हजारीबागः जिला पुलिस ने पुलिस डिलीवरी तंत्र को बेहतर करने के लिए एक अनोखा प्रयास है. हैलो पुलिस के नाम से आम लोगों को सुविधा दी गई है. अगर आपको फोन आता है और उधर से आवाज आती है कि हेलो मैं हजारीबाग पुलिस बोल रहा हूं तो हैरत की बात नहीं है. दरअसल झारखंड पुलिस हेलो पुलिसिंग की सुविधा उपलब्ध कराई है. जिस पर हजारीबाग पुलिस इन दिनों काम भी कर रही है. पुलिस डिलीवरी तंत्र को बेहतर करने के लिए यह एक अनोखा प्रयास है.
अमूमन थानों में शिकायत, खोए हुए सामानों को लेकर सन्हा दर्ज कराने और वैरिफिकेशन के लिए दौड़ना पड़ता है. इसके अलावा छोटे मामले भी आते रहते हैं. जिसमें देरी होती है. इन सेवाओं को त्वरित एवं सुचारु रूप प्रदत्त करने के लिए इसी पद्धति को हजारीबाग जिला में लागू किया गया है. इस सुविधा के तहत आवेदक को थाना से एक पावती रसीद मिलती है. आवेदन के संबंध में 7 दिनों के अंदर शिकायत का निराकरण करना है. 7 दिनों के बाद कंट्रोल रूम थाना में पदस्थापित पदाधिकारी के व्यवहार और आचरण के संबंध में जानकारी प्राप्त करती है. थाना में किसी पदाधिकारी या कर्मी के द्वारा आवेदन कर्ता साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया गया है तो उसे दुरुस्त करने हेतु पुलिस डिलीवरी तंत्र को मजबूत बनाने का प्रयास करती है. अगर व्यवहार गलत है तो उस पर कार्रवाई भी की जाती है. इस तंत्र को लेकर हजारीबाग पुलिस कप्तान काफी संतुष्ट नजर आ रहे हैं उनका कहना है कि पहले से पुलिस की व्यवहार में परिवर्तन भी आई है लेकिन इसे और भी अधिक दुरुस्त करना है.
अगर आंकड़े को देखा जाए तो कुल 23 थानों में 2 जून की असुविधा उपलब्ध कराई गई है जिसमें अब तक
टोटल सर्विस रिक्वेस्ट - 1740
फोन के जरिए प्रतिक्रिया - 1692
प्रतिक्रिया प्राप्त - 910
बात नहीं हो पाई - 782
अभी प्रतिक्रिया लेना शेष - 48
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हैलो पुलिसिंग के तहत जहां जनता और पुलिस के बीच की दूरी कम हो रही है तो दूसरी ओर इसका लाभ भी आम जनता को सेवा के रूप में मिल रहा है. लेकिन अभी भी इसे और भी अधिक सक्रियता के साथ लागू करने की जरूरत है.