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Education in Jharkhand: यहां बिना गुरु के मिलता है ज्ञान, अंधकार में छात्राओं का भविष्य - दुमका में शिक्षा

दुमका का संथाल परगना महिला कॉलेज संथाल की बेटियों को उच्च शिक्षा मिले इस उद्देश्य से खुला था. लेकिन आज यहां व्यवस्था दम तोड़ती नजर आ रही है. यहां कई विभागों में शिक्षकों की भारी कमी है. कई विभाग में तो शिक्षक हैं ही नहीं.

Education in Jharkhand
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Published : Mar 4, 2022, 8:29 AM IST

Updated : Mar 4, 2022, 9:52 AM IST

दुमकाः बेटियां आगे बढ़े, तरक्की करे इसे लेकर कई योजनाएं चलती हैं. लेकिन वो पूरी तरह से कारगर नहीं हो पाती है. बेटियों को पढ़ाने के लिए भी बहुत सी योजनाएं चल रही हैं, लेकिन इसके उद्देश्य की पूर्ति तभी होगी जब उनकी शिक्षा के लिए बेहतर आधारभूत संरचना तैयार की जाए. दुमका में इसकी भारी कमी देखी जा रही है. हम बात कर रहे हैं झारखंड की उपराजधानी दुमका स्थित लड़कियों के उच्च शिक्षा के लिए स्थापित संथाल परगना महिला कॉलेज की. यहां शिक्षकों की कमी नहीं, कई विषयों के तो शिक्षक है ही नहीं. हद तो यह है कि जिन विषयों के शिक्षक नहीं हैं, उसमें भी सैकड़ों छात्राएं नामांकित हैं.

ये भी पढ़ेंः महंगा पड़ा 'जनरल' होना, संथाल परगना महिला कॉलेज छात्रावास में 4 साल तक नहीं मिली एंट्री


सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के अंतर्गत है यह एसपी महिला कॉलेज

आपको बता दें कि सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के अंतर्गत दुमका का संथाल परगना महिला कॉलेज आता है. इस कॉलेज में लगभग तीन हजार छात्राएं अध्ययनरत हैं, लेकिन यहां शिक्षकों की काफी कमी है. हिंदी, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, इतिहास, संथाली जैसे विषय में इक्के-दुक्के शिक्षक हैं जिसके सहारे इन सब्जेक्ट्स की पढ़ाई जैसे तैसे चल जा रही है. लेकिन ज्योग्राफी जिस विषय में लगभग 500 छात्राएं हैं उसमें एक भी शिक्षक कॉलेज में मौजूद नहीं है. साथ ही इस कॉलेज में साइंस सब्जेक्ट में लगभग तीन सौ छात्राएं नामांकित हैं लेकिन साइंस सब्जेक्ट का तो पोस्ट ही सेंक्शन आज तक नहीं किया गया. यही हाल ज्योग्राफी सब्जेक्ट का भी है. इसका भी पद सृजन नहीं हुआ है. जब शिक्षक ही नहीं है तो यह आसानी से समझा जा सकता है कि जो छात्राएं इस कॉलेज में पढ़ने आती हैं उनकी पढ़ाई नाम मात्र ही चल रही है.

क्या करती हैं कॉलेज की प्रिंसिपल

शिक्षकों की कमी के मामले में एसपी महिला कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. रीना नीलिमा लकड़ा भी करती हैं कि टीचर्स की कमी से हमलोग जूझ रहे हैं. जिसका प्रभाव पठन-पाठन पर पड़ रहा है. वह कहती हैं कि इसके लिए हमने विश्वविद्यालय से पत्राचार किया है. साथ ही वह बताती हैं कि इस महाविद्यालय में क्लास रूम की भी कमी है. सिर्फ 5 क्लास रूम के सहारे यह कॉलेज चल रहा है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट
क्या कहती हैं छात्राएं

जिन विषयों में शिक्षक नहीं हैं उस सब्जेक्ट की छात्राएं काफी परेशान हैं. उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि आखिरकार उनकी पढ़ाई कैसे पूरी होगी. वो कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रशासन से यह मांग कर रही हैं कि इस कमी को दूर किया जाए क्योंकि हमारे करियर का सवाल है.

शिक्षा विभाग को ध्यान देने की आवश्यकता

संथाल परगना महिला कॉलेज में दूरदराज से आकर अमीर-गरीब सभी छात्राएं पढ़ती हैं. वो अपने बेहतर करियर की आस को लेकर आती हैं लेकिन यहां की कमियों की वजह से उन्हें निराशा हाथ लग रही है. शिक्षा विभाग को चाहिए कि स्वतः संज्ञान लें और शिक्षकों की कमी को दूर करें.

दुमकाः बेटियां आगे बढ़े, तरक्की करे इसे लेकर कई योजनाएं चलती हैं. लेकिन वो पूरी तरह से कारगर नहीं हो पाती है. बेटियों को पढ़ाने के लिए भी बहुत सी योजनाएं चल रही हैं, लेकिन इसके उद्देश्य की पूर्ति तभी होगी जब उनकी शिक्षा के लिए बेहतर आधारभूत संरचना तैयार की जाए. दुमका में इसकी भारी कमी देखी जा रही है. हम बात कर रहे हैं झारखंड की उपराजधानी दुमका स्थित लड़कियों के उच्च शिक्षा के लिए स्थापित संथाल परगना महिला कॉलेज की. यहां शिक्षकों की कमी नहीं, कई विषयों के तो शिक्षक है ही नहीं. हद तो यह है कि जिन विषयों के शिक्षक नहीं हैं, उसमें भी सैकड़ों छात्राएं नामांकित हैं.

ये भी पढ़ेंः महंगा पड़ा 'जनरल' होना, संथाल परगना महिला कॉलेज छात्रावास में 4 साल तक नहीं मिली एंट्री


सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के अंतर्गत है यह एसपी महिला कॉलेज

आपको बता दें कि सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के अंतर्गत दुमका का संथाल परगना महिला कॉलेज आता है. इस कॉलेज में लगभग तीन हजार छात्राएं अध्ययनरत हैं, लेकिन यहां शिक्षकों की काफी कमी है. हिंदी, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, इतिहास, संथाली जैसे विषय में इक्के-दुक्के शिक्षक हैं जिसके सहारे इन सब्जेक्ट्स की पढ़ाई जैसे तैसे चल जा रही है. लेकिन ज्योग्राफी जिस विषय में लगभग 500 छात्राएं हैं उसमें एक भी शिक्षक कॉलेज में मौजूद नहीं है. साथ ही इस कॉलेज में साइंस सब्जेक्ट में लगभग तीन सौ छात्राएं नामांकित हैं लेकिन साइंस सब्जेक्ट का तो पोस्ट ही सेंक्शन आज तक नहीं किया गया. यही हाल ज्योग्राफी सब्जेक्ट का भी है. इसका भी पद सृजन नहीं हुआ है. जब शिक्षक ही नहीं है तो यह आसानी से समझा जा सकता है कि जो छात्राएं इस कॉलेज में पढ़ने आती हैं उनकी पढ़ाई नाम मात्र ही चल रही है.

क्या करती हैं कॉलेज की प्रिंसिपल

शिक्षकों की कमी के मामले में एसपी महिला कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. रीना नीलिमा लकड़ा भी करती हैं कि टीचर्स की कमी से हमलोग जूझ रहे हैं. जिसका प्रभाव पठन-पाठन पर पड़ रहा है. वह कहती हैं कि इसके लिए हमने विश्वविद्यालय से पत्राचार किया है. साथ ही वह बताती हैं कि इस महाविद्यालय में क्लास रूम की भी कमी है. सिर्फ 5 क्लास रूम के सहारे यह कॉलेज चल रहा है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट
क्या कहती हैं छात्राएं

जिन विषयों में शिक्षक नहीं हैं उस सब्जेक्ट की छात्राएं काफी परेशान हैं. उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि आखिरकार उनकी पढ़ाई कैसे पूरी होगी. वो कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रशासन से यह मांग कर रही हैं कि इस कमी को दूर किया जाए क्योंकि हमारे करियर का सवाल है.

शिक्षा विभाग को ध्यान देने की आवश्यकता

संथाल परगना महिला कॉलेज में दूरदराज से आकर अमीर-गरीब सभी छात्राएं पढ़ती हैं. वो अपने बेहतर करियर की आस को लेकर आती हैं लेकिन यहां की कमियों की वजह से उन्हें निराशा हाथ लग रही है. शिक्षा विभाग को चाहिए कि स्वतः संज्ञान लें और शिक्षकों की कमी को दूर करें.

Last Updated : Mar 4, 2022, 9:52 AM IST
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