धनबादः झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह ने शुक्रवार को कोर्ट में अर्जी लगाई है. जिसमें रागिनी सिंह ने कहा है कि एसएनएमएमसीएच में भर्ती झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह का सही ढंग से इलाज नहीं हो रहा है. इस कारण उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है. उन्हें बेहतर इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत है. इसलिए वे उन्हें बेहतर इलाज के लिए दूसरे अस्पताल ले जाना चाहती हैं.
10 अप्रैल को संजीव को धनबाद SNMMCH में कराया गया है भर्तीः जानकारी के अनुसार SNMMCH धनबाद में झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह का इलाज चल रहा है. संजीव सिंह अपने चचेरे भाई पूर्व डिप्टी मेयर सह कांग्रेस नेता नीरज सिंह हत्याकांड मामले में धनबाद मंडल कारा में सजा काट रहे हैं. जेल में आचनक उनकी तबीयत बिगड़ने पर जेल प्रशासन ने उन्हें इलाज के लिए SNMMCH धनबाद में 10 अप्रैल को भर्ती कराया था.
संजीव को दूसरे अस्पताल ले जाना चाहती हैं रागिनीः जहां संजीव सिंह की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें सीसीयू में रखा गया है. शुक्रवार को इलाजरत पूर्व विधायक के सीने में तेज दर्द उठा. जिसकी सूचना मिलने पर भाजपा नेत्री रागिनी सिंह एसएनएमसीएच अस्पताल पहुंची और इलाजरत पति का हाल जाना. वहीं भाजपा के समर्थक भी सूचना पाकर अस्पताल पहुंच गए. भाजपा नेत्री रागिनी सिंह ने कहा कि पूर्व विधायक संजीव सिंह का स्वास्थ्य में किसी तरह का सुधार नहीं हो रहा है. यहां के डॉक्टर किस तरह का इलाज कर रहे हैं इसकी मुझे जानकारी नहीं है. उनके स्वास्थ्य को देखते हुए कोर्ट में अर्जी दिया गया है. कोर्ट का आदेश मिलने के बाद संजीव को बेहतर इलाज के लिए अन्य अस्पताल ले जाएंगी.
2017 में हुई थी नीरज सिंह की हत्याः बताते चलें कि धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर सह कांग्रेस नेता नीरज सिंह और उनके तीन समर्थकों को हमलावरों ने 21 मार्च 2017 की शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार नीरज सिंह अपनी गाड़ी से स्टील गेट स्थित रघुकुल आवास लौट रहे थे. स्टील गेट में रोड पर बने ब्रेकर के समीप जैसे ही उनकी गाड़ी धीमी हुई थी, इसी दौरान हमलावरों ने उनके वाहन को घेर लिया था. वहीं जब तक नीरज सिंह संभल पाते, तबतक हमलावरों ने उनकी गाड़ी पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी. वाहन के आगे सीट पर बैठे नीरज सिंह गोलियों का शिकार हो गए थे. उन्हें करीब 25 गोलियां लगी थी. निजी बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी, चालक घलटू और करीबी समर्थक अशोक यादव की भी मौके पर ही मौत हो गई थी.