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कोरोना खौफः कोलकाता से मजदूरों से भरा ट्रक आया, मेडिकल जांच में नहीं मिले कोई लक्षण

कोरोना के चलते पूरे देश से पलायन का दौर जारी है. लोग भारी मशकक्त कर अपने घरों को लौट रहे है. इसी क्रम में बड़ी संख्या में झारखंड व बिहार के मजदूर वापस लौटे. सबसे पहले सदर अस्पताल में इन सभी की जांच की गई.

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Published : Mar 28, 2020, 7:19 PM IST

कोलकाता से मजदूरों
कोलकाता से मजदूरों

गढ़वाः देश में प्रकोप का बढ़ता जा रहा है. एहतियात के तौर पर सभी जगह लॉकडाउन लागू है. साथ ही कठोर कदम उठाए जा रहे हैं. ऐसे में दूसरे प्रदेशों में फंसे लोगों को कोरोना से ज्यादा भूख से मर जाने का भय सताने लगा है.

कोलकाता से मजदूरों की मेडिकल जांच.

वे येन केन प्रकारेण अपने प्रदेश लौट रहे हैं. शनिवार को झारखंड-बिहार के 160 मजदूर एक ही ट्रक में सवार होकर कोलकता से गढ़वा पहुंचे, जिसमें बिहार की एक महिला भी अपने दो छोटे बच्चों के साथ सवार थी.

सभी की यहां सदर अस्पताल में जांच की गई. किसी में भी कोरोना का लक्षण नहीं पाया गया. बता दें कि सभी मजदूर कोलकता में मेट्रो में मजदूर का काम करते थे. काम बंद होने के बाद उनके भोजन के लाले पड़ गए. पुलिस उन्हें वहां से खदेड़ने लगी. मजदूरों ने 1000-1000 हजार जमाकर एक लाख 60 हजार रुपये में एक ट्रक किया.

इसमें 110 मजदूर गढ़वा और 50 मजदूर बिहार सहित कुल 160 लोग सवार हुए. मजदूरों के अनुसार वे ट्रक में खड़े-खड़े ही गढ़वा पहुंचे हैं. उसमें सोना तो दूर बैठने की भी जगह नहीं थी. गढ़वा सदर अस्पताल में जांच कराने के बाद उक्त ट्रक बिहार के 50 मजदूरों को उनके घर पहुंचाएगा. मजदूरों के साथ छपरा की मुनि देवी भी ट्रक में सवार थीं.

यह भी पढ़ेंः लॉकडाउन के कारण पैदल सफर पर निकले मजदूर, ईटीवी भारत ने की मदद

उन्होंने कहा कि वह बच्चों की पढ़ाई के लिये कोलकता में रहती हैं. स्कूल बंद होने के बाद राशन बन्द हो गया. उसके बाद पानी भी बंद कर दिया गया. उधर सिविल सर्जन डॉ एनके रजक ने कहा कि अब तक 4 हजार से ज्यादा बाहर से आये लोगों की जांच की गई, जिसमें 17 विदेशी भी शामिल हैं. किसी में कोरोना नहीं मिला.

गढ़वाः देश में प्रकोप का बढ़ता जा रहा है. एहतियात के तौर पर सभी जगह लॉकडाउन लागू है. साथ ही कठोर कदम उठाए जा रहे हैं. ऐसे में दूसरे प्रदेशों में फंसे लोगों को कोरोना से ज्यादा भूख से मर जाने का भय सताने लगा है.

कोलकाता से मजदूरों की मेडिकल जांच.

वे येन केन प्रकारेण अपने प्रदेश लौट रहे हैं. शनिवार को झारखंड-बिहार के 160 मजदूर एक ही ट्रक में सवार होकर कोलकता से गढ़वा पहुंचे, जिसमें बिहार की एक महिला भी अपने दो छोटे बच्चों के साथ सवार थी.

सभी की यहां सदर अस्पताल में जांच की गई. किसी में भी कोरोना का लक्षण नहीं पाया गया. बता दें कि सभी मजदूर कोलकता में मेट्रो में मजदूर का काम करते थे. काम बंद होने के बाद उनके भोजन के लाले पड़ गए. पुलिस उन्हें वहां से खदेड़ने लगी. मजदूरों ने 1000-1000 हजार जमाकर एक लाख 60 हजार रुपये में एक ट्रक किया.

इसमें 110 मजदूर गढ़वा और 50 मजदूर बिहार सहित कुल 160 लोग सवार हुए. मजदूरों के अनुसार वे ट्रक में खड़े-खड़े ही गढ़वा पहुंचे हैं. उसमें सोना तो दूर बैठने की भी जगह नहीं थी. गढ़वा सदर अस्पताल में जांच कराने के बाद उक्त ट्रक बिहार के 50 मजदूरों को उनके घर पहुंचाएगा. मजदूरों के साथ छपरा की मुनि देवी भी ट्रक में सवार थीं.

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उन्होंने कहा कि वह बच्चों की पढ़ाई के लिये कोलकता में रहती हैं. स्कूल बंद होने के बाद राशन बन्द हो गया. उसके बाद पानी भी बंद कर दिया गया. उधर सिविल सर्जन डॉ एनके रजक ने कहा कि अब तक 4 हजार से ज्यादा बाहर से आये लोगों की जांच की गई, जिसमें 17 विदेशी भी शामिल हैं. किसी में कोरोना नहीं मिला.

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