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शिकारीपाड़ा में आवंटित कोल ब्लॉक का विरोध, ग्रामीणों को मिला झामुमो के दो विधायकों का समर्थन - Dumka News

झारखंड की उपराजधानी दुमका के शिकारीपाड़ा में आवंटित कोल ब्लॉक का ग्रामीणों ने विरोध किया. विरोध सभा में झामुमो के दो विधायक सहित 22 गांवों के लोगों ने हिस्सा लिया.

विरोध करते ग्रामीण
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Published : Aug 24, 2019, 9:18 PM IST

दुमका: जिले के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के 22 गांव की जमीन को भारत सरकार ने कोल ब्लॉक के लिए आवंटित कर दिया है, लेकिन ग्रामीण इस बात पर अडे़ हैं कि यहां कोल ब्लॉक नहीं लगने देंगे. जिसका ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों को अब झारखंड मुक्ति मोर्चा का भी साथ मिल गया है. शनिवार को हुलसडंगाल गांव में सभी 22 गांवों के ग्राम प्रधान और ग्रामीण जुटे, इस मौके पर झामुमो के दो विधायक नलिन सोरेन और स्टीफन मरांडी भी ग्रामीण का साथ देने के लिए मौजूद रहे.

देखें पूरी खबर

इस विरोध सभा में आंदोलन को तेज करने के बात पर सहमति बनी. इस विरोध सभा में मौजूद लोगों का कहना था कि हम अपनी जान दे देंगे पर एक इंच जमीन नहीं देंगे. जब तक कोल ब्लॉक का एकरारनामा रद्द नहीं हो जाता हमारा विरोध जारी रहेगा.

ये भी देखें- दुमका विधानसभा के हॉट सीट पर होगी सबकी नजर, बीजेपी ने सिर्फ एक बार की है जीत दर्ज


विधायक नलिन सोरेन और स्टीफन मराण्डी ने कहा
विरोध सभा में मौजूद झामुमो के शिकारीपाड़ा विधायक नलिन सोरेन ने कहा कि इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएंगे. वहीं महेशपुर विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि सरकार खनिज निकालने के नाम पर ग्रामीणों को विस्थापित कर देती है, पर उनके पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं करती है.

दुमका: जिले के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के 22 गांव की जमीन को भारत सरकार ने कोल ब्लॉक के लिए आवंटित कर दिया है, लेकिन ग्रामीण इस बात पर अडे़ हैं कि यहां कोल ब्लॉक नहीं लगने देंगे. जिसका ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों को अब झारखंड मुक्ति मोर्चा का भी साथ मिल गया है. शनिवार को हुलसडंगाल गांव में सभी 22 गांवों के ग्राम प्रधान और ग्रामीण जुटे, इस मौके पर झामुमो के दो विधायक नलिन सोरेन और स्टीफन मरांडी भी ग्रामीण का साथ देने के लिए मौजूद रहे.

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इस विरोध सभा में आंदोलन को तेज करने के बात पर सहमति बनी. इस विरोध सभा में मौजूद लोगों का कहना था कि हम अपनी जान दे देंगे पर एक इंच जमीन नहीं देंगे. जब तक कोल ब्लॉक का एकरारनामा रद्द नहीं हो जाता हमारा विरोध जारी रहेगा.

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विधायक नलिन सोरेन और स्टीफन मराण्डी ने कहा
विरोध सभा में मौजूद झामुमो के शिकारीपाड़ा विधायक नलिन सोरेन ने कहा कि इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएंगे. वहीं महेशपुर विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि सरकार खनिज निकालने के नाम पर ग्रामीणों को विस्थापित कर देती है, पर उनके पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं करती है.

Intro:दुमका -
दुमका जिले के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के 22 गांव की जमीन को भारत सरकार ने कोल ब्लॉक के लिए आवंटित कर दिया है । ग्रामीण इस बात पर अड़े हैं कि वे यहां कॉल ब्लॉक नहीं लगने देंगे । वे लगातार इसका विरोध कर रहे हैं । अब इन ग्रामीणों को झारखंड मुक्ति मोर्चा का साथ मिल गया है आज हुलसडंगाल गांव में सभी 22 गांव के ग्राम प्रधान और ग्रामीण जुटे । इस मौके पर झामुमो के दो विधायक नलिन सोरेन और स्टीफन मरांडी मौजूद थे । इस विरोध सभा आगे के आंदोलन को तेज करने की सहमति बनी ।Body:क्या कहना है लोगों का ।
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इस विरोध सभा में मौजूद लोगों का कहना था कि हम अपनी जान दे देंगे पर एक इंच जमीन नहीं देंगे । जब तक एकरारनामा रद्द नहीं हो जाता हमारा विरोध जारी रहेगा ।

क्या कहा विधायक नलिन सोरेन और स्टीफन मराण्डी ने ।
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मौके पर मौजूद झामुमो के शिकारीपाड़ा विधायक नलिन सोरेन ने कहा कि इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएंगे । वहीं महेशपुर विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि सरकार खनिज निकालने के नाम पर ग्रामीणों को विस्थापितों कर देती है पर उनके पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं करती है इसका विरोध कर रहे हैं ।

बाईट - हुदू मराण्डी , ग्राम प्रधान

बाईट - नलिन सोरेन , झामुमो विधायक , शिकारीपाड़ा
बाईट - स्टीफन मराण्डी , झामुमो विधायक, महेशपुरConclusion:No
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