नई दिल्ली: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू 7-10 अक्टूबर तक भारत की राजकीय यात्रा पर आएंगे. यह उनकी भारत की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी. यह जानकारी शुक्रवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दी.
जायसवाल ने कहा कि मालदीव के राष्ट्रपति की भारत यात्रा से दोनों देशों के बीच सहयोग और लोगों के बीच मजबूत संबंधों को और गति मिलने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि मुइज्जू अपनी भारत यात्रा के दौरान व्यापारिक कार्यक्रमों के लिए मुंबई और बेंगलुरु जाएंगे.
#WATCH | MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, " president of the republic of maldives mohamed muizzu will be travelling to india on a state visit from 7th to 10th october 2024. this will be his first bilateral visit to india. he had earlier visited india, in june 2024 to attend… pic.twitter.com/SwydGCxfeO
— ANI (@ANI) October 4, 2024
उन्होंने कहा कि मालदीव गणराज्य के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू 7 से 10 अक्टूबर के दौरान राजकीय यात्रा पर भारत आएंगे. राष्ट्रपति डॉ. मुइज्जू की यह भारत की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी. उन्होंने इससे पहले जून 2024 में प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए भारत का दौरा किया था. यात्रा के दौरान, वे मुंबई और बेंगलुरु भी जाएंगे, जहां उनके व्यापारिक कार्यक्रम होंगे.
उन्होंने कहा, 'विदेश मंत्री की हाल की मालदीव यात्रा के बाद मालदीव के राष्ट्रपति की भारत यात्रा इस बात का प्रमाण है कि भारत मालदीव के साथ अपने संबंधों को कितना महत्व देता है और इस यात्रा से दोनों देशों के बीच सहयोग और लोगों के बीच मजबूत संबंधों को और गति मिलने की उम्मीद है.' वहीं मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा दिए गए आधिकारिक निमंत्रण के बाद वे भारत का दौरा करेंगे. अपनी यात्रा के दौरान, मुइज्जू राष्ट्रपति मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठकें करने वाले हैं. चर्चा द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने और दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक संबंधों को और बढ़ाने पर केंद्रित होगी.
यात्रा के दौरान, मोहम्मद मुइज्जू के साथ मालदीव का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी होगा. मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा, 'राष्ट्रपति डॉ. मुइज्जू मालदीव के विकास और वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिससे देश के लिए एक गतिशील और सक्रिय विदेश नीति सुनिश्चित हो सके.'
मुइज्जू की यात्रा गंभीर वित्तीय संकट से उबरने की उनकी जरूरत : चारी
इस संबंध में लेखक, रणनीतिक और विदेश नीति विश्लेषक डॉ. शेषाद्रि चारी ने ईटीवी भारत को बताया कि राष्ट्रपति मुइज्जू की आगामी भारत यात्रा उनके हृदय परिवर्तन की नहीं, बल्कि गंभीर वित्तीय संकट से उबरने की उनकी जरूरत की ओर इशारा करती है.
उन्होंने कहा, 'केवल नई दिल्ली पर ही भरोसा किया जा सकता है कि वह बदले में बहुत सारा पैसा मांगे बिना उन्हें बचा लेगी. चीन के साथ उनका अनुभव विशेष रूप से सुखद नहीं रहा है. इसके अलावा, पर्यटन से व्यापार में नुकसान और खाद्य आपूर्ति को पूरा करने में तत्काल मदद भी उनके भारत की ओर रुख करने के मजबूत कारण हो सकते हैं. लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में विफलता उन्हें अपने शीर्ष पद से हाथ धोना पड़ सकता है. नई दिल्ली मुइज्जू की मजबूरियों से वाकिफ है और व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने के लिए तैयार है.'
विशेषज्ञ ने आगे कहा कि मालदीव को बीजिंग से दूर करना भारत के लिए महत्वपूर्ण है. डॉ. शेषाद्री चारी ने कहा, 'आखिरकार शासन परिवर्तन ही हमारे द्विपक्षीय संबंधों के बीच दिशा सुधार सकता है.'
प्रोफेसर शेषाद्री चारी ने कहा, 'भारत के साथ मुद्रा विनिमय समझौते के अनुसार, मालदीव भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से 400 मिलियन डॉलर प्राप्त कर सकता है. इस समझौते का उद्देश्य मालदीव को अपनी वित्तीय चुनौतियों से निपटने में मदद करना है, जिसमें संभावित सुकुक डिफ़ॉल्ट भी शामिल है. सुकुक एक 'शरिया-अनुपालन' इस्लामी किस्म का पारंपरिक बॉन्ड है, जिसे वित्तीय प्रमाणपत्र के रूप में जारी किया जाता है जो पात्र मौजूदा या भविष्य की परिसंपत्तियों के पोर्टफोलियो में स्वामित्व के एक हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है.'
मालदीव 800 मिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन के तहत दीर्घकालिक ऋण भी मांग सकता है. भारत ने पहले ही मालदीव को चल रहे वित्तीय संकट से निपटने के लिए 50 मिलियन डॉलर का आपातकालीन ऋण दिया है. डॉ. चारी ने ईटीवी भारत को बताया, 'मुद्रा विनिमय दो पक्षों के बीच एक वित्तीय समझौता है, जिसमें एक विशिष्ट अवधि में विभिन्न मुद्राओं में मूल राशि और ब्याज भुगतान का आदान-प्रदान किया जाता है. मालदीव और भारत ने इससे पहले दिसंबर 2020 में मुद्रा विनिमय किया था, जब मालदीव को 250 मिलियन डॉलर मिले थे.' मालदीव भारत के साथ मालदीवियन रूफिया में आयात के भुगतान के बारे में भी चर्चा कर रहा है. मालदीव हर साल भारत से 780 मिलियन डॉलर और चीन से 720 मिलियन डॉलर का सामान आयात करता है.
भारत के प्रति मालदीव के दृष्टिकोण में गंभीर बदलाव आया है : पंत
वहीं ईटीवी भारत के साथ एक विशेष बातचीत में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के उपाध्यक्ष डॉ. हर्ष पंत ने मालदीव के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के बारे में अपने विचार साझा किए. उन्होंने कहा, 'निश्चित रूप से, भारत के प्रति मालदीव के दृष्टिकोण में गंभीर बदलाव आया है. डॉ. मुइज्जू ने माना है कि भारत एक बहुत ही महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार बना हुआ है और इस वास्तविकता से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता है.' उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि राष्ट्रपति मुइज्जू ने अपने चुनाव अभियान के दौरान जो भी कहा हो, एक बार जब उन्होंने शासन करना शुरू किया तो उन्हें शासन की चुनौतियों का एहसास हुआ होगा और यही बात है.
ये भी पढ़ें - पीएम मोदी पर विवादास्पद टिप्पणी करने वाले मालदीव के मंत्रियों का इस्तीफा, मुइज्जू की भारत यात्रा से पहले उठाया कदम