धनबाद: एक छोटी सी लापरवाही ने एक नवजात बच्चे की आंखों की रोशनी ले ली है. झोलाछाप डॉक्टर के चक्कर में पड़कर लोग ना सिर्फ अपनी जान आफत में डाल रहे हैं. बल्कि कई बार इस तरह की गलती से मरीज को जिंदगी भर पछताना पड़ता है.
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ताजा मामला पुटती थाना क्षेत्र के कोक प्लांट स्थित मुंडा पट्टी का है. यहां एक झोलाछाप डॉक्टर ने नवजात बच्चे का इलाज किया. उसके बाद उसकी आंखें नहीं खुल रही हैं. डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे की आंखें खराब हो चुकी हैं. बच्चे की मां ने पुलिस में शिकायत भी की है.
क्या है पूरा मामला: पुटकी थाना क्षेत्र के कोक प्लांट मुंडा पट्टी के रहने वाले संदीप कुमार की पत्नी सीमा देवी ने पड़ोस के ही रहने वाले एक झोला छाप डॉक्टर से अपने दो महीने की बच्चे का इलाज कराया था. बच्चे को बुखार की शिकायत थी. इसके बाद डॉक्टर ने उसे दवा दी. जिसके बाद उसकी आंखों की लालिमा होने के कारण झोलाछाप डॉक्टर के द्वारा ड्रॉप भी दिया गया. इसके इस्तेमाल से बच्चे की आंखें खराब हो चुकी हैं.
भुक्तभोगी ने क्या कहा: भुक्तभोगी मां ने बताया कि बच्चे को बुखार होने पर उसे पास के ही झोलाछाप डॉक्टर के पास ले गई थी. उसने बुखार की दवा देने के साथ ही बच्चे की आंखों में लालिमा देखकर आई ड्रॉप भी दिया. लेकिन बच्चे की आंखों में ड्रॉप डालने के बाद वह आंख नहीं खोल रहा है. कई अस्पतालों के डॉक्टरों से बच्चे को दिखाया गया. डॉक्टरों ने कहा बच्चे की दोनों आंखें खराब हो चुकीं हैं.
झोलाछाप डॉक्टर ने आई ड्राप छीना: बच्चे की मां ने बताया कि मामले की शिकायत लेकर वह इलाज करने वाले झोलाछाप डॉक्टर के पास भी गई थी. लेकिन उसने वह ड्रॉप छीन कर अपने पास रख लिया. महिला ने बताया कि यह वही ड्राप था जिसे डॉक्टर ने उसे बच्चे की आंख में डालने के लिए दिया था. बताया कि डॉक्टर के द्वारा कोई भी पर्ची नहीं दी गई थी. सिर्फ दवा दी गई थी. मां अपने बच्चे की आंखें ठीक कराना चाहती है. इसके लिए उसने प्रशासन से गुहार भी लगाई है.
सिविल सर्जन ने क्या कहा: वहीं मामले को लेकर सिविल सर्जन ने कहा की ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई के लिए पुलिस समय-समय पर अभियान चलाती है. मामला संज्ञान में आया है. आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात सिविल सर्जन ने कही है.