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कोल्हान विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह, राज्यपाल ने 38 छात्रों को दिया गोल्ड

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Published : Mar 12, 2019, 5:09 PM IST

Updated : Mar 12, 2019, 5:19 PM IST

कोल्हान विश्वविद्यालय का चतुर्थ दीक्षांत समारोह टाटा कॉलेज परिसर में धूमधाम से मनाया गया. राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का उद्घाटन किया. 38 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल से नवाजा

कोल्हान विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह

चाईबासा: कोल्हान विश्वविद्यालय का चतुर्थ दीक्षांत समारोह टाटा कॉलेज परिसर में धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान झारखंड के राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुईं. राज्यपाल के साथ सैकड़ों अतिथि एवं हजारों विद्यार्थी कार्यक्रम में उपस्थित रहे.

कोल्हान विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह

इस दौरान कुलपति ने विश्वविद्यालय की गतिविधियों को प्रस्तुत किया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के हाथों कोल्हान विश्वविद्यालय के लगभग 38 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल से नवाजा गया. इसके साथ ही 2,405 छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र के साथ मेडल दिया गया.

उपाधि ग्रहण करना ही जीवन का मकसद नहीं
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उपाधि ग्रहण करना मात्र ही जीवन का मकसद नहीं होना चाहिए, बल्कि जीवन के कर्म क्षेत्र में प्रवेश कर अपनी दक्षता एवं प्रतिभा से अपनी पहचान स्थापित करना लक्ष्य होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से ही किसी भी देश का विकास संभव है. गुणात्मक शिक्षा के माध्यम से ही विद्यार्थियों में स्वतंत्र अन्वेषण आत्मक तथा स्पष्ट रूप से चिंतन करने तथा निर्णय लेने की क्षमता विकसित हो सकती है. उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम में कौशल विकास को शामिल करने की जरूरत है. प्राकृतिक एवं खनिज संपदा से समृद्धि झारखंड में विकास की असीम संभावनाएं हैं, लेकिन बौद्धिक संपदा के बिना हम इनका समुचित उपयोग नहीं कर सकते हैं.

चाईबासा: कोल्हान विश्वविद्यालय का चतुर्थ दीक्षांत समारोह टाटा कॉलेज परिसर में धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान झारखंड के राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुईं. राज्यपाल के साथ सैकड़ों अतिथि एवं हजारों विद्यार्थी कार्यक्रम में उपस्थित रहे.

कोल्हान विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह

इस दौरान कुलपति ने विश्वविद्यालय की गतिविधियों को प्रस्तुत किया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के हाथों कोल्हान विश्वविद्यालय के लगभग 38 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल से नवाजा गया. इसके साथ ही 2,405 छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र के साथ मेडल दिया गया.

उपाधि ग्रहण करना ही जीवन का मकसद नहीं
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उपाधि ग्रहण करना मात्र ही जीवन का मकसद नहीं होना चाहिए, बल्कि जीवन के कर्म क्षेत्र में प्रवेश कर अपनी दक्षता एवं प्रतिभा से अपनी पहचान स्थापित करना लक्ष्य होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से ही किसी भी देश का विकास संभव है. गुणात्मक शिक्षा के माध्यम से ही विद्यार्थियों में स्वतंत्र अन्वेषण आत्मक तथा स्पष्ट रूप से चिंतन करने तथा निर्णय लेने की क्षमता विकसित हो सकती है. उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम में कौशल विकास को शामिल करने की जरूरत है. प्राकृतिक एवं खनिज संपदा से समृद्धि झारखंड में विकास की असीम संभावनाएं हैं, लेकिन बौद्धिक संपदा के बिना हम इनका समुचित उपयोग नहीं कर सकते हैं.

Intro:चाईबासा। चाईबासा स्थित कोल्हान विश्वविद्यालय का चतुर्थ दीक्षांत समारोह टाटा कॉलेज परिसर में धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान झारखंड के राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू बतौर मुख्य अतिथि समेत सैकड़ों अतिथि एवं हजारों विद्यार्थी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि झारखंड की राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का उद्घाटन किया।


Body:इस दौरान कोल्हन विश्वविद्यालय की कुलपति ने विश्व विद्यालय की गतिविधियों को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के हाथों कोल्हान विश्वविद्यालय के लगभग 38 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल से नवाजा गया। इसके साथ ही 2405 छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र सा मेडल दिया गया।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उपाधि ग्रहण करने मात्र ही जीवन का मकसद नहीं होना चाहिए बल्कि जीवन के कर्म क्षेत्र में प्रवेश कर अपनी दक्षता एवं प्रतिभा से अपनी पहचान स्थापित करना लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से ही किसी भी देश का विकास संभव है गुणात्मक शिक्षा के माध्यम से ही विद्यार्थियों में स्वतंत्र अन्वेषण आत्मक तथा स्पष्ट रूप से चिंतन करने तथा निर्णय लेने की क्षमता विकसित हो सकती है। स्वतंत्र रूप से चिंतन करने तथा लेने की क्षमता विकसित हो सकती है। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम में कौशल विकास को शामिल करने की जरूरत है। प्राकृतिक एवं खनिज संपदा से समृद्धि झारखंड में निकास की असीम संभावनाएं हैं परंतु बौद्धिक संपदा के बिना हम इनका समुचित उपयोग नहीं कर सकते हैं।


Conclusion:इस दौरान राज्यपाल के हाथों से गोल्ड मेडल पाने वाले छात्र छात्राएं काफी खुश दिखे। उन्होंने कहा की अपने अपने कॉलेज के शिक्षक शिक्षकों की मौजूदगी में राज्यपाल के हाथ हो गोल्ड मेडल लेने की अनुमति ही कुछ और होती है।

Last Updated : Mar 12, 2019, 5:19 PM IST
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