देवघर: झारखंड विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद एनडीए के नेता अब विचार-विमर्श करने में जुटे हैं और हार के कारणों को तलाशा जा रहा है. जिन सीटों पर भाजपा को जीत की पूरी उम्मीद थी, उन सीटों पर भी हार का सामना करना पड़ा.
इनमें से एक सीट देवघर जिले की मधुपुर विधानसभा सीट है. इस सीट को लेकर भाजपा के नेता लगातार दावा कर रहे थे कि इस सीट पर भाजपा के उम्मीदवार की भारी मतों से जीत होगी लेकिन परिणाम उलटा आया. मधुपुर विधानसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार करीब 20 हजार वोट से हार गए. इस संबंध में स्थानीय नेताओं का कहना है कि पार्टी के अंदर भीतरघात के कारण यहां से बीजेपी कैंडिडेट की हार हुई है.
वहीं भाजपा नेता सह मधुपुर से पार्टी के प्रत्याशी गंगा नारायण सिंह ने कहा कि हार को लेकर पार्टी के उच्च स्तरीय नेता समीक्षा करेंगे. लेकिन वर्तमान में जिला स्तर पर समीक्षा करने के बाद ऐसा लग रहा है कि भाजपा के अंदर के कुछ कार्यकर्ताओं की नाराजगी और भीतरघात की वजह से पार्टी को मधुपुर सीट गंवानी पड़ी है.
भाजपा प्रत्याशी गंगा नारायण सिंह कहते हैं कि ऐसे लोगों ने भाजपा को हराने का काम किया है जो भाजपा के साथ रहकर प्रचार करते थे. लेकिन चोरी-छुपे विपक्षी पार्टियों के लिए काम करते थे. उन्होंने कहा कि एक सौ प्रतिशत उनके साथ भीतरघात हुआ है. उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में लगातार भाजपा लीड करती थी, उस क्षेत्र में पार्टी पिछड़ गई. वहीं उन्होंने धन-बल का प्रयोग करने का भी आरोप विपक्षी दल पर लगाया है.
वहीं हार को लेकर मधुपुर के करौं प्रखंड के भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक यादव ने कहा कि इस बार के विधानसभा चुनाव में मधुपुर हारने का सबसे बड़ा कारण पार्टी के अंदर भीतरघात है.
आपको बता दें कि मधुपुर विधानसभा सीट के लिए भाजपा द्वारा प्रत्याशी की घोषणा होने के बाद से ही पूर्व मंत्री राज पलिवार ने विरोध जताया था. इसके बाद बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने उन्हें मनाने का प्रयास किया था. लेकिन परिणाम घोषित होने के बाद अब कई नेता यह कहते नजर आ रहे हैं कि नाराज नेताओं को मनाने के बावजूद भी कई नेताओं ने भीतरघात किया.
वहीं इस संबंध में भाजपा के देवघर जिला अध्यक्ष सचिन रवानी बताते हैं कि हार का मुख्य कारण क्या है? इसका स्पष्ट कारण तो समीक्षा के बाद ही पता चल पाएगा. लेकिन यह स्पष्ट है कि भाजपा को हराने के लिए विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने धन-बल का प्रयोग खुलकर किया है.
बता दें कि देवघर जिला की तीनों विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी को करारी हार मिली है. इसे लेकर भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं में उदासी है. सभी नेता पार्टी के कुछ लोगों पर हार का ठीकरा फोड़ते नजर आ रहे हैं.
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