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'नौ दिन में चले ढाई कोस': तीन साल में पूरा होना था अंडरग्राउंड केबलिंग का काम, 6 साल बाद भी काम अधूरा - झारखंड बिजली वितरण निगम

राजधानी रांची में साल 2015 से अंडरग्राउंड केबलिंग का काम (Underground Cabling Work) किया जा रहा है. इस कार्य में अब तक करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं लेकिन आज तक केबलिंग का काम अधूरा है. जिसके कारण लोगों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ता है.

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Published : Jul 5, 2021, 5:32 PM IST

Updated : Jul 5, 2021, 9:59 PM IST

रांची: राज्यवासियों को निर्बाध बिजली सप्लाई (Uninterrupted Power supply) देने के लिए अंडरग्राउंड केबलिंग का काम (Underground Cabling Work) खुद अंडरग्राउंड हो गया है. पिछले 06 सालों से चल रहे इस प्रोजेक्ट पर अब तक करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं लेकिन काम की धीमी रफ्तार और गड़बड़ी के कारण यह महत्वाकांक्षी योजना अधर में है. जिसके कारण तेज हवा और बारिश शुरू होते ही बिजली रानी का नखड़ा शुरू हो जाता है.

ये भी पढ़ें- रांची में तूफान और बारिश से बिजली व्यवस्था हुई ठप, पोल और तार क्षतिग्रस्त


राजधानी में अभी भी कार्य है अधूरा
राजधानी रांची सहित राज्यभर में जीरो कट बिजली की घोषणा की गई थी. रघुवर सरकार में इसको लेकर कई कार्य योजना भी बनी लेकिन सरकारी फाइलों से जब तक जमीन पर यह उतरता तब तक सरकार ही बदल गई और योजना खटाई में चली गई. आंधी बारिश के कारण बिजली की आंख मिचौली से परेशान लोगों की समस्या दूर करने के लिए है. साल 2015 में अंडरग्राउंड केबलिंग का काम शुरू किया गया. जिसकी फंडिंग वर्ल्ड बैंक ने की थी लेकिन आज तक राजधानी में अंडग्राउंड केबलिंग का काम पूरा नहीं हुआ. एजेंसियों के अदला बदली के कारण 2018 में काम बाधित रहा. बीच में कोरोना को वजह बताकर एजेंसी ने काम नहीं किया. राजधानी में अंडरग्राउंड केबलिंग कर रही एजेंसी KEI की धीमी कार्यप्रगति के कारण यह प्रोजेक्ट आज भी अधूरा है.

देखें पूरी स्टोरी

दो चरणों में किया जा रहा अंडरग्राउंड केबलिंग
रांची में दो चरणों में अंडरग्राउंड केबलिंग किया जा रहा है. पहले फेज में एजेंसी पॉलीकैब ने काम किया. जिसे 140 किलोमीटर क्षेत्र में केबलिंग की. वहीं दसूरे चरण के तहत एजेंसी केईआई काम कर रही है. जिसे 350 किलोमीटर क्षेत्र में केबलिंग करना है. एजेंसी ने अब तक 225 किलोमीटर केबलिंग का काम किया है. कोरोना महामारी के कारण फिलहाल काम रुका हुआ है. योजना के तहत 125 किलोमीटर क्षेत्र में केबलिंग होनी है. झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (Jharkhand Electricity Distribution Corporation Limited) की मानें तो 65 फीसदी काम पूरा हो चुका है. वहीं बाकी काम आनेवाले समय में पूरा होगा.

कहां से शुरू किया गया था केबलिंग का काम

अंडरग्राउंड केबलिंग का काम (Underground Cabling Work) पहले रांची, धनबाद और जमशेदपुर में शुरू किया गया था. जेयूवीएनएल रांची प्रक्षेत्र के महाप्रबंधक पीके श्रीवास्तव ने कहा कि राजधानी में 65 प्रतिशत क्षेत्र में काम पूरा हो चुका है और कुछ स्थानों पर काम जल्द पूरा होते ही उद्घाटन किया जाएगा. अंडरग्राउंड केबलिंग हो जाने से आंधी और विशेषकर थंडरिंग से बिजली उपकरण की क्षति नहीं होगी. जिसके कारण विद्युत आपूर्ति में बाधा नहीं पहुंचेगी.

ये भी पढ़ें- वार्ड में नाली के पानी से मरीजों के बेड बन गए टापू, रिम्स में छाते के सहारे मरीज बचाए गए


राजधानी में इन स्थानों में अंतिम चरण में है काम

  • हटिया-हरमू लाइन
  • हटिया-पुंदाग लाइन
  • हटिया-अरगोड़ा लाइन
  • हटिया-पिस्कामोड़ लाइन

इन स्थानों में पूरा हो चुका है काम

  • कांके-मोरहाबादी लाइन
  • कांके-राजभवन इंटरलिंकिंग लाइन
  • नामकुम-पालिटेक्निक लाइन
  • नामकुम-कुसई लाइन
  • कुसई-एयरपोर्ट लाइन

अंडरग्राउंड केबलिंग से हैं ये फायदे

  • आंधी-बारिश और थंडरिंग गिरने का असर नहीं होगा
  • लाइन में फॉल्ट होने पर तुरंत पता चल सकेगा कि कहां गड़बड़ी हुई
  • बिजली चोरी पर लगाम लगेगी और अवैध कनेक्शन रुकेगा
  • उच्च गुणवत्ता की बिजली आपूर्ति हो सकेगी
  • 100 प्रतिशत बिलिंग से लाइन लॉस 15 प्रतिशत करने में सफलता मिलेगी
  • शहरी क्षेत्र में बिजली के खुले तारों से होने वाले हादसे बंद होंगे
  • धार्मिक शोभायात्रा के दौरान हादसे की आशंका नहीं होगी

ये भी पढ़ें- पैरों में बूट और गले में मेडल की है चाहत, तंगी ने हाथों में थमा दिये कुदाल

काम में तेजी लाने की अपील

इधर, अंडरग्राउंड केबलिंग की धीमी रफ्तार पर बिजली मजदूर संगठन (Electricity Labor Organization) ने नाराजगी जताते हुए काम में तेजी लाने की अपील की है. संगठन के अध्यक्ष अजय राय ने विभाग की ओर से अंडरग्राउंड केबलिंग में अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए कार्य की धीमी रफ्तार के पीछे भी सोची समक्षी साजिश होने की बात कही है.

रांची: राज्यवासियों को निर्बाध बिजली सप्लाई (Uninterrupted Power supply) देने के लिए अंडरग्राउंड केबलिंग का काम (Underground Cabling Work) खुद अंडरग्राउंड हो गया है. पिछले 06 सालों से चल रहे इस प्रोजेक्ट पर अब तक करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं लेकिन काम की धीमी रफ्तार और गड़बड़ी के कारण यह महत्वाकांक्षी योजना अधर में है. जिसके कारण तेज हवा और बारिश शुरू होते ही बिजली रानी का नखड़ा शुरू हो जाता है.

ये भी पढ़ें- रांची में तूफान और बारिश से बिजली व्यवस्था हुई ठप, पोल और तार क्षतिग्रस्त


राजधानी में अभी भी कार्य है अधूरा
राजधानी रांची सहित राज्यभर में जीरो कट बिजली की घोषणा की गई थी. रघुवर सरकार में इसको लेकर कई कार्य योजना भी बनी लेकिन सरकारी फाइलों से जब तक जमीन पर यह उतरता तब तक सरकार ही बदल गई और योजना खटाई में चली गई. आंधी बारिश के कारण बिजली की आंख मिचौली से परेशान लोगों की समस्या दूर करने के लिए है. साल 2015 में अंडरग्राउंड केबलिंग का काम शुरू किया गया. जिसकी फंडिंग वर्ल्ड बैंक ने की थी लेकिन आज तक राजधानी में अंडग्राउंड केबलिंग का काम पूरा नहीं हुआ. एजेंसियों के अदला बदली के कारण 2018 में काम बाधित रहा. बीच में कोरोना को वजह बताकर एजेंसी ने काम नहीं किया. राजधानी में अंडरग्राउंड केबलिंग कर रही एजेंसी KEI की धीमी कार्यप्रगति के कारण यह प्रोजेक्ट आज भी अधूरा है.

देखें पूरी स्टोरी

दो चरणों में किया जा रहा अंडरग्राउंड केबलिंग
रांची में दो चरणों में अंडरग्राउंड केबलिंग किया जा रहा है. पहले फेज में एजेंसी पॉलीकैब ने काम किया. जिसे 140 किलोमीटर क्षेत्र में केबलिंग की. वहीं दसूरे चरण के तहत एजेंसी केईआई काम कर रही है. जिसे 350 किलोमीटर क्षेत्र में केबलिंग करना है. एजेंसी ने अब तक 225 किलोमीटर केबलिंग का काम किया है. कोरोना महामारी के कारण फिलहाल काम रुका हुआ है. योजना के तहत 125 किलोमीटर क्षेत्र में केबलिंग होनी है. झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (Jharkhand Electricity Distribution Corporation Limited) की मानें तो 65 फीसदी काम पूरा हो चुका है. वहीं बाकी काम आनेवाले समय में पूरा होगा.

कहां से शुरू किया गया था केबलिंग का काम

अंडरग्राउंड केबलिंग का काम (Underground Cabling Work) पहले रांची, धनबाद और जमशेदपुर में शुरू किया गया था. जेयूवीएनएल रांची प्रक्षेत्र के महाप्रबंधक पीके श्रीवास्तव ने कहा कि राजधानी में 65 प्रतिशत क्षेत्र में काम पूरा हो चुका है और कुछ स्थानों पर काम जल्द पूरा होते ही उद्घाटन किया जाएगा. अंडरग्राउंड केबलिंग हो जाने से आंधी और विशेषकर थंडरिंग से बिजली उपकरण की क्षति नहीं होगी. जिसके कारण विद्युत आपूर्ति में बाधा नहीं पहुंचेगी.

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राजधानी में इन स्थानों में अंतिम चरण में है काम

  • हटिया-हरमू लाइन
  • हटिया-पुंदाग लाइन
  • हटिया-अरगोड़ा लाइन
  • हटिया-पिस्कामोड़ लाइन

इन स्थानों में पूरा हो चुका है काम

  • कांके-मोरहाबादी लाइन
  • कांके-राजभवन इंटरलिंकिंग लाइन
  • नामकुम-पालिटेक्निक लाइन
  • नामकुम-कुसई लाइन
  • कुसई-एयरपोर्ट लाइन

अंडरग्राउंड केबलिंग से हैं ये फायदे

  • आंधी-बारिश और थंडरिंग गिरने का असर नहीं होगा
  • लाइन में फॉल्ट होने पर तुरंत पता चल सकेगा कि कहां गड़बड़ी हुई
  • बिजली चोरी पर लगाम लगेगी और अवैध कनेक्शन रुकेगा
  • उच्च गुणवत्ता की बिजली आपूर्ति हो सकेगी
  • 100 प्रतिशत बिलिंग से लाइन लॉस 15 प्रतिशत करने में सफलता मिलेगी
  • शहरी क्षेत्र में बिजली के खुले तारों से होने वाले हादसे बंद होंगे
  • धार्मिक शोभायात्रा के दौरान हादसे की आशंका नहीं होगी

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काम में तेजी लाने की अपील

इधर, अंडरग्राउंड केबलिंग की धीमी रफ्तार पर बिजली मजदूर संगठन (Electricity Labor Organization) ने नाराजगी जताते हुए काम में तेजी लाने की अपील की है. संगठन के अध्यक्ष अजय राय ने विभाग की ओर से अंडरग्राउंड केबलिंग में अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए कार्य की धीमी रफ्तार के पीछे भी सोची समक्षी साजिश होने की बात कही है.

Last Updated : Jul 5, 2021, 9:59 PM IST
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