बोकारो: जिले के सेक्टर 4 सिटी सेंटर के प्लॉट संख्या बी33 को मजिस्ट्रेट और पुलिस की मौजूदगी में खाली कराते हुए सील किया गया. न्यायालय के द्वारा जारी आदेश के आलोक में चास अनुमंडल पदाधिकारी ने मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की थी. जिसके बाद प्लॉट खाली कराया गया.
बीआरटी रांची के न्यायालय के द्वारा इस प्लॉट को मनोज कुमार को कब्जा दिलाने का आदेश दिया गया है. हालांकि, मकान खाली कराने गए पुलिस और मजिस्ट्रेट को बैंक से ऑक्शन लेने वाले विनायक सिंह के विरोध का सामना करना पड़ा.
क्या है मामला: यह प्लॉट पहले मनोज सिंह का था, लेकिन बैंक द्वारा डिफॉल्टर होने के बाद बैंक ने उसका ऑक्शन किया, जिसे विनायक सिंह ने तीन करोड़ रुपये में ले लिया. प्रॉपर्टी को पंजाब नेशनल बैंक से खरीदने वाले विनायक सिंह ने यह कहते हुए विरोध किया कि उन्हें किसी प्रकार का कोई नोटिस डीसी और एसडीओ के स्तर से प्लॉट खाली करने को लेकर नहीं मिला है. उनके विरोध को देखते हुए मौके पर मौजूद पुलिस पदाधिकारियों ने उन्हें दुकान से जबरन बाहर निकाल दिया. उन्होंने पदाधिकारियों पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया है.
बीआरटी रांची ने सुनाया फैसला: वहीं न्यायालय के द्वारा पोजीशन देने का आदेश मिलने के बाद प्रॉपर्टी के मालिक मनोज सिंह ने कहा कि बैंक के द्वारा गलत तरीके से मेरी संपत्ति को नीलाम करते हुए विनायक सिंह को दे दी गयी थी. इसी के खिलाफ उन्होंने इस मामले में बीआरटी रांची के न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला दे दिया है. उन्होंने कहा कि बैंक के द्वारा मेरे साथ जो गलत किया गया था, उसके खिलाफ आज फैसला आया है. कोर्ट के निर्देश पर पोजीशन दिलाने आई दंडाधिकारी सत्य वाला सिन्हा ने कहा कि यह निर्णय बीआरटी रांची का है. इसके आलोक में एसडीओ के स्तर से पत्र आज निर्गत किया गया था. उसी के आलोक में यह कार्रवाई हुई है.