हजारीबाग: झारखंड में चुनावी बिगुल बज चुका है. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टी चुनाव की तैयारी में जुट गई है लेकिन महागठबंधन का स्वरूप क्या होगा इसे लेकर अभी संशय बरकरार है. वाम दल ने महागठबंधन पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि इसमें लेफ्ट और जेवीएम को जगह नहीं दिया गया है. इस कारण से महागठबंधन अधूरा माना जाएगा.
सीपीआई के राज्य सचिव भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौराना कहा कि महागठबंधन में अगर लेफ्ट को सम्मानजनक जगह नहीं दिया गया तो वह महागठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी. उन्होंने बताया कि अब तक जो बातें सामने आ रही है कि 5 सीटें लेफ्ट को दिया जाएगा, अगर ऐसा है तो लेफ्ट महागठबंधन में शामिल नहीं रहेगा. उन्होंने कहा कि ऐसे में लेफ्ट स्वतंत्र होकर चुनाव लड़ेगी.
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जेएमएम और कांग्रेस पर निशाना
भुनेश्वर प्रसाद मेहता का कहना है कि सम्मानजनक स्थिति नहीं मिलने के बाद लेफ्ट स्वतंत्र रूप से 50 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि जेएमएम और कांग्रेस ने आपस में बैठकर सीट की शेयर कर ली है, जो ठीक नहीं है. उन्होंने बताया कि अभी भी समय है बैठकर सभी लोग बात करें और एक सम्मानजनक सीट सभी को दें, ताकि बीजेपी को झारखंड में चुनौती दिया जा सके.
सम्मानजनक सीट नहीं मिलने पर लेफ्ट अकेले लड़ेगी चुनाव
भुनेश्वर प्रसाद मेहता ने जानकारी दी कि 25 जुलाई को हेमंत सोरेन से बात हुई थी. बैठक में यह तय किया गया था कि 15 अगस्त तक हम लोग चुनाव को लेकर झारखंड में सारी तस्वीरें साफ कर देगें, लेकिन समय बिता गया और चुनाव सर पर है. ऐसे में अब तक महागठबंधन की तस्वीर साफ नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और जेएमएम ने सब कुछ तय कर लिया है और अब जो बातें सामने आ रही है, कि 5 सीट फ्लैट को दिया जाएगा यह कहीं से भी ठीक नहीं है.
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कांग्रेस और जेएमएम के कारण महागठबंधन में हो रही देरी
उन्होंने जानकारी दी कि वाम दल 5 नवंबर को रांची में एक बड़ी बैठक का आयोजन करने जा रही है, जिसमें यह तय किया जाएगा कि हम लोग को सम्मानजनक जगह नहीं मिलता है तो हम चुनाव की तैयारी कैसे करेंगे. भुनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि इस बार महागठबंधन की स्थिति लोकसभा चुनाव से भी खराब नजर आ रही है. जेवीएम चाहता है कि मुख्यमंत्री का चेहरा चुनाव के बाद स्पष्ट किया जाए, लेकिन कांग्रेस और जेएमएम इस पर सहमत नहीं है, इस कारण विलंब हो रही है.