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मरीजों के निवाले पर महंगाई की मार, पौष्टिक भोजन कराना चुनौती - मरीजों को पौष्टिक भोजन कराना एक चुनौती

बढ़ती महंगाई को लेकर रांची के रिम्स में मरीजों के लिए सस्ता भोजन मुहैया करना एक कठिन चुनौती है. हालांकि रिम्स में बेहतर भोजन उपलब्ध कराया जाता है लेकिन मरीजों का कहना है कि भोजन की गुणवत्ता में सुधार करने की जरूरत है.

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Published : Aug 6, 2021, 1:22 PM IST

Updated : Aug 7, 2021, 7:39 AM IST

रांची: कहते हैं कि किसी मरीज के ठीक होने में दवा के साथ-साथ भोजन भी काफी महत्व रखता है. अच्छे भोजन के सेवन से मरीज पर दवा भी जल्द असर करती है, इसीलिए सभी बड़े अस्पतालों में मेडिकल सुविधा के साथ-साथ अच्छे भोजन की भी व्यवस्था की जाती है. राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स की बात करें तो यहां पर भी मरीजों को बेहतर भोजन कराने के लिए सरकारी स्तर पर कैंटीन संचालित की जाती है. मरीजों को पौष्टिक आहार मुहैया कराने के लिए रिम्स में "द जान" एंटरप्राइजेज कंपनी को प्रबंधन द्वारा जिम्मेदारी दी गई है, जो रिम्स में भर्ती मरीजों को दिन में तीन बार भोजन और दो बार नाश्ता मुहैया कराती है.

ये भी पढ़ें- स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने किया रिम्स का औचक निरीक्षण, चाइल्ड वार्ड में उपकरणों और दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का दिया निर्देश


कैंटीन के संचालक फैजल बताते हैं कि रिम्स प्रबंधन की ओर से जिस दर में मरीज को भोजन मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है, उस दर में अभी तक मरीज को पौष्टिक आहार मिल जा रहा है. वहीं, रिम्स में भर्ती मरीज के परिजन ने कहा कि प्रबंधन की तरफ से मरीज को भोजन के साथ-साथ नाश्ता भी दिया जाता है. लेकिन भोजन की गुणवत्ता में अभी भी कई खामियां हैं. धनबाद के निरसा से आए एक मरीज ने बताया कि सब्जी और अन्य सामान तो कैंटीन की तरफ से बेहतर उपलब्ध कराए जाते हैं लेकिन रोटी और चावल की गुणवत्ता को सुधारने की जरूरत है.

देखें पूरी खबर
वहीं, रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. डीके सिन्हा बताते हैं कि किचन के इंचार्ज को प्रबंधन की ओर से जो भी डाइट चार्ट दिए गए हैं, उस हिसाब से ही फिलहाल मरीजों को भोजन मुहैया कराया जा रहा है. रिम्स में आने वाले गरीब मरीजों की सुनने के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि जिस तरह से पेट्रोल-डीजल और अन्य खाद्य पदार्थों के दामों में बढ़ोतरी हो रही है, उसका असर रिम्स के किचन पर भी थोड़ा बहुत देखने को मिल रहा है.

रांची: कहते हैं कि किसी मरीज के ठीक होने में दवा के साथ-साथ भोजन भी काफी महत्व रखता है. अच्छे भोजन के सेवन से मरीज पर दवा भी जल्द असर करती है, इसीलिए सभी बड़े अस्पतालों में मेडिकल सुविधा के साथ-साथ अच्छे भोजन की भी व्यवस्था की जाती है. राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स की बात करें तो यहां पर भी मरीजों को बेहतर भोजन कराने के लिए सरकारी स्तर पर कैंटीन संचालित की जाती है. मरीजों को पौष्टिक आहार मुहैया कराने के लिए रिम्स में "द जान" एंटरप्राइजेज कंपनी को प्रबंधन द्वारा जिम्मेदारी दी गई है, जो रिम्स में भर्ती मरीजों को दिन में तीन बार भोजन और दो बार नाश्ता मुहैया कराती है.

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कैंटीन के संचालक फैजल बताते हैं कि रिम्स प्रबंधन की ओर से जिस दर में मरीज को भोजन मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है, उस दर में अभी तक मरीज को पौष्टिक आहार मिल जा रहा है. वहीं, रिम्स में भर्ती मरीज के परिजन ने कहा कि प्रबंधन की तरफ से मरीज को भोजन के साथ-साथ नाश्ता भी दिया जाता है. लेकिन भोजन की गुणवत्ता में अभी भी कई खामियां हैं. धनबाद के निरसा से आए एक मरीज ने बताया कि सब्जी और अन्य सामान तो कैंटीन की तरफ से बेहतर उपलब्ध कराए जाते हैं लेकिन रोटी और चावल की गुणवत्ता को सुधारने की जरूरत है.

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वहीं, रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. डीके सिन्हा बताते हैं कि किचन के इंचार्ज को प्रबंधन की ओर से जो भी डाइट चार्ट दिए गए हैं, उस हिसाब से ही फिलहाल मरीजों को भोजन मुहैया कराया जा रहा है. रिम्स में आने वाले गरीब मरीजों की सुनने के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि जिस तरह से पेट्रोल-डीजल और अन्य खाद्य पदार्थों के दामों में बढ़ोतरी हो रही है, उसका असर रिम्स के किचन पर भी थोड़ा बहुत देखने को मिल रहा है.
Last Updated : Aug 7, 2021, 7:39 AM IST
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