दुमका: जिले के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के 22 गांव की जमीन को भारत सरकार ने कोल ब्लॉक के लिए आवंटित कर दिया है, लेकिन ग्रामीण इस बात पर अडे़ हैं कि यहां कोल ब्लॉक नहीं लगने देंगे. जिसका ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों को अब झारखंड मुक्ति मोर्चा का भी साथ मिल गया है. शनिवार को हुलसडंगाल गांव में सभी 22 गांवों के ग्राम प्रधान और ग्रामीण जुटे, इस मौके पर झामुमो के दो विधायक नलिन सोरेन और स्टीफन मरांडी भी ग्रामीण का साथ देने के लिए मौजूद रहे.
इस विरोध सभा में आंदोलन को तेज करने के बात पर सहमति बनी. इस विरोध सभा में मौजूद लोगों का कहना था कि हम अपनी जान दे देंगे पर एक इंच जमीन नहीं देंगे. जब तक कोल ब्लॉक का एकरारनामा रद्द नहीं हो जाता हमारा विरोध जारी रहेगा.
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विधायक नलिन सोरेन और स्टीफन मराण्डी ने कहा
विरोध सभा में मौजूद झामुमो के शिकारीपाड़ा विधायक नलिन सोरेन ने कहा कि इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएंगे. वहीं महेशपुर विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि सरकार खनिज निकालने के नाम पर ग्रामीणों को विस्थापित कर देती है, पर उनके पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं करती है.