गिरिडीह: पंचायत चुनाव का लोगों में जुनून सवार है. इस दंगल में कूदकर लोग भाग्य आजमाने की कोशिश कर रहे हैं. पुरूषों के साथ महिलाएं भी बड़ी संख्या में चुनावी मैदान में उतरी हुई हैं. चुनावी दंगल में उतरने वाले लोगों में खासकर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता-कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं. इससे हटकर एक शख्स ऐसा भी है जिसने अनुबंध की नौकरी को त्याग कर चुनावी मैदान में कूदने का निर्णय लिया है.
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सहायक अध्यापक के पद से दिया इस्तीफा: जिस शख्स की बात कर रहे हैं वह हैं बंधन महतो, वह पारा टीचर और अब सहायक अध्यापक सह सचिव के रूप में मुंडरो पंचायत के बांधटोला स्थित उत्क्रमित मध्य विधालय में कार्यरत थे. उन्होंने सहायक अध्यापक के पद को त्यागकर मुंडरो पंचायत से मुखिया पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. इसके लिए उन्होंने अपना नामांकन भी कराया. बंधन महतो ने कहा कि पंचायत का सर्वांगीण विकास करना, सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों को दिलाने और भ्रष्टाचार को मिटाना मेरा मुख्य मकसद होगा.
पंचायत की बदहाली को देखकर लिया निर्णय: बंधन महतो बताया कि वे लंबे समय से समाज की सेवा करने के साथ बच्चों को भी पढ़ाने का काम करते आ रहे थे, लेकिन पंचायत की दशा और बदहाली मुझसे देखी नहीं गई. विकास योजनाओं और कल्याणकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार हावी है. जरूरतमंदों को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. इसलिए मैंने सहायक अध्यापक पद से रिजाइन देकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है.