देवघर:झारखंड विधानसभा चुनाव करीब है. ऐसे में समाज के हर वर्ग के लोगों में उत्साह और लोग अपनी प्राथमिकताओं के हिसाब से उम्मीदवार का चयन करने का मन बना रहे हैं. वहीं विभिन्न समाज के लोगों ने अपनी-अपनी मांगों को लेकर वोट देने का मन बनाया है. इसी क्रम में जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इंडिया गठबंधन से मुस्लिम कैंडिडेट देने की मांग की है. मुस्लिम समाज के लोगों ने कहा कि यदि जरमुंडी विधानसभा में इंडिया गठबंधन की तरफ से मुस्लिम कैंडिडेट दिया जाता है तो विधानसभा क्षेत्र के सभी मुस्लिम समाज एकजुट होकर इंडिया गठबंधन को वोट करेंगे.
जरमुंडी से मुस्लिम प्रत्याशी देने की मांग
जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम समाज के नेता सह पूर्व विधानसभा प्रत्याशी मोहम्मद रजी अहमद बताते हैं कि पिछले 24 वर्षों में जरमुंडी विधानसभा में किसी भी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट नहीं मिला है और न ही कोई मुस्लिम प्रत्याशी विधायक बन पाए हैं. उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के द्वारा मुस्लिम समाज के मतदाताओं के साथ छल किया जाता है. चुनाव से पहले क्षेत्र में घूमने वाले सभी नेता यह आश्वासन देते हैं कि चुनाव के बाद अल्पसंख्यक समाज की सभी समस्याओं का निदान किया जाएगा, लेकिन चुनाव खत्म होते ही नेता अपने वादों को भूल जाते हैं.
मुस्लिम समाज के लोगों ने बैठक में लिया निर्णय
उन्होंने कहा कि इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जरमुंडी विधानसभा में रहने वाले मुस्लिम समाज के लोग बैठक कर रहे हैं. पिछले दिनों की गई बैठक में मुस्लिम समाज के लोगों ने एक कमेटी का गठन किया है. बैठक में यह तय किया गया है कि कमेटी के द्वारा जो भी प्रत्याशी तय किए जाएंगे, यदि उस प्रत्याशी को इंडिया गठबंधन या एनडीए की तरफ से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया जाता है तो उसे पूरा मुस्लिम समाज समर्थन कर वोट करेगा.
पसमांदा मुसलमान को मिले टिकट
वहीं इस संबंध में भाजपा नेता और झारखंड विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी आलमगीर बताते हैं कि वह भारतीय जनता पार्टी सहित तमाम पार्टियों से यह मांग करेंगे कि जरमुंडी विधानसभा में पसमांदा मुसलमान को टिकट दिया जाए. यदि सीट से मुस्लिम उम्मीदवार उतारा जाता है तो उसे समर्थन दिया जाएगा और उसकी जीत सुनिश्चित की जाएगी.
जरमुंडी में किस समाज की कितनी आबादी
बता दें कि जरमुंडी विधानसभा में करीब 35 से 38 हजार मुस्लिम आबादी है. इससे ज्यादा यादवों की संख्या है. जरमुंडी विधानसभा में 50 हजार यादव वोटर हैं. वहीं जरमुंडी विधानसभा में आदिवासी, घाटवार और मंडल जाति की भी संख्या करीब 50 हजार है. ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि मुस्लिम समाज के लोगों की इस मांग पर बड़ी राजनीतिक पार्टियां क्या निर्णय लेती है. गौरतलब हो कि 2019 के विधानसभा चुनाव में मोहम्मद रजी अहमद की जमानत जब्त हो गई थी.
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