बेंगलुरु: कर्नाटक भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं है. पार्टी के भीतर असंतोष की लहर तेज होती जा रही है, और अब यह असंतोष सीधे पार्टी के शीर्ष नेताओं तक पहुंच गया है. हाल ही में चिक्कबल्लापुर के सांसद और राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. केशव सुधाकर ने पार्टी नेतृत्व पर तानाशाह की तरह काम करने का आरोप लगाया था. अब, कर्नाटक भाजपा के नेताओं का एक समूह, जो राज्य इकाई के प्रमुख बी वाई विजयेंद्र को हटाने की मांग कर रहा है, अपनी मांग को लेकर दबाव बढ़ाने के लिए दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेताओं से मिलने वाला है.
सूत्रों के मुताबिक, विधायकों रमेश जारकीहोली और के. सुधाकर, पूर्व विधायक कुमार बंगारप्पा और अरविंद लिंबावली का यह समूह सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचेगा. सुधाकर ने मीडिया से बातचीत में कहा, "हमारा मामला अब दिल्ली पहुंच गया है. मैं आपको वहां लिए जाने वाले निर्णय के बारे में बताऊंगा." समूह के सदस्यों के रवाना होने से पहले, जारकीहोली और बंगारप्पा ने मैसूर के चामुंडेश्वरी मंदिर में जाकर अपने मिशन की सफलता के लिए आशीर्वाद मांगा.
यह असंतोष विजयपुरा के विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल द्वारा शुरू किए गए विजयेंद्र के खिलाफ अभियान का हिस्सा है, जिसे पूर्व मुख्यमंत्री डी वी सदानंद गौड़ा सहित कई नेताओं का समर्थन प्राप्त हुआ है. नेताओं का यह गुट विजयेंद्र पर कई वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करने का आरोप लगा रहा है.
यतनाल ने विजयेंद्र और उनके पिता - पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा पर निशाना साधते हुए कहा है कि कर्नाटक इकाई में वंशवादी राजनीति "ज़ोर पकड़ रही है", जो राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के रुख के विपरीत है. इस समूह का आरोप है कि विजयेंद्र के नेतृत्व में पार्टी में वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को उचित सम्मान नहीं मिल रहा है.
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