देवघर: झारखंड सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार प्रयास करते दिख रही है. हाल ही में मंईयां सम्मान योजना की राशि वितरण के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महिलाओं को समाज के विकास का वाहक बताया. झारखंड की महिलाएं भी अपने हुनर और काबिलियत से समाज और राज्य को मजबूत कर रही हैं. ऐसी ही महिलाओं में शुमार हैं, देवघर की अंजू सिन्हा और झरना दास.
कई महिलाओं को रोजगार से जोड़ा
अंजू सिन्हा और झरना दास देवघर में महिलाओं का समूह बनाकर अच्छे-अच्छे कपड़ों पर डिजाइन बनाने का काम कर रही है. अंजू सिन्हा अपने साथ-साथ देवघर की कई महिलाओं को रोजगार भी देने का काम रही है. अंजू सिन्हा बताती हैं कि झारखंड की महिलाओं में काफी हुनर है. सिर्फ उन्हें समाज के सामने आने की आवश्यकता है. आज भी झारखंड के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली हुनरमंद महिलाएं लाज लज्जा की वजह से अपने घरों से बाहर नहीं निकलती हैं.
ग्रुप बनाकर खुद का चला रही हैं बिजनेस
वहीं, देवघर के तिवारी चौक की रहने वाली झरना दास बताती हैं कि वे अपने घर पर ही महिलाओं का समूह बनाकर खिलौना बनाने का काम करती हैं. वे अपने साथ-साथ पच्चीस से तीस महिलाओं को रोजगार भी देती हैं. महिलाओं के हुनर को देखते हुए अंजू सिन्हा और झरना दास का कहना है कि यदि सरकारी स्तर पर उन्हें आर्थिक रूप से मदद किया जाए तो वे लोग और भी बेहतर कर सकती हैं. ये सभी महिलाएं देवघर में आयोजित होने वाले बड़े कार्यक्रम में अपना स्टॉल लगाकर प्रोडक्ट को बेचने का काम करती हैं.
महिलाओं ने कहा कि यदि सरकार की तरफ से देवघर जैसे शहरों में बड़े बाजार उपलब्ध कराया जाए तो इससे भी कामकाजी महिलाओं को राहत होगी और वे अपने प्रोडक्ट को आसानी से बाजार में बेच पाएंगी. गौरतलब है कि झारखंड के छोटे जिलों की महिलाओं को आज भी विकसित करने के लिए आर्थिक एवं मानसिक रूप से मजबूत करने की जरूरत है. जिसे देखते हुए महिलाओं ने सरकार से सहायता की मांग की है.
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