रांची: कोरोनाकाल में झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश और अधिवक्ताओं के लिए काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है. कई न्यायाधीश, न्यायिक अधिकारी और अधिवक्ता कोरोना के इस चपेट में आए. कई कोरोना की जंग जीतकर वापस लौटे तो कई अधिवक्ता कोरोना के इस कहर का सामना नहीं कर पाए, उनका निधन हो गया. अधिवक्ता और अधिवक्ताओं के साथ काम करने वाले कर्मचारियों को फिजिकल कोर्ट बंद होने के बाद काम नहीं मिलने के कारण रांची छोड़कर वापस घर जाना पड़ा.
कोरोना की चपेट में कई न्यायाधीश
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद और न्यायाधीश केपी देव, रजिस्टार जनरल अंबुज नाथ सहित कई न्यायिक पदाधिकारी, महाधिवक्ता राजीव रंजन, अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार और अन्य कई वरीय अधिवक्ता भी कोरोना के कुचक्र में फंसे लेकिन सभी कोरोना वायरस से ठीक हुए और वापस काम कर रहे हैं.
कई अधिवक्ताओं का हुआ निधन
इस महामारी में हाई कोर्ट के कई अधिवक्ता, स्टेट बार काउंसिल के पूर्व चेयरमैन पीसी त्रिपाठी, एमए खान, अखौरी नवनीत सहाय, परमेश्वर दयाल जैसे कई अधिवक्ताओं का निधन हो गया. अधिवक्ता लिपिक राम कुमार झा का भी निधन हो गया.
ये भी पढ़े- हेमंत सरकार की पहली वर्षगांठ की तैयारी, ग्रामीण विकास मंत्री होंगे शामिल
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई सुनवाई
कोरोना महामारी और देश में हुए लॉकडाउन को देखते हुए हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने हाई कोर्ट में फिजिकल कोर्ट को स्थगित कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. ऐसे मुश्किल स्थिति में भी लोगों को न्याय मिला. 18 मार्च से 18 दिसंबर तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. नववर्ष में फिजिकल कोर्ट भी शुरू किए जाने का संकेत दिया जा रहा है.