रांची: चाईबासा में 7 लोगों की निर्मम हत्या मामले को लेकर बीजेपी ने कमिटी का गठन किया है. इसको लेकर सत्ताधारी दल का मानना है कि बीजेपी इस मुद्दे को लेकर राजनीति कर रही है. क्योंकि ट्राईबल कम्युनिटी ने उन्हें नकार दिया है. इसलिए उनके बीच फूट डालने के लिए कवायद की जा रही है, जबकि विपक्ष की बीजेपी ने साफ कहा है कि सरकार के निर्णय का यह नरसंहार नतीजा है.
महागठबंधन की सरकार गठन के बाद चाईबासा में 7 लोगों की निर्मम हत्या मामले को लेकर बीजेपी द्वारा कमिटी का गठन किया गया है ताकि सच्चाई सामने आ सके. ऐसे में सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि यह गुजरात से चली हुई साजिश है. वहां पत्थलगड़ी कोई इशू नहीं है. पत्थलगड़ी के साथ जोड़कर बीजेपी इस मामले को बढ़ा कर रही है. क्योंकि ट्राईबल कम्युनिटी ने बीजेपी को रिजेक्ट कर दिया है. ऐसे में उनके बीच फूट डालने के प्रयास का ही नतीजा चाईबासा की घटना है.
वहीं, गठबंधन सरकार में शामिल कांग्रेस पार्टी का मानना है कि बीजेपी चाईबासा की घटना को लेकर राजनीतिकरण कर रही है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा है कि जितनी भी एजेंसी है उन एजेंसियों ने कहा है कि आपसी विवाद की वजह से घटना घटी है. न ही नक्सल समस्या और न ही पत्थलगड़ी का कोई मामला है. उन्होंने कहा है कि ऐसी निर्मम हत्या करने वालों को सरकार कड़ी सजा देगी, लेकिन अगर कुछ लोग इसे राजनीतिक षड्यंत्र के तहत सरकार को बदनाम करने की कोशिश करेंगे तो संगठन के तौर पर उसे भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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इस मामले में विपक्ष की बीजेपी पार्टी ने सत्ताधारी दल के आरोपों को लेकर दो टूक जवाब देते हुए कहा है कि सरकार के आनन-फानन में मुकदमे वापस लेने का ही यह नतीजा है कि ऐसे नरसंहार सामने आए हैं. बीजेपी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक बड़ाईक ने कहा कि राजनीति बीजेपी नहीं बल्कि सत्ताधारी दल के लोग कर रहे हैं.