धनबाद: जिले में 22 फरवरी से 27 फरवरी तक फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 24,87,851 लोगों को फाइलेरिया की दवा निशुल्क दी जाएगी. इस संबंध में उपायुक्त उमा शंकर सिंह की अध्यक्षता में समाहरणालय के सभागार में बैठक आयोजित की गई. बैठक में उपायुक्त ने कहा कि अभियान के तहत शत प्रतिशत लोगों तक यह दवाई पहुंचनी चाहिए, आंकड़ों की बाजीगरी और फर्जी रिपोर्ट पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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उपायुक्त ने बैठक में कहा कि लोगों को दवा खिलाने से पहले उसकी गंभीरता को बताना आवश्यक है, यह बीमारी खतरनाक है और बढ़ती उम्र के बाद इसका दुषप्रभाव देखने को मिलता है, यह लाइलाज है और एक स्वस्थ दिखने वाला व्यक्ति दिव्यांग हो सकता है, इससे बचने का एकमात्र विकल्प इसकी दवाई लेना है. उन्होंने कहा कि 22 फरवरी से पहले इस गंभीर बीमारी के बारे में लोगों के बीच व्यापक पैमाने पर जन जागरूकता अभियान चलाएं, अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार बैंक मोड़ और सरायढेला में लगे विशाल एलईडी स्क्रीन, विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किया जा रहा है, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, पंचायती राज विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, पथ निर्माण विभाग, कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के साथ महिला बाल विकास एवं समाज कल्याण, पेयजल एवं स्वच्छता और जल संसाधन, पंचायत सेवक, मुखिया, कृषक मित्र, मत्स्य मित्र, पशु मित्र, सेविका, सहायिका, सभी जलसहियाा, सखी मंडल की दीदियों को प्रशिक्षण देकर जन जन तक इस बीमारी से बचने के लिए और दवाई लेने के लिए जागरूकता अभियान चलाने में सहयोग करेंगे.
मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन किया जाएगा शुरू
उपायुक्त उमाशंकर सिंह ने कहा कि फाइलेरिया रोग के रोकथाम एवं उन्मूलन के लिए 22 फरवरी से 27 फरवरी तक फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन शुरू किया जाएगा, 22, 23 और 24 फरवरी को 2199 बूथ पर दवा खिलाई जाएगी, 25, 26 और 27 फरवरी को कार्यकर्ता घर-घर जाकर डीईसी एवं एल्बेंडाजोल की एक खुराक अपने सामने खिलाएंगे, किसी भी व्यक्ति को यह दवा खाली पेट नहीं देनी है, जन जन तक दवा पहुंचाने के लिए विलेज लेवल माइक्रो प्लान बनाया गया है.
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बचाव के उपाय
बैठक में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के डॉ अभिषेक पॉल ने कहा कि फाइलेरिया एक वैक्टर जनित रोग है, जो संक्रमित क्युलेक्स मच्छर से फैलता है, यह जानलेवा बीमारी नहीं है, लेकिन इसके वजह से शरीर में हाथी पांव, हाइड्रोसिल जैसी विकृति पैदा होती है, इससे बचाव के लिए एमडीए कार्यक्रम के दौरान लोगों को दवा का सेवन अवश्य करना चाहिए, साथ-साथ मच्छर को काटने से अपने को बचाना भी चाहिए.