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देवघर: जिला प्रशासन ने शुरू की प्रवासी मजदूरों को रोजगार से जोड़ने की तैयारी, बन रहा है डेटा बेस

काफी संख्या में देवघर के प्रवासी मजदूर घर वापसी कर रहे हैं, जिससे जिला प्रशासन के सामने उनके लिए रोजगार उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती बन गई है. इस चुनौती को स्वीकार करते हुए जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है.

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Published : May 28, 2020, 7:25 PM IST

देवघर: प्रवासी मजदूरों को रोजगार से जोड़ने के लिए तैयारी शुरू
Deoghar DC planning to connect migrant workers to job

देवघर: अन्य राज्यों से घर वापसी कर रहे मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना जिला प्रशाशन के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है. इस चुनौती को स्वीकार करते हुए जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है.

देखें पूरी खबर

प्रवासी मजदूरों की घर वापसी

देवघर की उपायुक्त नैंसी सहाय ने बताया कि देवघर में अभी तक 22 मजदूर ट्रेन और अन्य माध्यमों से तकरीबन 21 से 22 हजार प्रवासी मजदूर घर वापसी कर चुके हैं. इनमें से 5 हजार से अधिक ऐसे मजदूर हैं जो रेड जोन से यहां पहुचे हैं. ऐसे लोगों को संस्थागत क्वॉरेंटाइन किया गया है और उनकी सैंपलिंग कराकर टेस्ट के लिए भेजा गया है. बाकी लोगों को पंचायत स्तर पर या होम क्वॉरेंटाइन कराया गया है.

ये भी पढ़ें-रांचीः हिंदपीढ़ी के कुछ मोहल्ले कंटेनमेंट जोन से बाहर, देर रात हटाई गई बैरिकेडिंग

रोजगार के लिए डेटा बेस तैयार

उपायुक्त ने कहा कि जहां तक मजदूरों को रोजगार से जोड़ने की बात है तो उसके लिए सभी मजदूरों का कुशल और अकुशल के आधार पर एक डेटा बेस तैयार किया जा रहा है और उसी के अनुरुप उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने की कोशिश की जाएगी. अन्य राज्यों से घर वापसी कर चुके प्रवासी मजदूरों को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गयी है.

मजदूरों को रोजगार से जोड़ने का काम

राज्य सरकार के ग्रामीण विकास विभाग की ओर से भी इसी उद्देश्य से तीन बड़ी विकास योजनाएं शुरू की गई है. मनरेगा के तहत इन योजनाओं के माध्यम से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन की उम्मीद की जा रही है. इसके अलावा जिला स्तर पर एम्स, एयरपोर्ट, प्लास्टिक पार्क और इंडस्ट्रियल एरिया में कई बड़े प्रोजेक्ट पर पहले से काम चल रहा है. अब स्थानीय मजदूरों को इन प्रोजेक्ट में नियोजित करने की कोशिश की जा रही है.

देवघर: अन्य राज्यों से घर वापसी कर रहे मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना जिला प्रशाशन के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है. इस चुनौती को स्वीकार करते हुए जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है.

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प्रवासी मजदूरों की घर वापसी

देवघर की उपायुक्त नैंसी सहाय ने बताया कि देवघर में अभी तक 22 मजदूर ट्रेन और अन्य माध्यमों से तकरीबन 21 से 22 हजार प्रवासी मजदूर घर वापसी कर चुके हैं. इनमें से 5 हजार से अधिक ऐसे मजदूर हैं जो रेड जोन से यहां पहुचे हैं. ऐसे लोगों को संस्थागत क्वॉरेंटाइन किया गया है और उनकी सैंपलिंग कराकर टेस्ट के लिए भेजा गया है. बाकी लोगों को पंचायत स्तर पर या होम क्वॉरेंटाइन कराया गया है.

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रोजगार के लिए डेटा बेस तैयार

उपायुक्त ने कहा कि जहां तक मजदूरों को रोजगार से जोड़ने की बात है तो उसके लिए सभी मजदूरों का कुशल और अकुशल के आधार पर एक डेटा बेस तैयार किया जा रहा है और उसी के अनुरुप उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने की कोशिश की जाएगी. अन्य राज्यों से घर वापसी कर चुके प्रवासी मजदूरों को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गयी है.

मजदूरों को रोजगार से जोड़ने का काम

राज्य सरकार के ग्रामीण विकास विभाग की ओर से भी इसी उद्देश्य से तीन बड़ी विकास योजनाएं शुरू की गई है. मनरेगा के तहत इन योजनाओं के माध्यम से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन की उम्मीद की जा रही है. इसके अलावा जिला स्तर पर एम्स, एयरपोर्ट, प्लास्टिक पार्क और इंडस्ट्रियल एरिया में कई बड़े प्रोजेक्ट पर पहले से काम चल रहा है. अब स्थानीय मजदूरों को इन प्रोजेक्ट में नियोजित करने की कोशिश की जा रही है.

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