्राप्त - 910
बात नहीं हो पाई - 782
अभी प्रतिक्रिया लेना शेष - 48

23 थाना में हैलो पुलिसिंग
उपरोक्त सेवा अनुरोध का वर्गीकरणशिकायत - 498पूछताछ - 387एफआईआर - 342अन्य - 152मोबाइल गुम होना - 97सर्टिफिकेट गुम होना - 56चरित्र प्रमाण पत्र - 65एफआईआर(नन) - 51सामान का गुम होना- 43पासपोर्ट वेरीफिकेशन - 23लापता - 21सूचना जानकारी - 3गाड़ी चोरी होना - 2कुल - 1740
अनुरोध का वर्गीकरण
फीडबैकअच्छा - 903खराब - 5संतोषजनक - 2कुल - 910
फीडबैक

इसे भी पढ़ें- दो हाथियों ने गांव में मचाया उत्पात, दहशत में ग्रामीण


हैलो पुलिसिंग के तहत जहां जनता और पुलिस के बीच की दूरी कम हो रही है तो दूसरी ओर इसका लाभ भी आम जनता को सेवा के रूप में मिल रहा है. लेकिन अभी भी इसे और भी अधिक सक्रियता के साथ लागू करने की जरूरत है.

हजारीबागः जिला पुलिस ने पुलिस डिलीवरी तंत्र को बेहतर करने के लिए एक अनोखा प्रयास है. हैलो पुलिस के नाम से आम लोगों को सुविधा दी गई है. अगर आपको फोन आता है और उधर से आवाज आती है कि हेलो मैं हजारीबाग पुलिस बोल रहा हूं तो हैरत की बात नहीं है. दरअसल झारखंड पुलिस हेलो पुलिसिंग की सुविधा उपलब्ध कराई है. जिस पर हजारीबाग पुलिस इन दिनों काम भी कर रही है. पुलिस डिलीवरी तंत्र को बेहतर करने के लिए यह एक अनोखा प्रयास है.

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अमूमन थानों में शिकायत, खोए हुए सामानों को लेकर सन्हा दर्ज कराने और वैरिफिकेशन के लिए दौड़ना पड़ता है. इसके अलावा छोटे मामले भी आते रहते हैं. जिसमें देरी होती है. इन सेवाओं को त्वरित एवं सुचारु रूप प्रदत्त करने के लिए इसी पद्धति को हजारीबाग जिला में लागू किया गया है. इस सुविधा के तहत आवेदक को थाना से एक पावती रसीद मिलती है. आवेदन के संबंध में 7 दिनों के अंदर शिकायत का निराकरण करना है. 7 दिनों के बाद कंट्रोल रूम थाना में पदस्थापित पदाधिकारी के व्यवहार और आचरण के संबंध में जानकारी प्राप्त करती है. थाना में किसी पदाधिकारी या कर्मी के द्वारा आवेदन कर्ता साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया गया है तो उसे दुरुस्त करने हेतु पुलिस डिलीवरी तंत्र को मजबूत बनाने का प्रयास करती है. अगर व्यवहार गलत है तो उस पर कार्रवाई भी की जाती है. इस तंत्र को लेकर हजारीबाग पुलिस कप्तान काफी संतुष्ट नजर आ रहे हैं उनका कहना है कि पहले से पुलिस की व्यवहार में परिवर्तन भी आई है लेकिन इसे और भी अधिक दुरुस्त करना है.

अगर आंकड़े को देखा जाए तो कुल 23 थानों में 2 जून की असुविधा उपलब्ध कराई गई है जिसमें अब तक

टोटल सर्विस रिक्वेस्ट - 1740
फोन के जरिए प्रतिक्रिया - 1692
प्रतिक्रिया प्राप्त - 910
बात नहीं हो पाई - 782
अभी प्रतिक्रिया लेना शेष - 48

23 थाना में हैलो पुलिसिंग
उपरोक्त सेवा अनुरोध का वर्गीकरणशिकायत - 498पूछताछ - 387एफआईआर - 342अन्य - 152मोबाइल गुम होना - 97सर्टिफिकेट गुम होना - 56चरित्र प्रमाण पत्र - 65एफआईआर(नन) - 51सामान का गुम होना- 43पासपोर्ट वेरीफिकेशन - 23लापता - 21सूचना जानकारी - 3गाड़ी चोरी होना - 2कुल - 1740
अनुरोध का वर्गीकरण
फीडबैकअच्छा - 903खराब - 5संतोषजनक - 2कुल - 910
फीडबैक

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हैलो पुलिसिंग के तहत जहां जनता और पुलिस के बीच की दूरी कम हो रही है तो दूसरी ओर इसका लाभ भी आम जनता को सेवा के रूप में मिल रहा है. लेकिन अभी भी इसे और भी अधिक सक्रियता के साथ लागू करने की जरूरत है.

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