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रांची: लॉ यूनिवर्सिटी को लेकर हाई कोर्ट का पुतला जलाने के मामले में HC में सुनवाई - jharkhand news

झारखंड हाई कोर्ट में पुतला दहन करने के मामले पर सुनवाई हुई. इस मामले पर विस्तृत सुनवाई के लिए 21 जून की तिथि निर्धारित की गई है.

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Published : May 3, 2019, 8:08 PM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट का पुतला दहन करने के मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश अनिरुद्ध बोस और न्यायाधीश एचसी मिश्रा की अदालत में हुई. वहीं, मामले पर विस्तृत सुनवाई के लिए 21 जून की तिथि निर्धारित की गई है.

जानकारी देते जेपी झा, सीनियर एडवोकेट

पूर्व सांसद सालखन मुर्मू, सामाजिक कार्यकर्ता दयामणि बरला और अन्य लोगों के द्वारा हाईकोर्ट का पुतला दहन मामले पर झारखंड हाई कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए कि किसी संवैधानिक संस्था कांस्टिट्यूशन पर आघात हो. किसी भी व्यक्ति या मीडिया अदालत के फैसले का आलोचना कर सकता है, लेकिन किसी भी कांस्टिट्यूशन पर हमला नहीं कर सकता है.

ये भी पढ़ें-फोनी चक्रवाती तूफान से उड़े कई घरों के छप्पर, लोगों की बढ़ी चिंता

बता दें कि कांके की नगड़ी में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के स्थापना के समय पूर्व सांसद सालखन मुर्मू, समाजसेवी दयामणि बरला और अन्य लोगों ने हाईकोर्ट का पुतला दहन किया था. विश्वविद्यालय के लिए जमीन दिए जाने का सभी लोगों ने विरोध करते हुए हाईकोर्ट का पुतला दहन किया गया था. इसी पुतला दहन को हाई कोर्ट ने स्वताः संज्ञान लिया है.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट का पुतला दहन करने के मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश अनिरुद्ध बोस और न्यायाधीश एचसी मिश्रा की अदालत में हुई. वहीं, मामले पर विस्तृत सुनवाई के लिए 21 जून की तिथि निर्धारित की गई है.

जानकारी देते जेपी झा, सीनियर एडवोकेट

पूर्व सांसद सालखन मुर्मू, सामाजिक कार्यकर्ता दयामणि बरला और अन्य लोगों के द्वारा हाईकोर्ट का पुतला दहन मामले पर झारखंड हाई कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए कि किसी संवैधानिक संस्था कांस्टिट्यूशन पर आघात हो. किसी भी व्यक्ति या मीडिया अदालत के फैसले का आलोचना कर सकता है, लेकिन किसी भी कांस्टिट्यूशन पर हमला नहीं कर सकता है.

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बता दें कि कांके की नगड़ी में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के स्थापना के समय पूर्व सांसद सालखन मुर्मू, समाजसेवी दयामणि बरला और अन्य लोगों ने हाईकोर्ट का पुतला दहन किया था. विश्वविद्यालय के लिए जमीन दिए जाने का सभी लोगों ने विरोध करते हुए हाईकोर्ट का पुतला दहन किया गया था. इसी पुतला दहन को हाई कोर्ट ने स्वताः संज्ञान लिया है.

Intro:रांची
बाइट-- जे पी झा //सीनियर एडवोकेट// झारखंड हाई कोर्ट
एक विसुआल मेल से भेजे है

झारखंड हाई कोर्ट का पुतला दहन करने के मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश अनिरुद्ध बोस और न्यायाधीश एचसी मिश्रा की अदालत में हुई। पूर्व सांसद सालखन मुर्मू, सामाजिक कार्यकर्ता दयामणि बरला और अन्य लोगों के द्वारा हाई कोर्ट का पुतला दहन मामले पर झारखंड हाई कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया है। उसी मामले पर आज झारखंड हाई कोर्ट में आंशिक सुनवाई हुई। मामले पर विस्तृत सुनवाई के लिए 21 जून की तिथि निर्धारित की है


Body:कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए। कि किसी संवैधानिक संस्था कंस्टीटूशन पर आघात हो। किसी भी व्यक्ति या मीडिया को अदालत के फैसले का आलोचना कर सकता है लेकिन किसी भी कांस्टिट्यूशन पर हमला नहीं कर सकता है कोर्ट ने पूर्व के सुनवाई के दौरान कहा था कि हाई कोर्ट का पुतला दहन करने वाले लोग जिस विश्वविद्यालय की खुलने का विरोध कर रहे थे वह आज देश में अपना स्थान स्थापित किया है।


Conclusion:आपको बता दें कि कांके की नगड़ी में नेशनल लॉ विश्वविद्यालय के स्थापना के समय पूर्व सांसद सालखन मुर्मू समाजसेवी दयामणि बरला व अन्य लोगों ने हाई कोर्ट का पुतला दहन किया था विश्वविद्यालय के लिए जमीन दिए जाने का सभी लोगों ने विरोध करते हुए हाईकोर्ट का पुतला दहन किया गया था। इसी पुतला दहन को हाई कोर्ट ने स्वताः संज्ञान लिया है
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