जमशेदपुर: राजस्थान के कोटा में एक महीने में 100 से ज्यादा बच्चों की मौत का मामला अभी सुर्खियों में है. इधर, जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में 333 बच्चों की मौत की खबर सामने आई है. अस्पताल प्रबंधन ने अस्पताल में भर्ती बच्चों के सही से देखभाल नहीं होने के कारण 2019 में करीब 333 बच्चों की मौत हुई है.
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कुपोषण बड़ी समस्या
एमजीएम अस्पताल में जन्म लेने वाले बच्चे का वजन 500 ग्राम से लेकर 1.5 किलो तक का होता है. एनएफएचएस चार के मुताबिक नैशनल हेल्थ सर्वे 4 के आंकड़ों के मुताबिक 2018 में पूर्वी सिंहभूम जिले में 49 फीसदी बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. जन्म के समय बच्चे का वजन कम से कम 2.5 किलो होना चाहिए. इससे कम वजन का बच्चा जन्म से कुपोषण का शिकार माना जाता है.
वहीं, बीजेपी महानगर जिलाध्यक्ष ने कहा सरयू राय व्यवस्था में सुधार लाएं, झारखंड में महागठबंधन की सरकार और हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री है. जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय विधायक सरयू राय कई बार अस्पताल के बारे में चिंता जताया करते थे. जाहिर तौर पर हेमंत सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है.
क्या कहते हैं परिजन
पूर्वी सिंहभूम के सुदूरवर्ती गांव से आए परिजनों का कहना है कि बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के बारे में पूछने पर डॉक्टर फटकार लगाते हैं. वहीं, बच्चे का औसतन वजन एक किलो तक का है. अस्पताल प्रबंधन ने बच्चों की मौत के सवाल पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.