नई दिल्ली: भारत ने मध्य पूर्व संघर्ष में सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने का आह्वान दोहराया और स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की. केंद्र ने कहा कि अभी इजराइल, ईरान और अन्य देशों से उड़ानें चल रही हैं इसलिए लोगों के पास विकल्प है कि वे वहां से जाना चाहते हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, "हमने कुछ दिन पहले गहरी चिंता व्यक्त करते हुए एक बयान जारी किया था. हमने कहा था कि हिंसा और स्थिति हमारे लिए गहरी चिंता का विषय है. हमने नागरिकों की सुरक्षा और सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने का आह्वान दोहराया था."
रणधीर जयसवाल ने कहा "हमारी राय में यह महत्वपूर्ण है कि यह संघर्ष व्यापक क्षेत्रीय आयाम न ले ले... अभी तक, इजराइल, ईरान और अन्य देशों से उड़ानें चल रही हैं, इसलिए लोगों के पास वापस लौटने का विकल्प है. उन्होंने कहा कि, इस संबंध में परिवारों ने भारतीय दूतावासों से संपर्क किया है, लेकिन इस समय, हमारी कोई निकासी प्रक्रिया नहीं चल रही है.”
विदेश मंत्रालय ने कहा कि, लगभग 3,000 भारतीय नागरिक वर्तमान में लेबनान में हैं, जिनमें से ज्यादातर बेरूत में हैं. वहीं, ईरान में लगभग 10,000 नागरिक हैं, और उनमें से 5,000 छात्र हैं और इज़राइल में, 30,000 भारतीय नागरिक हैं जो बड़े पैमाने पर देखभाल करने वाले और श्रमिक हैं.
इस सप्ताह की शुरुआत में, विदेश मंत्री ने मध्य पूर्व में बढ़ती स्थिति पर चिंता व्यक्त की थी क्योंकि ईरान द्वारा इजराइल के खिलाफ बैलिस्टिक मिसाइलें लॉन्च करने के साथ ही इजराइल और ईरान के बीच तनाव पैदा हो गया. ईरान द्वारा इजराइल में मिसाइलें लॉन्च करने से कुछ घंटे पहले वाशिंगटन में थिंक टैंक के साथ बातचीत के दौरान, विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, "हम लेबनान, लाल सागर, Houthis में संघर्ष के बढ़ने की संभावना से चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि, ईरान और इजराइल के बीच उत्पन्न परिस्थितियों को लेकर भारत चिंतित है.
ईरान की तरफ से इजराइल के खिलाफ 180 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ जवाबी कार्रवाई के बाद, भारत ने अपने नागरिकों के लिए ईरान की सभी गैर-जरूरी यात्रा से बचने के लिए एक ट्रेवल एडवाइजरी जारी की. भारत क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति में हालिया वृद्धि पर बेहद बारीकी से नजर रख रहा है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि, भारतीय नागरिकों को ईरान की सभी गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी गई है. वर्तमान में ईरान में रहने वालों से सतर्क रहने और तेहरान में भारतीय दूतावास के संपर्क में रहने का अनुरोध किया गया है.
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