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सरयू राय ने मुख्यमंत्री रघुवर दास पर किया एक और प्रहार, मुख्यमंत्री के साले खेमलाल साहू पर लगाए गंभीर आरोप

जमशेदपुर पूर्व सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय ने मुख्यमंत्री रघुवर दास पर एक बार फिर हमला किया है. सरयू ने इस बार मुख्यमंत्री के साले खेमलाल साहू पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

सरयू राय ने मुख्यमंत्री रघुवर दास पर किया एक और प्रहार, नोटबंदी के समय का है मामला
सरयू राय
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Published : Nov 28, 2019, 10:34 PM IST

जमशेदपुरः जमशेदपुर पूर्व से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे सरयू राय ने एक बार मुख्यमंत्री रघुवर दास पर हमला किया है. सरयू राय ने इस बार मुख्यमंत्री के साले खेमलाल साहू पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने यह मामला नोटबंदी के समय का बताया.

देखें पूरी खबर

यह भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव में चढ़ता जा रहा चुनावी रंग, CPI करेगा महागठबंधन को सपोर्ट

नोटबंदी के दौर का मामला

सरयू राय ने बताया कि सोनारी परदेशीपाड़ा के रहने वाले मनीष दास को नोटबंदी के समय खेमराज साहू उर्फ खेमू ने पंद्रह लाख रुपए दिए थे. बदले में मनीष से उसके घर का पावर ऑफ एटॉर्नी लिखवा लिया. लेकिन खेमलाल ने शर्त रखी थी कि पंद्रह लाख रूपए लौटाने पर पावर ऑफ एटॉर्नी लौटा देंगे. मनीष दास अपने 15 लाख लेकर खेमराज साहू को जब लौटाने गए तो खेमराज साहू ने पहले तो समय देने से इनकार कर दिया. इसके बाद मनीष ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से 18 जुलाई 2018 को रजिस्टर्ड लिगल नोटिस भेजा. लीगल नोटिस जाते ही खेमराज साहू मनीष के आवास पहुंचे और तीन दिनों के अंदर घर खाली करने को कहा, लेकिन कुछ लोग की मध्यस्थता के बाद खेमलाल को मनीष ने तीन लाख रुपए दिए. खेमलाल ने इसके बदले मे रिसिविंग नहीं दिया और बाकी पैसों के लिए जनवरी 2019 तक समय दिया. उससे पहले 11 दिसंबर को खेमराज ने मनीष को कदमा थाना बुलाकर शारीरिक और मानसिक तौर पर परेशान किया जाने का भी आरोप लगाया. सरयू राय ने कहा कि इस मामले में उन्होंने अपने स्तर से मध्यस्थता कराकर मनीष दास को थाने से छुड़वाया. उन्होंने कहा कि खेमलाल बिना नौकरी के इतनी बड़ी रकम कहां से आया और उसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने खेमलाल के समर्थन में पुलिस के कार्रवाई पर सवाल उठाए.

जमशेदपुरः जमशेदपुर पूर्व से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे सरयू राय ने एक बार मुख्यमंत्री रघुवर दास पर हमला किया है. सरयू राय ने इस बार मुख्यमंत्री के साले खेमलाल साहू पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने यह मामला नोटबंदी के समय का बताया.

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नोटबंदी के दौर का मामला

सरयू राय ने बताया कि सोनारी परदेशीपाड़ा के रहने वाले मनीष दास को नोटबंदी के समय खेमराज साहू उर्फ खेमू ने पंद्रह लाख रुपए दिए थे. बदले में मनीष से उसके घर का पावर ऑफ एटॉर्नी लिखवा लिया. लेकिन खेमलाल ने शर्त रखी थी कि पंद्रह लाख रूपए लौटाने पर पावर ऑफ एटॉर्नी लौटा देंगे. मनीष दास अपने 15 लाख लेकर खेमराज साहू को जब लौटाने गए तो खेमराज साहू ने पहले तो समय देने से इनकार कर दिया. इसके बाद मनीष ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से 18 जुलाई 2018 को रजिस्टर्ड लिगल नोटिस भेजा. लीगल नोटिस जाते ही खेमराज साहू मनीष के आवास पहुंचे और तीन दिनों के अंदर घर खाली करने को कहा, लेकिन कुछ लोग की मध्यस्थता के बाद खेमलाल को मनीष ने तीन लाख रुपए दिए. खेमलाल ने इसके बदले मे रिसिविंग नहीं दिया और बाकी पैसों के लिए जनवरी 2019 तक समय दिया. उससे पहले 11 दिसंबर को खेमराज ने मनीष को कदमा थाना बुलाकर शारीरिक और मानसिक तौर पर परेशान किया जाने का भी आरोप लगाया. सरयू राय ने कहा कि इस मामले में उन्होंने अपने स्तर से मध्यस्थता कराकर मनीष दास को थाने से छुड़वाया. उन्होंने कहा कि खेमलाल बिना नौकरी के इतनी बड़ी रकम कहां से आया और उसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने खेमलाल के समर्थन में पुलिस के कार्रवाई पर सवाल उठाए.

Intro:जमशेदपुर । मुख्यमंत्री रघुवर दास पर खिलाफ जमशेदपुर (पूर्वी) से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप मे चुनाव लङ रहे सरयू राय ने एक बार मुख्यमंत्री रघुवर दास पर हमला किया है। सरयू राय इस बार मुख्यमंत्री के साले खेमलाल साहू पर कई गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने यह मामला नोटबंदी के समय बताया । सरयू राय ने बताया कि सोनारी परदेशीपाङा के रहने वाले मनीष दास को नोटबंदी के समय खेमराज साहू उर्फ खेमू ने पंद्रह लाख रूपए दिए थे। बदले में मनीष से उसके घर का पावर ऑफ एटॉर्नी लिखा लिया गया।लेकिन खेमलाल ने शर्त रखी थी कि पंद्रह लाख रूपए लौटाने पर पावर ऑफ एटॉर्नी लौटा देगे।


Body:मनीष दास अपने 15 लाख लेकर खेमराज साहू को जब लौटाने जाए तो खेमराज साहू ने पहले तो समय देने से इनकार कर दिया।। इसके बाद मनीष ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से 18 जुलाई 2018 को मित्रता लान वापस करने के लिए रजिस्टर्ड लिगल नोटिस भेजा।लीगल नोटिस जाते है खेमराज साहू मनीष के आवास पहुचे और तीन दिनों के अंदर घर खाली करने को कहा।लेकिन कुछ लोग की मध्यस्थता के बाद खेमलाल को मनीष ने तीन लाख दिया।लेकिन खेमलाल कुछ भी इसके बदले मे रिसिविंग नही दी।और बाकी पैसा के लिए जनवरी 2019 तक समय दिया गया। लेकिन उससे पहले 11 दिसंबर को खेमराज ने मनीष को कदमा थाना बुलाकर शारिरीक और मानसिक तौर पर परेशान किया जाने लगा। इस मामले में मैंने अपने स्तर से मध्यस्थ आकर मनीष दास को थाना से छुङवाया।उन्होंने कहा खेमलाल बिना नौकरी के इतनी बङी रकम कहाँ से आया और उसकी जांच होनी चाहिए ।उन्होंने खेमलाल के समर्थन में पुलिस के कार्रवाई पर सवाल उठाया।


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