रांची: महेंद्र सिंह धोनी एक बार फिर मीडिया सुर्खियों में हैं. कारण है वर्ल्डकप के बाद संन्यास लेने का. जुलाई महीना धोनी के लिए कई मायने में अहम है. 4 जुलाई शादी की शालगिरह तो 7 जुलाई जन्मदिन. अगर धोनी वर्ल्डकप के बाद संन्यास लेते हैं तो महीना होगा जुलाई का. धोनी मैदान पर हो या मैदान के बाहर उनके हर फैसले चौंकाने वाले होते हैं. इस साल धोनी 38 साल के हो जाएंगे.
एक अनकही कहानी
सौरव गांगुली को कौन ना कह सकता है? वो भी तब जब वह आपका क्रिकेट करियर बनाना चाहते हों? लेकिन युवा महेन्द्र सिंह धोनी को शायद यह नहीं जंचा. उन्हें कोलकाता की तरफ से खेलने का ऑफर खुद गांगुली ने दिया था, लेकिन 20 साल के माही ने ऑफर ठुकराकर अपनी झारखंड टीम के साथ खेलना जारी रखा. वह यंग धोनी हों या रिटायरमेंट के बारे में सोचते धोनी, वह हमेशा अपने साथ ईमानदार बने रहे.
धोनी वही करते हैं जो धोनी चाहते हैं
धोनी का क्रिकेट करियर उनके दशकों के संघर्ष का नतीजा है. कभी स्कूल की फुटबॅाल टीम का गोलकीपर, कभी क्रिकेट कोच का यंग माही को स्टैंड-इन-विकेटकीपर के तौर पर मैदान में खड़ा करना, ये उस संघर्ष के पड़ाव हैं. चांस मिलेगा क्या? हमेशा यही सवाल करना, चाहे वह कहीं भी, कोई भी खेल हो. धोनी ने कभी इंडियन क्रिकेटर बनने का, बेमिसाल कप्तान बनने का, वर्ल्डकप विजेता बनने का या एक लीजेंड बनने का सपना नहीं देखा था, लेकिन यह सब बड़े-बड़े टुकड़ों में उनके हिस्से आता रहा, क्योंकि धोनी वहीं करते हैं जो धोनी चाहते हैं. चाहे पिता से लड़कर क्रिकेट खेलने के लिए ट्रेन टिकट कलेक्टर की जॉब को रिस्क में डालना हो या फिर एक मैच विनर टीम बनाने के लिए इंडियन क्रिकेट टीम के सीनियर खिलाड़ियों को टीम में जगह न देना. यह सब फैसला लेना इतना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने शांति और तर्क के साथ ऐसा किया, जो माही का अपना स्टाइल है.
एक इन्सान जो सालों से सुर्खियों में है, जिसके निजी जीवन से जुड़ीं सारी बातें लोग जानते हैं, नए-नए मैच विजेता अब उसकी जगह लेने की ताक में रहते हैं, लेकिन धोनी कभी विचलित नहीं हुए. हमेशा की तरह मजबूत, अपनी जगह पर, अपने क्रम में और विकेट के पीछे वह टिके रहे. खैर, गेम के अलावा धोनी और क्या हैं? उन्हें क्या पसंद है? वह अपना समय कहां बिताते हैं? कौन सी बाइक वो चलाते हैं? ईटीवी भारत आपको उन सारे सवालों के जवाब दे रहा है.
धोनी 'एक देशभक्त'
भारत के लोग अपने क्रिकेटर्स को उतना ही सम्मान देते हैं जितना सेना के जवानों को. ऐसे में महेन्द्र सिंह धोनी का एक क्रिकेटर के साथ-साथ आर्मीमेन होना जबरदस्त कॉम्बिनेशन है. रांची में जन्मे, पले-बढ़े धोनी सेना से जुड़ी हर चीज में काफी दिलचस्पी लेते थे. अप्रैल 2011 में उन्होंने इतिहास रचने वाली भारतीय वर्ल्डकप विजेता टीम को लीड किया और ठीक उसके बाद 1 नवम्बर 2011 को उन्हें भारतीय प्रादेशिक सेना की ओर से लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया. उन्होंने अधिकारियों को सैन्य प्रशिक्षण के लिए एक लेटर भी लिखा था. अगस्त, 2015 में धोनी ने आगरा में फोर्स के एलिट पैरा रेजिमेंट के साथ दो सप्ताह का प्रारंभिक प्रशिक्षण लिया और 27 सितंबर, 2016 को राष्ट्र ने भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार-कप्तान को सेना की वर्दी में विमान से बाहर निकलते देखा. आधुनिक क्रिकेट के सबसे बेस्ट फिनिशर धोनी की एक सैन्यकर्मी के रूप में दूसरी पारी को देखना वाकई आश्चर्यजनक था.
धोनी आंकड़ों के विजेता
महेंद्र सिंह धोनी ने अपने करियर में बहुत कुछ किया है. एक बल्लेबाज के रूप में उन्होंने काफी रन बनाए हैं, विकेटकीपिंग ग्लव्स पहनकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा स्टम्प चटकाने का रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम दर्ज है. कप्तान के रूप में उन्होंने तीन आईसीसी खिताब देश के लिए हासिल किए हैं और टेस्ट क्रिकेट में भारत का नेतृत्व कर आईसीसी टेस्ट चैम्पियनशिप जिताया है. उनकी सभी उपलब्धियों और सफलताओं में इन आंकड़ों हटकर तीन खास बातें हैं- उनकी फिटनेस का स्तर, कप्तान के रूप में निर्णय लेने का कौशल और सफलता के आसमान पर पहुंचने के बाद जरा भी गुरूर न होना. धोनी का करियर एक कैप्टन के रूप में शानदार रहा. एक छोटे से शहर का लड़का इंडियन टीम को लीड करे, यह बड़ी चुनौती थी. लेकिन धोनी ने यह काम बड़ी आसानी से कर दिखाया. वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत के सबसे सफल कप्तान हैं. किसी भी कप्तान की तुलना में क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में भारत को सबसे अधिक जीत उन्होंने दिलाई है.
एक 'दूसरे' धोनी से मुलाकात
2004 के अगस्त में, 23 साल के महेंद्र सिंह धोनी ने भारत की खेल चेतना को पकड़ा. पाकिस्तान 'ए' के खिलाफ भारत 'ए' की तरफ से खेलना और केन्या के खिलाफ नैरोबी में एक त्रिकोणीय टूर्नामेंट में लंबे बालों वाले इस खिलाड़ी ने ऐसी पारी खेली कि इसे नजरअंदाज करना असंभव हो गया और छह महीने के भीतर ही उन्हें भारत की ओर से डेब्यू करने का मौका मिल गया. तीन साल के कम समय के भीतर ही वह एक जुझारू युवा टीम के साथ, जिसने दक्षिण अफ्रीका में पहला वर्ल्डकप टी-20 का खिताब हासिल किया, शीर्ष पर थे और एक दशक में इंडियन आइकॉन बन गए. यह मील का पत्थर साबित होने वाला, रौबदार और प्रेरणादायक व्यक्ति आखिर है क्या?
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की सुर्खियों में धोनी बहुत जल्द आने लगे थे, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने खुद को चमक-दमक से दूर रखा. वह जानते थे कि उनकी जिंदगी सामान्य नहीं रह जाएगी. इसके बावजूद धोनी अपनी सादगी कभी नहीं भूले. पत्रकारों के लिए धोनी बंद दुकान की तरह थे. वह प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए तो अनुकूल थे, क्योंकि उन्हें पता था कि कप्तान के रूप में यह भूमिका निभानी पड़ेगी, लेकिन उसके बाद वह मीडिया के लिए अवलेबल नहीं थे.
धोनी रिकॉर्ड्स लिस्ट
- भारत के 251वें टेस्ट, 157वें वनडे और दूसरे टी20 खिलाड़ी
- आईसीसी की सभी तीन ट्रॉफी जीतने वाले एकमात्र कप्तान - एमएस धोनी ने अपनी कप्तानी में भारत को वनडे विश्व कप, वर्ल्ड टी20 और चैंपियंस ट्रॉफी में जीत दिलाई.
- सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैचों में कप्तानी का रिकॉर्ड - 332
- भारत की तरफ से सबसे ज्यादा टेस्ट (60), वनडे (200) और टी20 अंतरराष्ट्रीय (72) में कप्तानी का रिकॉर्ड, साथ ही भारत की तरफ से सबसे ज्यादा टेस्ट (27), वनडे (110) और टी20 अंतरराष्ट्रीय (41) जीतने वाले कप्तान
- वनडे में 10000 रन का रिकॉर्ड, भारत से सिर्फ पांच और विश्व के सिर्फ 13 बल्लेबाजों के नाम यह रिकॉर्ड
- सबसे ज्यादा टी20 अंतरराष्ट्रीय (98) खेलने वाले भारतीय खिलाड़ी
- 300 वनडे खेलने वाले सिर्फ छठे भारतीय खिलाड़ी
- वनडे में किसी भी विकेटकीपर बल्लेबाज के सर्वाधिक स्कोर का विश्व रिकॉर्ड - 183* vs श्रीलंका, जयपुर, 2005
- अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा स्टंपिंग का रिकॉर्ड - 193, इसके अलावा उनके नाम टी20 अंतरराष्ट्रीय में भी सबसे ज्यादा स्टंपिंग (34) का रिकॉर्ड है
- वनडे में सबसे ज्यादा स्टंपिंग का रिकॉर्ड - 121
- टी20 अंतरराष्ट्रीय में विकेटकीपर के सबसे ज्यादा शिकार का विश्व रिकॉर्ड - 91 (57 कैच एवं 34 स्टंपिंग)
- टी20 अंतरराष्ट्रीय में विकेटकीपर द्वारा सबसे ज्यादा कैच लेने का विश्व रिकॉर्ड - 57
- वनडे में सबसे ज्यादा बार नॉट आउट रहने का विश्व रिकॉर्ड - 82
- वनडे में भारत के किसी भी खिलाड़ी द्वारा सबसे ज्यादा छक्के लगाने का रिकॉर्ड - 225
- वनडे में सबसे ज्यादा 9 बार छक्के से मैच जितवाने का विश्व रिकॉर्ड
- अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में किसी भी कप्तान द्वारा सबसे ज्यादा छक्के लगाने का विश्व रिकॉर्ड - 204
- सबसे ज्यादा 255 टी20 मैचों में कप्तानी का रिकॉर्ड और 150 टी20 मैच जीतने का रिकॉर्ड बनाने वाले विश्व के एकमात्र कप्तान
- टी20 क्रिकेट में विकेटकीपर के सबसे ज्यादा शिकार - 228 (151 कैच और 77 स्टंपिंग)
- विकेटकीपिंग में भारत के सभी प्रमुख रिकॉर्ड एमएस धोनी के नाम:
- टेस्ट में सबसे ज्यादा शिकार - 294, सबसे ज्यादा कैच - 256 और सबसे ज्यादा स्टंपिंग - 38
- वनडे में सबसे ज्यादा शिकार - 436, सबसे ज्यादा कैच - 315 और सबसे ज्यादा स्टंपिंग - 121
- टी20 अंतरराष्ट्रीय में सबसे ज्यादा शिकार - 91,सबसे ज्यादा कैच - 57 और सबसे ज्यादा स्टंपिंग - 34