ETV Bharat / state

एसएनएमएमसीएच की व्यवस्था पर सवालः मृतक की पुत्री का ट्वीट 'कोई जल्लाद ऐसे बोरे की तरह लोगों के जख्मों को सिलता है'

धनबाद में सड़क दुर्घटना के बाद मौत ने झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. गोविंदपुर थाना क्षेत्र में एक्सीडेंट हुआ, एक व्यक्ति की सड़क हादसे में मौत हो गयी. इसके बाद इलाज के लिए धनबाद एसएनएमएमसीएच (पहले पीएमसीएम) का रुख किया. लेकिन उचित व्यवस्था ना होने के कारण धनबाद एसएनएमएमसीएच की बदहाल व्यवस्था पर मृतक की पुत्री का ट्वीट सामने आया (deceased relatives raised questions on SNMMCH) है.

relatives of deceased raised questions on Dhanbad SNMMCH mismanagement
रिंका का ट्वीट
author img

By

Published : Nov 1, 2022, 7:42 AM IST

Updated : Nov 1, 2022, 12:12 PM IST

धनबादः एसएनएमएमसीएच की व्यवस्था पर सवाल रिंकी सिंह का ट्वीट सामने आया (deceased relatives raised questions on SNMMCH) है, जिसमें उसने सीएम और स्वास्थ्य मंत्री से सवाल किया है. अपने ट्वीट के माध्यम से उसने अपना दर्द, अपनी लाचारी और सरकारी अस्पताल की व्यवस्था को सबसे सामने लाया है. रिंकी सिंह के इस ट्वीट (Rinki Singh tweet) ने ना सिर्फ धनबाद एसएनएमएमसीएच की बदहाल व्यवस्था खोली है बल्कि झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं.

रिंकी सिंह का ट्वीटः रिंकी सिंह जो कभी ट्विटर पर कभी एक्टिव नहीं रही. लेकिन एक हादसे के बाद उसे सरकार की स्वास्थ्य विभाग की कुव्यवस्था उजागर करने के लिए ट्विटर पर एक्टिव होना पड़ा. ट्विटर के माध्यम से उसने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से सवाल किया है कि आखिर स्वास्थ्य विभाग की इस कुव्यवस्था के लिए कौन जिम्मेदार है और कब यह व्यववस्था सुधरेगी.

रिंकी ट्विटर पर लिखती है कि 'अस्पताल में अपनी मम्मी, भाई और बहन को तड़पता देख, यह लग रहा था कि सरकारी अस्पताल में काम करने वाले लोग इंसान नहीं होते'. आगे उसने लिखा है कि 'भाई शुभम जो हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया, उसे बिना एक्सरे किए ही पैर का प्लास्टर कर दिया. दूसरे अस्पताल में पता चला कि भाई का पैर नहीं टूटा बल्कि स्पाइन में चोट आई है, पैर का प्लास्टर काटकर हटाना पड़ा. मां और बहन का सिर कई जगहों से फट गया था. दर्द से तड़प रही मेरी मां और बहन को बिना लोकल एनेस्थीसिया इंजेक्शन लगाए ही आंख और सिर की बोरे की तरह SNMMCH में सिलाई कर दी गई. अस्पताल में बहन और मां की जल्लाद की तरह स्टीच की गई'.


आगे रिंकी लिखती हैं कि 'मां हिल भी नही पा रही थी, बाथरूम नही जा सकती थी, SNMMCH में ट्यूब लगाने को कहा तो एक तसला जैसा बर्तन दे दिया और कहा इसमें करा दो. मां काफी कष्ट में थीं, उसकी लोअर बॉडी हिल भी नहीं पा रही थी, बाद उसे हमने डायपर पहनाया. दूसरे अस्पताल में ले जाना चाहा तो 1 घंटे तक स्ट्रेचर नहीं मिला. फिर स्ट्रेचर का इंतेजाम भी खुद से किया घर के लोगों ही ने मां को स्ट्रेचर पर लिटाया सीढ़ियों से किसी तरह डरते हुए एंबुलेंस के पास लाये और गोद में उठाकर एंबुलेंस में लिटाया. किसी के लिए कोई वार्ड बॉय नहीं मिला'.


रिंकी ने लिखा है कि 'रात के 8 बजे से सुबह 8 बजे तक एक भी डॉक्टर इमरजेंसी में भी देखने नहीं आया. पता नहीं वहां कोई डॉक्टर भी आता है या नहीं. आखिर सरकारी अस्तपतालों की ऐसी हालत क्यों है? कैसे भरोसा करें हम अपनी सरकार पर? मैं सरकार से पूछना चाहती हूं क्या वो जाना चाहेंगे ऐसे hospitals में?'

relatives of deceased raised questions on Dhanbad SNMMCH mismanagement
रिंकी सिंह का ट्वीट


रिंकी ने लिखा है कि 'मैं ट्वीट करने के अलावा और कुछ कर भी नहीं सकती लेकिन जो कर सकते हैं वो please कुछ करें. Hospital का मैनेजमेंट ठीक से काम क्यों नहीं करता, क्यों हमें एक नर्स के लिए चीखना चिल्लाना पड़ता है, एक मरीज जो बुरी तरह जख्मी है 8hrs बीत जाते है ना X-ray ना CT scan na koi Doctor कुछ नहीं क्यों??'

relatives of deceased raised questions on Dhanbad SNMMCH mismanagement
रिंकी सिंह का ट्वीट

क्या है पूरा मामलाः 10 अक्टूबर को धनबाद के गोविंदपुर थाना क्षेत्र में हुए एक सड़क हादसे (Road accident in Dhanbad) में रिंकी के पिता राम बाबू सिंह की मौत हो गई. भाई शुभम, मां उषा सिंह और चचेरी बहन धनबाद के एसएनएमएमसीएच में भर्ती थे. फोन पर सूचना मिलने के बाद रिंकी कोलकाता से ट्रेन से पकड़कर धनबाद पहुंची. एसएनएमएमसीएच पहुंचने पर अपने पूरा परिवार को बिखरी हुई अवस्था में पाई. दरअसल, सीसीएल कपासरा से रिटायर्ड रामबाबू सिंह अपनी उषा सिंह, बेटे शुभम सिंह और भतीजी अर्चना के साथ अपने निजी वाहन से पटना से रानीगंज लौट रहे थे. रिटायरमेंट के बाद राम बाबू सिंह रानीगंज स्थित ग्रीन अपार्टमेंट में रह रहे थे. पटना से रानीगंज लौटने के दौरान गोविंदपुर के गायडेहरा में एक खड़ी ट्रक में पीछे से कार की टक्कर हो गई. इस हादसे में राम बाबू सिंह की मौत हो गई थी जबकि पत्नी बेटा और भतीजी बुरी तरह जख्मी हो गई थी. ट्विटर पर दर्द बयां करने वाली रिंकी मृतक रामबाबू सिंह की बेटी है.

धनबादः एसएनएमएमसीएच की व्यवस्था पर सवाल रिंकी सिंह का ट्वीट सामने आया (deceased relatives raised questions on SNMMCH) है, जिसमें उसने सीएम और स्वास्थ्य मंत्री से सवाल किया है. अपने ट्वीट के माध्यम से उसने अपना दर्द, अपनी लाचारी और सरकारी अस्पताल की व्यवस्था को सबसे सामने लाया है. रिंकी सिंह के इस ट्वीट (Rinki Singh tweet) ने ना सिर्फ धनबाद एसएनएमएमसीएच की बदहाल व्यवस्था खोली है बल्कि झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं.

रिंकी सिंह का ट्वीटः रिंकी सिंह जो कभी ट्विटर पर कभी एक्टिव नहीं रही. लेकिन एक हादसे के बाद उसे सरकार की स्वास्थ्य विभाग की कुव्यवस्था उजागर करने के लिए ट्विटर पर एक्टिव होना पड़ा. ट्विटर के माध्यम से उसने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से सवाल किया है कि आखिर स्वास्थ्य विभाग की इस कुव्यवस्था के लिए कौन जिम्मेदार है और कब यह व्यववस्था सुधरेगी.

रिंकी ट्विटर पर लिखती है कि 'अस्पताल में अपनी मम्मी, भाई और बहन को तड़पता देख, यह लग रहा था कि सरकारी अस्पताल में काम करने वाले लोग इंसान नहीं होते'. आगे उसने लिखा है कि 'भाई शुभम जो हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया, उसे बिना एक्सरे किए ही पैर का प्लास्टर कर दिया. दूसरे अस्पताल में पता चला कि भाई का पैर नहीं टूटा बल्कि स्पाइन में चोट आई है, पैर का प्लास्टर काटकर हटाना पड़ा. मां और बहन का सिर कई जगहों से फट गया था. दर्द से तड़प रही मेरी मां और बहन को बिना लोकल एनेस्थीसिया इंजेक्शन लगाए ही आंख और सिर की बोरे की तरह SNMMCH में सिलाई कर दी गई. अस्पताल में बहन और मां की जल्लाद की तरह स्टीच की गई'.


आगे रिंकी लिखती हैं कि 'मां हिल भी नही पा रही थी, बाथरूम नही जा सकती थी, SNMMCH में ट्यूब लगाने को कहा तो एक तसला जैसा बर्तन दे दिया और कहा इसमें करा दो. मां काफी कष्ट में थीं, उसकी लोअर बॉडी हिल भी नहीं पा रही थी, बाद उसे हमने डायपर पहनाया. दूसरे अस्पताल में ले जाना चाहा तो 1 घंटे तक स्ट्रेचर नहीं मिला. फिर स्ट्रेचर का इंतेजाम भी खुद से किया घर के लोगों ही ने मां को स्ट्रेचर पर लिटाया सीढ़ियों से किसी तरह डरते हुए एंबुलेंस के पास लाये और गोद में उठाकर एंबुलेंस में लिटाया. किसी के लिए कोई वार्ड बॉय नहीं मिला'.


रिंकी ने लिखा है कि 'रात के 8 बजे से सुबह 8 बजे तक एक भी डॉक्टर इमरजेंसी में भी देखने नहीं आया. पता नहीं वहां कोई डॉक्टर भी आता है या नहीं. आखिर सरकारी अस्तपतालों की ऐसी हालत क्यों है? कैसे भरोसा करें हम अपनी सरकार पर? मैं सरकार से पूछना चाहती हूं क्या वो जाना चाहेंगे ऐसे hospitals में?'

relatives of deceased raised questions on Dhanbad SNMMCH mismanagement
रिंकी सिंह का ट्वीट


रिंकी ने लिखा है कि 'मैं ट्वीट करने के अलावा और कुछ कर भी नहीं सकती लेकिन जो कर सकते हैं वो please कुछ करें. Hospital का मैनेजमेंट ठीक से काम क्यों नहीं करता, क्यों हमें एक नर्स के लिए चीखना चिल्लाना पड़ता है, एक मरीज जो बुरी तरह जख्मी है 8hrs बीत जाते है ना X-ray ना CT scan na koi Doctor कुछ नहीं क्यों??'

relatives of deceased raised questions on Dhanbad SNMMCH mismanagement
रिंकी सिंह का ट्वीट

क्या है पूरा मामलाः 10 अक्टूबर को धनबाद के गोविंदपुर थाना क्षेत्र में हुए एक सड़क हादसे (Road accident in Dhanbad) में रिंकी के पिता राम बाबू सिंह की मौत हो गई. भाई शुभम, मां उषा सिंह और चचेरी बहन धनबाद के एसएनएमएमसीएच में भर्ती थे. फोन पर सूचना मिलने के बाद रिंकी कोलकाता से ट्रेन से पकड़कर धनबाद पहुंची. एसएनएमएमसीएच पहुंचने पर अपने पूरा परिवार को बिखरी हुई अवस्था में पाई. दरअसल, सीसीएल कपासरा से रिटायर्ड रामबाबू सिंह अपनी उषा सिंह, बेटे शुभम सिंह और भतीजी अर्चना के साथ अपने निजी वाहन से पटना से रानीगंज लौट रहे थे. रिटायरमेंट के बाद राम बाबू सिंह रानीगंज स्थित ग्रीन अपार्टमेंट में रह रहे थे. पटना से रानीगंज लौटने के दौरान गोविंदपुर के गायडेहरा में एक खड़ी ट्रक में पीछे से कार की टक्कर हो गई. इस हादसे में राम बाबू सिंह की मौत हो गई थी जबकि पत्नी बेटा और भतीजी बुरी तरह जख्मी हो गई थी. ट्विटर पर दर्द बयां करने वाली रिंकी मृतक रामबाबू सिंह की बेटी है.

Last Updated : Nov 1, 2022, 12:12 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.