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RIMS के डॉक्टरों ने एक बार फिर रचा कीर्तिमान, मरीज के दोनों घुटनों का एक साथ किया प्रत्यारोपण

रांची के रिम्स में पहली बार मरीज के दोनों घुटनों का एक साथ प्रत्यारोपण करने में डॉक्टर सफल रहें. इसको लेकर ऑर्थो विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एल बी मांझी ने कहा कि यह रिम्स के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. वहीं, मरीज ने डॉक्टरों को धन्यवाद दिया और डॉक्टरों से कहा कि अपाहिज होने से बचा लिया.

transplanting both knees of patient
मरीज
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Published : Jan 14, 2020, 1:54 PM IST

रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस ने एक बार फिर चिकित्सा की दुनिया में नया कीर्तिमान रचा है. रिम्स के ऑर्थो विभाग में पहली बार मरीज के दोनों घुटने का प्रत्यारोपण किया गया. बता दें कि बीएसएफ में कार्यरत 44 साल के पूरण सिंह के दोनों घुटनों में लगातार दर्द रहता था. जिसको लेकर उन्होंने रिम्स के ऑर्थो विभाग में डॉक्टरों से जांच कराया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें दोनों घुटनों को बदलने की सलाह दी.

देखें पूरी खबर

इसको लेकर ऑर्थो विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एल बी मांझी ने बताया कि रिम्स में एक ही मरीज के दोनों घुटने का रिप्लेसमेंट पहली बार किया गया है जो कि निश्चित रूप से रिम्स के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. रिम्स में पहले भी कई मरीजों का घुटना प्रत्यारोपित किया गया है लेकिन यह ऑपरेशन अपने आप में खास है क्योंकि रिम्स में पहली बार एक मरीज के दोनों घुटने का रिप्लेसमेंट किया गया है. उन्होंने कहा कि रिम्स में यह ऑपरेशन काफी सस्ते में होता है जबकि इसी ऑपरेशन के लिए बाहर लोगों को 5 से 6 लाख रुपए खर्च करने पड़ते हैं.

ऑर्थो विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एल बी मांझी बताते हैं कि इस तरह का ऑपरेशन रिम्स अस्पताल में आये दिन होनी चाहिए लेकिन फैकल्टी की कमी के कारण से इस तरह का ऑपरेशन लगातार नहीं हो पा रहा है. उनका कहना है कि इस ऑपरेशन के बाद निश्चित रूप से रिम्स के प्रति लोगों का भरोसा और भी बढ़ेगा.

ये भी देखें- 'खेलो इंडिया यूथ गेम्स' में 3 मेडल के साथ 19वें स्थान पर झारखंड, रिले में मिला ब्रॉन्ज

मरीज पूरण सिंह ने भी ऑपरेशन के सफल होने के बाद डॉक्टरों को धन्यवाद करते हुए कहा की डॉक्टर ने उनके घुटने का सफल ऑपरेशन किया और रिम्स के डॉक्टरों ने अपाहिज होने बचा लिया.

रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस ने एक बार फिर चिकित्सा की दुनिया में नया कीर्तिमान रचा है. रिम्स के ऑर्थो विभाग में पहली बार मरीज के दोनों घुटने का प्रत्यारोपण किया गया. बता दें कि बीएसएफ में कार्यरत 44 साल के पूरण सिंह के दोनों घुटनों में लगातार दर्द रहता था. जिसको लेकर उन्होंने रिम्स के ऑर्थो विभाग में डॉक्टरों से जांच कराया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें दोनों घुटनों को बदलने की सलाह दी.

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इसको लेकर ऑर्थो विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एल बी मांझी ने बताया कि रिम्स में एक ही मरीज के दोनों घुटने का रिप्लेसमेंट पहली बार किया गया है जो कि निश्चित रूप से रिम्स के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. रिम्स में पहले भी कई मरीजों का घुटना प्रत्यारोपित किया गया है लेकिन यह ऑपरेशन अपने आप में खास है क्योंकि रिम्स में पहली बार एक मरीज के दोनों घुटने का रिप्लेसमेंट किया गया है. उन्होंने कहा कि रिम्स में यह ऑपरेशन काफी सस्ते में होता है जबकि इसी ऑपरेशन के लिए बाहर लोगों को 5 से 6 लाख रुपए खर्च करने पड़ते हैं.

ऑर्थो विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एल बी मांझी बताते हैं कि इस तरह का ऑपरेशन रिम्स अस्पताल में आये दिन होनी चाहिए लेकिन फैकल्टी की कमी के कारण से इस तरह का ऑपरेशन लगातार नहीं हो पा रहा है. उनका कहना है कि इस ऑपरेशन के बाद निश्चित रूप से रिम्स के प्रति लोगों का भरोसा और भी बढ़ेगा.

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मरीज पूरण सिंह ने भी ऑपरेशन के सफल होने के बाद डॉक्टरों को धन्यवाद करते हुए कहा की डॉक्टर ने उनके घुटने का सफल ऑपरेशन किया और रिम्स के डॉक्टरों ने अपाहिज होने बचा लिया.

Intro:राज्य के सबसे बड़े अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस ने एक बार फिर चिकित्सा की दुनिया में नया कीर्तिमान रचा है।

रिम्स के ऑर्थो विभाग में पहली बार मरीज के दोनों घुटने का प्रत्यारोपण किया गया।

बीएसएफ में कार्यरत 44 वर्ष पूरण सिंह बताते हैं कि उनके दोनों घुटनों में लगातार दर्द हो रहा था जिसको लेकर उन्होंने रिम्स के ऑर्थो विभाग में डॉक्टरों से जांच कराया जहां डॉक्टरों ने उन्हें दोनों घुटनों को बदलने की सलाह दी।



Body:इसको लेकर ऑर्थो विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एल बी मांझी ने बताया कि रिम्स में एक ही मरीज के दोनों घुटने का रिप्लेसमेंट पहली बार किया गया है जो कि निश्चित रूप से रिम्स के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

रिम्स में पहले भी कई मरीज़ो का घुटना का प्रत्यारोपण किया गया है। लेकिन यह ऑपरेशन अपने आप में खास है क्योंकि रिम्स में पहली बार एक मरीज का दोनों घुटने का रिप्लेसमेंट किया गया है। वहीं उन्होंने बताया कि रिम्स में यह ऑपरेशन काफी सस्ते में होता है जबकि इसी ऑपरेशन के लिए बाहर लोगों को 5 से 6 लाख रुपए खर्च करने पड़ते हैं।

ऑर्थो विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एल बी मांझी बताते हैं कि इस तरह का ऑपरेशन रिम्स अस्पताल में आये दिन होनी चाहिए लेकिन फैकल्टी की कमी की वजह से इस तरह का ऑपरेशन लगातार नहीं हो पा रहा है लेकिन इस ऑपरेशन के बाद निश्चित रूप से रिम्स के प्रति लोगों का भरोसा और भी बढ़ेगा।


Conclusion:वही मरीज पूरण सिंह ने भी ऑपरेशन के सफल होने के बाद डॉक्टरों को धन्यवाद अदा करते हुए कहा की डॉक्टर द्वारा मेरे घुटने का सफल ऑपरेशन होने के बाद मुझे रिम्स के डॉक्टरों ने भगवान की तरह अपाहिज होते होते बचा लिया।

गौरतलब है कि रिम्स में राज्य भर से आए गरीब मरीज अपने आप को ठीक कराने कि आस से आते हैं और ऐसे में रिम्स के ऑर्थो विभाग के द्वारा यह जटिल ऑपरेशन निश्चित रूप से रिम्स में आए गरीब मरीजों की आशा और विश्वास को बढ़ाने का काम करेगा।

बाइट- एल बी मांझी,विभागाध्यक्ष, ऑर्थो विभाग।
बाइट- पूरण सिंह,मरीज़।
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